नई दिल्ली: फ्रांस के प्रतिष्ठित अखबार 'ले मोंदे' ने दावा किया है कि भारत और फ्रांस के बीच 2015 में राफेल डील पर सहमति बनने के छह महीने बाद अनिल अंबानी की फ्रांस स्थिति कंपनी का 1200 करोड़ रुपये का टैक्स माफ कर दिया गया.
फ्रेंच अखबार की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 2015 से अक्टूबर 2015 के बीच, जब फ्रांस भारत के साथ राफेल डील पर बातचीत कर रहा था, अनिल अंबानी की कंपनी का 1200 करोड़ रुपये (143.7 मिलियन यूरो) टैक्स माफ कर दिया गया. उस समय जब भारत और फ्रांस 36 लड़ाकू विमानों की बिक्री पर बातचीत कर रहे थे.
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इस रिपोर्ट के बाद अनिल अंबानी समूह ने इस खबर को सिरे से खारिज कर दिया. अखबार के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी 23 मार्च 2015 को पेरिस जाकर वहां के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से मिलते हैं. उस वक्त ऑफसेट साझेदार एचएएल थी. बाद में मोदी जी जाते हैं और सौदे को बदल देते हैं. 21 सितंबर 2018 को फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद कहते हैं कि हमारे पास अनिल अंबानी के अलावा कोई विकल्प नहीं था.
फ्रेंच अखबार की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए रिलायंस कम्युनिकेशन ने अपने जारी बयान में कहा कि यह मामला 2008 से संबंधित है. इस मामले में किसी तरह का लाभ नहीं लिया गया.