मुंबई: रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी ने अपनी कंपनी को पूरी तरह से कर्ज मुक्त कर दिया है. रिलायंस इडस्ट्रीज ने पिछले दो महीनों में राइट्स इश्यू और वैश्विक निवेशकों से रिकॉर्ड 1.69 लाख करोड़ रुपये जुटाने के बाद कंपनी का शुद्ध ऋण शून्य हो गया है.
पिछले 58 दिनों में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेशकों से 1.15 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं. कंपनी ने यह राशि अपने जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड में हिस्सेदारी बेचकर जुटायी है. वहीं 53,124.20 करोड़ रुपये उसने राइट्स इश्यू जारी करके जुटाए हैं.
कंपनी ने एक बयान में कहा कि पिछले साल ईंधन विपणन कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ब्रिटेन की बीपी को 7,000 करोड़ रुपये में बेचने और हाल में हासिल निवेश से कंपनी ने कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटायी है.
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बयान क मुताबिक रिलायंस पर 31 मार्च 2020 की समाप्ति पर 1,61,035 करोड़ रुपये का शुद्ध ऋण था. इस निवेश के साथ ही रिलांयस का शुद्ध ऋण शून्य हो गया है.
देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो, जियो प्लेटफॉर्म्स का ही हिस्सा है. कंपनी ने फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल एटलांटिक, केकेआर, मुबाडला, एडीआईए, टीपीजी, एल कैटेरटन और पीआईएफ जैसे वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेशकों से 22 अप्रैल 2020 से अब तक 1,15,693.95 करोड़ रुपये की राशि जुटायी है.
बयान में कहा गया है कि 18 जून को सऊदी अरब के पीआईएफ के 11,367 करोड़ रुपये में जियो प्लेटफॉर्म्स की 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के साथ ही कंपनी के साथ वित्तीय सहयोगी जोड़ने का मौजूदा चरण खत्म हो गया है.
इसी के साथ-साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज ने देश का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू भी जारी किया. इसे 1.59 गुना अधिक अभिदान मिला. इस निर्गम का आकार 53,124 करोड़ रुपये रहा. हालांकि कंपनी को अभी इसका मात्र 25 प्रतिशत ही मिला है. शेष राशि का भुगतान अगले वित्त वर्ष में किया जाएगा.
अंबानी ने 12 अगस्त 2019 को कंपनी की वार्षिक आम बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध ऋण 31 मार्च 2021 तक शून्य करने का लक्ष्य पेश किया था.
उन्होंने कहा था कि कंपनी के पास खुद को शुद्ध ऋण से मुक्त बनाने के लिए अगले 18 महीने की पूरी योजना है.
शुक्रवार को अपने बयान में अंबानी ने कहा कि उन्हें अपना वादा पूरा करने की खुशी है. हम अपने शेयरधारकों और सभी हितधारकों की उम्मीद पर बार-बार खरे उतरे हैं, यह रिलायंस के डीएनए में है.
रिलायंस पर 1.61 लाख का था कर्ज जुटाए 1.75 लाख करोड़ रुपये
मार्च 2020 अंत तक कंपनी पर बकाया कर्ज 3,36,294 करोड़ रुपये है. इसके साथ ही कंपनी के पास 1,75,259 करोड़ रुपये नकदी थी. नकदी को समायोजित करने के बाद शुद्ध कर्ज 1,61,035 करोड़ रुपये बैठता है.
जानिए कर्ज मुक्त होने का गणित
- वैश्विक निवेशकों द्वारा निवेश - 1,15,693.95 करोड़ रुपये
- राइट इश्यू - 53,124.20 करोड़ रुपये
- रिलायंस बीपी सौदा - 7,000 करोड़ रुपये
- कुल फंड - 1,75 लाख करोड़ रुपये
- कुल कर्ज: 1,61,035 करोड़ रुपये
(पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)