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मुनाफारोधी प्राधिकरण ने नेस्ले की खिंचाई की, 73.15 करोड़ रुपये जमा करने को कहा

जीएसटी के तहत लाभ ग्राहकों को नहीं देने की शिकायतों की जांच के लिये गठित प्राधिकरण ने नेस्ले इंडिया की इस दलील को खारिज कर दिया कि उसने अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में कटौती कर 192 करोड़ रुपये का लाभ ग्राहकों को दिया.

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मुनाफारोधी प्राधिकरण ने नेस्ले की खिंचाई की, 73.15 करोड़ रुपये जमा करने को कहा
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Published : Dec 12, 2019, 10:49 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय मुनाफा रोधी प्राधिकरण (एनएए) ने दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली नेस्ले को उपभोक्ता कल्याण कोष में 73.15 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देने के एवज में यह जुर्माना लगाया गया है.

जीएसटी के तहत लाभ ग्राहकों को नहीं देने की शिकायतों की जांच के लिये गठित प्राधिकरण ने नेस्ले इंडिया की इस दलील को खारिज कर दिया कि उसने अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में कटौती कर 192 करोड़ रुपये का लाभ ग्राहकों को दिया.

आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए नेस्ले इंडिया ने कहा कि वह आदेश का अध्ययन करने के बाद उपयुक्त कानूनी कदम पर विचार करेगी.

प्राधिकरण ने कहा, "इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि प्रतिवादी (नेस्ले) ने कर कटौती को देखते हुए अपने सामान के दाम में कटौती की है. उल्टा उसने कई उत्पादों के मामले में दाम बढ़ाये."

एनएए ने अपने आदेश में कहा, "प्रतिवादी ने मनमाना तरीका अपनाकर गलत तरीके से 192 करोड़ रुपये की राशि का आकलन किया है और इसीलिए उक्त दावा सही नहीं है."

ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार ने किए 12,660 टन प्याज आयात के नए सौदे

प्राधिकरण ने तथ्यों के आधार पर कहा, "मुनाफा राशि 89,73,16,384 रुपये बनती है."

उसके अनुसार प्राधिकरण ने कीमत घटाने और 73,14,83,660 रुपये जमा करने को कहा. यह राशि 16,58,32,723 करोड़ रुपये घटाने के बाद निकाली गई है जो कंपनी पहले ही केंद्र तथा संबंधित राज्य सरकारों के उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा कर चुकी है.

प्राधिकरण के आदेश के बारे में नेस्ले ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि हमें इस बात का अफसोस है कि एनएए ने जीएसटी दर में कटौती का लाभ देने की हमारी प्रणाली को स्वीकार नहीं किया. उसने कहा कि हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और उपयुक्त कार्रवाई पर विचार करेंगे.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय मुनाफा रोधी प्राधिकरण (एनएए) ने दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली नेस्ले को उपभोक्ता कल्याण कोष में 73.15 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देने के एवज में यह जुर्माना लगाया गया है.

जीएसटी के तहत लाभ ग्राहकों को नहीं देने की शिकायतों की जांच के लिये गठित प्राधिकरण ने नेस्ले इंडिया की इस दलील को खारिज कर दिया कि उसने अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में कटौती कर 192 करोड़ रुपये का लाभ ग्राहकों को दिया.

आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए नेस्ले इंडिया ने कहा कि वह आदेश का अध्ययन करने के बाद उपयुक्त कानूनी कदम पर विचार करेगी.

प्राधिकरण ने कहा, "इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि प्रतिवादी (नेस्ले) ने कर कटौती को देखते हुए अपने सामान के दाम में कटौती की है. उल्टा उसने कई उत्पादों के मामले में दाम बढ़ाये."

एनएए ने अपने आदेश में कहा, "प्रतिवादी ने मनमाना तरीका अपनाकर गलत तरीके से 192 करोड़ रुपये की राशि का आकलन किया है और इसीलिए उक्त दावा सही नहीं है."

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प्राधिकरण ने तथ्यों के आधार पर कहा, "मुनाफा राशि 89,73,16,384 रुपये बनती है."

उसके अनुसार प्राधिकरण ने कीमत घटाने और 73,14,83,660 रुपये जमा करने को कहा. यह राशि 16,58,32,723 करोड़ रुपये घटाने के बाद निकाली गई है जो कंपनी पहले ही केंद्र तथा संबंधित राज्य सरकारों के उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा कर चुकी है.

प्राधिकरण के आदेश के बारे में नेस्ले ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि हमें इस बात का अफसोस है कि एनएए ने जीएसटी दर में कटौती का लाभ देने की हमारी प्रणाली को स्वीकार नहीं किया. उसने कहा कि हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और उपयुक्त कार्रवाई पर विचार करेंगे.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय मुनाफा रोधी प्राधिकरण (एनएए) ने दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली नेस्ले को उपभोक्ता कल्याण कोष में 73.15 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया है. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देने के एवज में यह जुर्माना लगाया गया है.

जीएसटी के तहत लाभ ग्राहकों को नहीं देने की शिकायतों की जांच के लिये गठित प्राधिकरण ने नेस्ले इंडिया की इस दलील को खारिज कर दिया कि उसने अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में कटौती कर 192 करोड़ रुपये का लाभ ग्राहकों को दिया.

आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए नेस्ले इंडिया ने कहा कि वह आदेश का अध्ययन करने के बाद उपयुक्त कानूनी कदम पर विचार करेगी.

प्राधिकरण ने कहा, "इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि प्रतिवादी (नेस्ले) ने कर कटौती को देखते हुए अपने सामान के दाम में कटौती की है. उल्टा उसने कई उत्पादों के मामले में दाम बढ़ाये."

एनएए ने अपने आदेश में कहा, "प्रतिवादी ने मनमाना तरीका अपनाकर गलत तरीके से 192 करोड़ रुपये की राशि का आकलन किया है और इसीलिए उक्त दावा सही नहीं है."

प्राधिकरण ने तथ्यों के आधार पर कहा, "मुनाफा राशि 89,73,16,384 रुपये बनती है."

उसके अनुसार प्राधिकरण ने कीमत घटाने और 73,14,83,660 रुपये जमा करने को कहा. यह राशि 16,58,32,723 करोड़ रुपये घटाने के बाद निकाली गई है जो कंपनी पहले ही केंद्र तथा संबंधित राज्य सरकारों के उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा कर चुकी है.

प्राधिकरण के आदेश के बारे में नेस्ले ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि हमें इस बात का अफसोस है कि एनएए ने जीएसटी दर में कटौती का लाभ देने की हमारी प्रणाली को स्वीकार नहीं किया. उसने कहा कि हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और उपयुक्त कार्रवाई पर विचार करेंगे.

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