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जेट एयरवेज में नई जान फूंकने के लिए 'रोजा' प्लान

पेशेवरों ने यह 'रोजा' योजना भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और पंजाब नेशनल बैंक समेत एयरलाइन के प्रमुख कर्जदाताओं समक्ष रखी है. योजना के अनुसार, जेट एयरवेज के कर्मचारी पहले कंपनी का नियंत्रण अपने हाथों में लेंगे. वे मौजूदा कर्जदाताओं से कर्ज लेंगे और कंपनी में निवेश करेंगे और इस प्रकार कंपनी के साझेदार व स्वामी बनेंगे.

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Published : May 4, 2019, 7:57 PM IST

जेट एयरवेज में नई जान फूंकने के लिए 'रोजा' प्लान

नई दिल्ली: खराब वित्तीय हालत के चलते अस्थायी रूप से परिचालन बंद कर चुकी जेट एयरवेज में नई जान फूंकने और दोबारा परिचालन बहाल करने के लिए एक नई योजना तैयार की गई है. जेट एयरवेज के पेशेवरों का एक समूह ने एयरलाइन को दोबारा चालू करने के लिए इसके कर्जदाताओं के सामने 'रिवाइवल ऑफ जेट एयरवेज यानी रोजा' प्लान पेश किया है.

पेशेवरों ने यह 'रोजा' योजना भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और पंजाब नेशनल बैंक समेत एयरलाइन के प्रमुख कर्जदाताओं समक्ष रखी है. इससे पहले जेट एयरवेज के कर्मचारियों का एक वर्ग ने बाहरी निवेशकों से 3,000 करोड़ रुपये जुटाकर कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में लेने का प्रस्ताव दिया था.

ये भी पढ़ें- निजी क्षेत्र के लिए सहायता का विस्तार करे एडीबी: भारत

प्रतिष्ठित पेशेवर और जेटएयरवेज के अंशधारक और कंपनी को कर्ज देने वाले नौ बैंकों ने परिचालन बंद कर चुकी एयरलाइन को दोबारा चालू करने के लिए लेवरेज्ड बॉय-आउट प्लान (एलबीओ) तैयार किया है. शंकरन पी. रघुनाथन के नेतृत्व में पेशेवरों के समूह ने पायलटों, इंजीनियरों, कर्मचारी यूनियनों और बैंकरों समेत विभिन्न हितधारकों के सामने एयरलाइन को दोबारा चालू करने की योजना की प्रस्तुति दी है.

योजना के अनुसार, जेट एयरवेज के कर्मचारी पहले कंपनी का नियंत्रण अपने हाथों में लेंगे. वे मौजूदा कर्जदाताओं से कर्ज लेंगे और कंपनी में निवेश करेंगे और इस प्रकार कंपनी के साझेदार व स्वामी बनेंगे.

प्रस्तुति की समीक्षा आईएएनएस द्वारा की गई है जिसके अनुसार, बैंक कर्मचारियों को 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज दे सकते हैं. यह पर्सनल लोन के रूप में प्रत्येक कर्मचारी के छह महीने के का वेतन है. कर्मचारी इस पैसे का उपयोग करके एसबीआई से कंपनी की 51 फीसदी हिस्सेदारी और इतिहाद से 12.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में करेंगे. शेष 200 करोड़ रुपये कंपनी को नए शेयर के लिए दिए जाएंगे. इस प्रकार जेट एयरवेज का नियंत्रण कर्मचारियों के पास आ जाएगा.

योजना के तहत अगला कदम अक्सर विमान यात्रा करने वालों से धन जुटाना है. योजना के इस चरण में दो साल के लिए वैध 10,000 रुपये प्रति टिकट की दर से चार टिकट खरीदने वालों को पर्सनल लोन देने के लिए बैंक को तैयार किया जाएगा. इस प्रकार, टिकटों की पूर्व बिक्री से 8,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं.

एयर लाइन का नियंत्रण अपने हाथों में लेने का प्रस्ताव करने वाले कर्मचारी एक प्रस्ताव पास करेंगे जिसके तहत टिकट खरीदने वालों को वरीयता के आधार पर 150 रुपये प्रति शेयर की दर से 100 शेयर बेचेंगे जिससे 12,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं.

प्रस्तुति के अनुसार, इस 20,000 करोड़ रुपये की रकम का इस्तेमाल पांच साल के लिए कंपनी की कार्यशील पूंजी और कर्जदाताओं के भुगतान के लिए किया जाएगा. वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अपनी सारी उड़ानें अस्थायी रूप से रद्द करने की घोषणा कर दी थी.

नई दिल्ली: खराब वित्तीय हालत के चलते अस्थायी रूप से परिचालन बंद कर चुकी जेट एयरवेज में नई जान फूंकने और दोबारा परिचालन बहाल करने के लिए एक नई योजना तैयार की गई है. जेट एयरवेज के पेशेवरों का एक समूह ने एयरलाइन को दोबारा चालू करने के लिए इसके कर्जदाताओं के सामने 'रिवाइवल ऑफ जेट एयरवेज यानी रोजा' प्लान पेश किया है.

पेशेवरों ने यह 'रोजा' योजना भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और पंजाब नेशनल बैंक समेत एयरलाइन के प्रमुख कर्जदाताओं समक्ष रखी है. इससे पहले जेट एयरवेज के कर्मचारियों का एक वर्ग ने बाहरी निवेशकों से 3,000 करोड़ रुपये जुटाकर कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में लेने का प्रस्ताव दिया था.

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प्रतिष्ठित पेशेवर और जेटएयरवेज के अंशधारक और कंपनी को कर्ज देने वाले नौ बैंकों ने परिचालन बंद कर चुकी एयरलाइन को दोबारा चालू करने के लिए लेवरेज्ड बॉय-आउट प्लान (एलबीओ) तैयार किया है. शंकरन पी. रघुनाथन के नेतृत्व में पेशेवरों के समूह ने पायलटों, इंजीनियरों, कर्मचारी यूनियनों और बैंकरों समेत विभिन्न हितधारकों के सामने एयरलाइन को दोबारा चालू करने की योजना की प्रस्तुति दी है.

योजना के अनुसार, जेट एयरवेज के कर्मचारी पहले कंपनी का नियंत्रण अपने हाथों में लेंगे. वे मौजूदा कर्जदाताओं से कर्ज लेंगे और कंपनी में निवेश करेंगे और इस प्रकार कंपनी के साझेदार व स्वामी बनेंगे.

प्रस्तुति की समीक्षा आईएएनएस द्वारा की गई है जिसके अनुसार, बैंक कर्मचारियों को 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज दे सकते हैं. यह पर्सनल लोन के रूप में प्रत्येक कर्मचारी के छह महीने के का वेतन है. कर्मचारी इस पैसे का उपयोग करके एसबीआई से कंपनी की 51 फीसदी हिस्सेदारी और इतिहाद से 12.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में करेंगे. शेष 200 करोड़ रुपये कंपनी को नए शेयर के लिए दिए जाएंगे. इस प्रकार जेट एयरवेज का नियंत्रण कर्मचारियों के पास आ जाएगा.

योजना के तहत अगला कदम अक्सर विमान यात्रा करने वालों से धन जुटाना है. योजना के इस चरण में दो साल के लिए वैध 10,000 रुपये प्रति टिकट की दर से चार टिकट खरीदने वालों को पर्सनल लोन देने के लिए बैंक को तैयार किया जाएगा. इस प्रकार, टिकटों की पूर्व बिक्री से 8,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं.

एयर लाइन का नियंत्रण अपने हाथों में लेने का प्रस्ताव करने वाले कर्मचारी एक प्रस्ताव पास करेंगे जिसके तहत टिकट खरीदने वालों को वरीयता के आधार पर 150 रुपये प्रति शेयर की दर से 100 शेयर बेचेंगे जिससे 12,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं.

प्रस्तुति के अनुसार, इस 20,000 करोड़ रुपये की रकम का इस्तेमाल पांच साल के लिए कंपनी की कार्यशील पूंजी और कर्जदाताओं के भुगतान के लिए किया जाएगा. वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अपनी सारी उड़ानें अस्थायी रूप से रद्द करने की घोषणा कर दी थी.

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चक्रवाती तूफान फानी से बिजली, संचार, रेल, फसल और हवाई संपर्क को व्यापक नुकसान पहुंचा

नई दिल्ली: केंद्र ने कहा है कि चक्रवाती तूफान 'फानी' ने पुरी, भुवनेश्वर और ओडिशा के अन्य इलाकों में दूरसंचार और बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचाया है, जबकि शनिवार को राज्य में रेल और हवाई संपर्क बहाल हो रहा है. 

कैबिनेट सचिव पी. के. सिन्हा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने ओडिशा में इस चक्रवाती तूफान के दस्तक देने के एक दिन बाद ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के चक्रवात प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों की समीक्षा की.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "ओडिशा ने जानकारी दी है कि पुरी, भुवनेश्वर और अन्य इलाकों में दूरसंचार और बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचा है. हालांकि, एहतियाती उपायों और बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के चलते कम लोगों की जान गई."

पश्चिम बंगाल सरकार ने चक्रवात के हल्के प्रभाव को दर्ज किया जबकि आंध्र प्रदेश सरकार ने भारी बारिश होने और श्रीकाकुलम जिले में फसलों तथा सड़कों को कुछ नुकसान पहुंचने की सूचना दी है. 

बयान के मुताबिक रेलवे ने मुख्य लाइन दुरूस्त कर दी है और शनिवार तक डीजल इंजन वाली रेलगाड़ियों का आंशिक परिचालन शुरू हो जाएगा. भुवनेश्वर के लिए उड़ानें भी आज दोपहर से बहाल हो जाएंगी. 

कैबिनेट सचिव ने ऊर्जा मंत्रालय और दूरसंचार विभाग से ओडिशा सरकार को बिजली के खंभों, कर्मियों और डीजल जेनरेटर सेट मुहैया कर फौरन ही जरूरी सहायता पहुंचाने का निर्देश दिया है. भुवनेश्वर को बिजली की आपूर्ति करने वाली ट्रांसमिशन लाइन शनिवार तक बहाल होने की उम्मीद है. 

बयान में कहा गया है कि संचार विभाग ने संकेत दिया है कि मोबाइल सेवाएं भी आंशिक रूप से बहाल हो जाएंगी. बंदरगाहों और रिफाइनरी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने ओडिशा में राहत सहायता कार्य के लिए 16 अतिरिक्त टीमें भेजी हैं. इन टीमों ने ज्यादातर सड़कों पर गिरे पेड़ों और अन्य चीजों को हटा दिया है. 

भोजन, दवाइयां, पेयजल और अन्य आवश्यक वस्तुएं राज्यों की जरूरतों के मुताबिक हवाई मार्ग से भेजे जाने के लिए तैयार रखी गई हैं. बयान में कहा गया है कि रेलवे और नागरिक विमानन मंत्रालयों ने चक्रवात प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री मुफ्त में पहुंचाने का इंतजाम किया है.   

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), गृह, रक्षा, स्वास्थ्य, नागरिक विमानन, रेलवे, पेट्रोलियम, ऊर्जा, दूरसंचार, इस्पात, पेयजल एवं स्वच्छता, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालयों, मौसम विभाग, एनडीएमए और एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए. आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकारों के मुख्य एवं प्रधान सचिवों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एनसीएमसी की बैठक में हिस्सा लिया. 


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