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फ्रांस्वा बेटनकोर्ट बनीं दुनिया की सबसे अमीर महिला

फोर्ब्स द्वारा हाल ही में जारी दुनिया के रईस लोगों की सूची में फ्रांस की कॉस्मेटिक कंपनी लॉरियल की वारिस फ्रांस्वा बेटनकोर्ट को 15वां स्थान मिला है. चूंकि इस सूची में उनसे ऊपर सभी पुरूष हैं इसलिए उन्हें दुनिया की सबसे अमीर महिला माना गया है.

फ्रांस्वा बेटनकोर्ट।
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Published : Mar 10, 2019, 4:41 PM IST

नई दिल्ली : खूबसूरत दिखने के लिए दुनियाभर में महिलाएं ही नहीं पुरूष भी तरह तरह के सौंदर्य प्रसाधन इस्तेमाल करते हैं. क्रीम, फाउंडेशन, शैंपू और हेयर कलर जैसे उत्पादों से उनकी खूबसूरती कितनी बढ़ती है, यह तो कोई नहीं जानता, लेकिन इन तमाम लोगों की जेब से निकलने वाले पैसे ने फ्रांस की सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनी लॉरियल की मालकिन को दुनिया की सबसे अमीर महिला जरूर बना दिया है. आज आलम यह है कि इस कंपनी की मालकिन की संपति 51 अरब डालर पर पहुंच चुकी है.

फोर्ब्स द्वारा हाल ही में जारी दुनिया के रईस लोगों की सूची में फ्रांस की कॉस्मेटिक कंपनी लॉरियल की वारिस फ्रांस्वा बेटनकोर्ट को 15वां स्थान मिला है. चूंकि इस सूची में उनसे ऊपर सभी पुरूष हैं इसलिए उन्हें दुनिया की सबसे अमीर महिला माना गया है. यह सच है कि फ्रांस्वा को यह दौलत उनकी मेहनत से नही बल्कि किस्मत से मिली है, लेकिन पिछले दो साल में उन्होंने कंपनी और अपनी संपति में इजाफा किया है.

वह लिलियन बेटनकोर्ट की पुत्री हैं, जिनकी 2017 में मौत होने के बाद तमाम संपति इकलौती बेटी फ्रांस्वा को मिली. इस परिवार का फोर्ब्स की सूची में आना कोई नई बात नहीं है. फ्रांस्वा से पहले उनकी मां लिलियन दुनिया की सबसे अमीर महिला और दुनिया की 14वीं सबसे अमीर शख्स थीं और 2017 में उनकी संपत्ति 44.3 अरब डॉलर थी. 2005 में फोर्ब्स ने लिलियन को दुनिया की 39वीं सबसे ताकतवर महिला बताया था.

लिलियन बेटनकोर्ट का जन्म पेरिस में हुआ था और वह अपने माता पिता की इकलौती संतान थीं. उनके पिता यूगेन शूलर ने साल 1909 में लॉरियल की शुरुआत की थी. लिलियन मात्र 5 साल की थीं जब उनकी मां का देहांत हो गया. वह अपने पिता के बहुत नजदीक रहीं और बहुत कम उम्र में कंपनी के कामों में उनका हाथ बंटाने लगीं। समय के साथ कंपनी बढ़ती रही और साल 1950 में लिलियन ने राजनीतिज्ञ आंद्रे बेटनकोर्ट से शादी कर ली. उनके यहां 10 जुलाई 1953 को फ्रांस्वा बेटनकोर्ट का जन्म हुआ.

फ्रांस्वा को इस कंपनी की सर्वेसर्वा होने के अलावा बाइबल पर टिप्पणियों और यहूदी-ईसाई संबंधों पर उनकी सशक्त लेखनी के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने ज्यां पियरे मीयर्स से विवाह किया और दोनों के दो बच्चे हैं, जिनकी उन्होंने यहूदी परंपरा के अनुसार परवरिश की है. 2017 में कंपनी की कमान संभालने वाली फ्रांस्वा की उपलब्धियों की बात करें तो बेटनकोर्ट के नेतृत्व में लॉरियल कंपनी ने वर्ष 2018 में बिक्री का रिकार्ड बनाते हुए पिछले एक दशक में बिक्री में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की.

वह 1997 से लॉरियल के बोर्ड में शामिल रही हैं और कंपनी की चेयरपर्सन हैं. वह अपने परिवार के समाज सुधार के कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं और उनके द्वारा चलाये जा रहे फाउंडेशन ने देश में विज्ञान और कला की प्रगति में उल्लेखनीय योगदान दिया है. देश में सौंदर्य प्रसाधनों का कारोबार जिस तेजी से बढ़ रहा है और अब तो पुरूषों ने भी इस क्षेत्र में महिलाओं को टक्कर देना शुरू कर दिया है. ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं अगर यह कंपनी आने वाले दशकों में भी बिक्री में वृद्धि के नये रिकार्ड कायम करे और फ्रांस्वा की कमाई इसी तरह बढ़ती रहे.
(भाषा)
पढ़ें : वित्तीय सुरक्षा के मामले में पुरुषों से काफी पीछे हैं महिलाएं: सर्वेक्षण

नई दिल्ली : खूबसूरत दिखने के लिए दुनियाभर में महिलाएं ही नहीं पुरूष भी तरह तरह के सौंदर्य प्रसाधन इस्तेमाल करते हैं. क्रीम, फाउंडेशन, शैंपू और हेयर कलर जैसे उत्पादों से उनकी खूबसूरती कितनी बढ़ती है, यह तो कोई नहीं जानता, लेकिन इन तमाम लोगों की जेब से निकलने वाले पैसे ने फ्रांस की सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनी लॉरियल की मालकिन को दुनिया की सबसे अमीर महिला जरूर बना दिया है. आज आलम यह है कि इस कंपनी की मालकिन की संपति 51 अरब डालर पर पहुंच चुकी है.

फोर्ब्स द्वारा हाल ही में जारी दुनिया के रईस लोगों की सूची में फ्रांस की कॉस्मेटिक कंपनी लॉरियल की वारिस फ्रांस्वा बेटनकोर्ट को 15वां स्थान मिला है. चूंकि इस सूची में उनसे ऊपर सभी पुरूष हैं इसलिए उन्हें दुनिया की सबसे अमीर महिला माना गया है. यह सच है कि फ्रांस्वा को यह दौलत उनकी मेहनत से नही बल्कि किस्मत से मिली है, लेकिन पिछले दो साल में उन्होंने कंपनी और अपनी संपति में इजाफा किया है.

वह लिलियन बेटनकोर्ट की पुत्री हैं, जिनकी 2017 में मौत होने के बाद तमाम संपति इकलौती बेटी फ्रांस्वा को मिली. इस परिवार का फोर्ब्स की सूची में आना कोई नई बात नहीं है. फ्रांस्वा से पहले उनकी मां लिलियन दुनिया की सबसे अमीर महिला और दुनिया की 14वीं सबसे अमीर शख्स थीं और 2017 में उनकी संपत्ति 44.3 अरब डॉलर थी. 2005 में फोर्ब्स ने लिलियन को दुनिया की 39वीं सबसे ताकतवर महिला बताया था.

लिलियन बेटनकोर्ट का जन्म पेरिस में हुआ था और वह अपने माता पिता की इकलौती संतान थीं. उनके पिता यूगेन शूलर ने साल 1909 में लॉरियल की शुरुआत की थी. लिलियन मात्र 5 साल की थीं जब उनकी मां का देहांत हो गया. वह अपने पिता के बहुत नजदीक रहीं और बहुत कम उम्र में कंपनी के कामों में उनका हाथ बंटाने लगीं। समय के साथ कंपनी बढ़ती रही और साल 1950 में लिलियन ने राजनीतिज्ञ आंद्रे बेटनकोर्ट से शादी कर ली. उनके यहां 10 जुलाई 1953 को फ्रांस्वा बेटनकोर्ट का जन्म हुआ.

फ्रांस्वा को इस कंपनी की सर्वेसर्वा होने के अलावा बाइबल पर टिप्पणियों और यहूदी-ईसाई संबंधों पर उनकी सशक्त लेखनी के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने ज्यां पियरे मीयर्स से विवाह किया और दोनों के दो बच्चे हैं, जिनकी उन्होंने यहूदी परंपरा के अनुसार परवरिश की है. 2017 में कंपनी की कमान संभालने वाली फ्रांस्वा की उपलब्धियों की बात करें तो बेटनकोर्ट के नेतृत्व में लॉरियल कंपनी ने वर्ष 2018 में बिक्री का रिकार्ड बनाते हुए पिछले एक दशक में बिक्री में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की.

वह 1997 से लॉरियल के बोर्ड में शामिल रही हैं और कंपनी की चेयरपर्सन हैं. वह अपने परिवार के समाज सुधार के कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं और उनके द्वारा चलाये जा रहे फाउंडेशन ने देश में विज्ञान और कला की प्रगति में उल्लेखनीय योगदान दिया है. देश में सौंदर्य प्रसाधनों का कारोबार जिस तेजी से बढ़ रहा है और अब तो पुरूषों ने भी इस क्षेत्र में महिलाओं को टक्कर देना शुरू कर दिया है. ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं अगर यह कंपनी आने वाले दशकों में भी बिक्री में वृद्धि के नये रिकार्ड कायम करे और फ्रांस्वा की कमाई इसी तरह बढ़ती रहे.
(भाषा)
पढ़ें : वित्तीय सुरक्षा के मामले में पुरुषों से काफी पीछे हैं महिलाएं: सर्वेक्षण

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नई दिल्ली : खूबसूरत दिखने के लिए दुनियाभर में महिलाएं ही नहीं पुरूष भी तरह तरह के सौंदर्य प्रसाधन इस्तेमाल करते हैं. क्रीम, फाउंडेशन, शैंपू और हेयर कलर जैसे उत्पादों से उनकी खूबसूरती कितनी बढ़ती है, यह तो कोई नहीं जानता, लेकिन इन तमाम लोगों की जेब से निकलने वाले पैसे ने फ्रांस की सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनी लॉरियल की मालकिन को दुनिया की सबसे अमीर महिला जरूर बना दिया है. आज आलम यह है कि इस कंपनी की मालकिन की संपति 51 अरब डालर पर पहुंच चुकी है.



फोर्ब्स द्वारा हाल ही में जारी दुनिया के रईस लोगों की सूची में फ्रांस की कॉस्मेटिक कंपनी लॉरियल की वारिस फ्रांस्वा बेटनकोर्ट को 15वां स्थान मिला है. चूंकि इस सूची में उनसे ऊपर सभी पुरूष हैं इसलिए उन्हें दुनिया की सबसे अमीर महिला माना गया है. यह सच है कि फ्रांस्वा को यह दौलत उनकी मेहनत से नही बल्कि किस्मत से मिली है, लेकिन पिछले दो साल में उन्होंने कंपनी और अपनी संपति में इजाफा किया है.

वह लिलियन बेटनकोर्ट की पुत्री हैं, जिनकी 2017 में मौत होने के बाद तमाम संपति इकलौती बेटी फ्रांस्वा को मिली. इस परिवार का फोर्ब्स की सूची में आना कोई नई बात नहीं है. फ्रांस्वा से पहले उनकी मां लिलियन दुनिया की सबसे अमीर महिला और दुनिया की 14वीं सबसे अमीर शख्स थीं और 2017 में उनकी संपत्ति 44.3 अरब डॉलर थी. 2005 में फोर्ब्स ने लिलियन को दुनिया की 39वीं सबसे ताकतवर महिला बताया था.

लिलियन बेटनकोर्ट का जन्म पेरिस में हुआ था और वह अपने माता पिता की इकलौती संतान थीं. उनके पिता यूगेन शूलर ने साल 1909 में लॉरियल की शुरुआत की थी. लिलियन मात्र 5 साल की थीं जब उनकी मां का देहांत हो गया. वह अपने पिता के बहुत नजदीक रहीं और बहुत कम उम्र में कंपनी के कामों में उनका हाथ बंटाने लगीं। समय के साथ कंपनी बढ़ती रही और साल 1950 में लिलियन ने राजनीतिज्ञ आंद्रे बेटनकोर्ट से शादी कर ली. उनके यहां 10 जुलाई 1953 को फ्रांस्वा बेटनकोर्ट का जन्म हुआ.

फ्रांस्वा को इस कंपनी की सर्वेसर्वा होने के अलावा बाइबल पर टिप्पणियों और यहूदी-ईसाई संबंधों पर उनकी सशक्त लेखनी के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने ज्यां पियरे मीयर्स से विवाह किया और दोनों के दो बच्चे हैं, जिनकी उन्होंने यहूदी परंपरा के अनुसार परवरिश की है. 2017 में कंपनी की कमान संभालने वाली फ्रांस्वा की उपलब्धियों की बात करें तो बेटनकोर्ट के नेतृत्व में लॉरियल कंपनी ने वर्ष 2018 में बिक्री का रिकार्ड बनाते हुए पिछले एक दशक में बिक्री में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की.

वह 1997 से लॉरियल के बोर्ड में शामिल रही हैं और कंपनी की चेयरपर्सन हैं. वह अपने परिवार के समाज सुधार के कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं और उनके द्वारा चलाये जा रहे फाउंडेशन ने देश में विज्ञान और कला की प्रगति में उल्लेखनीय योगदान दिया है. देश में सौंदर्य प्रसाधनों का कारोबार जिस तेजी से बढ़ रहा है और अब तो पुरूषों ने भी इस क्षेत्र में महिलाओं को टक्कर देना शुरू कर दिया है. ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं अगर यह कंपनी आने वाले दशकों में भी बिक्री में वृद्धि के नये रिकार्ड कायम करे और फ्रांस्वा की कमाई इसी तरह बढ़ती रहे.

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