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आर्थिक पैकेज: अच्छा या खराब, जानिए किसने क्या कहा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को रक्षा और कोयला खनन में सुधार के उपायों की घोषणा की. राजनीतिक नेताओं और उद्योग के प्रतिनिधियों ने सुधार के फैसले के लिए सरकार की सराहना की है, लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियों ने इसे बेकार बताया. जानिए किसने क्या कहा....

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Published : May 16, 2020, 11:40 PM IST

आर्थिक पैकेज: अच्छा या खराब, जानिए किसने क्या कहा
आर्थिक पैकेज: अच्छा या खराब, जानिए किसने क्या कहा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज को लेकर उद्योग जगत ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब अर्थव्यवस्था को गति मिलने के साथ मेक इन इंडिया को भी बल मिलेगा.

उद्योग मंडलों का कहना है कि आर्थिक पैकेज से अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने में मदद मिलेगी और आर्थिक वृद्धि को भी नई गति मिलेगी. आइये जानते हैं इस एलान पर किसने क्या कहा.

आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त से कारोबार के अवसर बढ़ेंगे: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार द्वारा शनिवार को घोषित आर्थिक उपायों से कारोबार के अवसर बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने में मदद मिलेगी.

मोदी ने ट्वीट किया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को जो घोषणाएं की हैं उनमें कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों मसलन कोयला, खनिज, रक्षा, विमानन, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा को शामिल किया गया है.

प्रधानमंत्री ने कहा, "इन उपायों और सुधारों से कारोबार के नए अवसर पैदा होंगे. इनसे आर्थिक रूपांतरण में मदद मिलेगी."

रोजगार बढ़ाने में मददगार है यह पैकेज: सीआईआई

भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि घोषणाएं स्थानीय विनिर्माण, आयात को कम करने और रोजगार बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री के आत्मानिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आकार देती हैं.

उन्होंने कहा, "हमारा मानना ​​है कि आज घोषित की गई नीतियां भारत की वैश्विक व्यस्तता को अधिक फंड प्रवाह और घरेलू उद्योग की उच्च प्रतिस्पर्धा के साथ प्रोत्साहित करेंगी."

सरकार के संकल्प को प्रदर्शित करता है पैकेज: एसोचैम

एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, "वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अनावरण किए गए रक्षा उत्पादन, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और वाणिज्यिक कोयला खनन जैसे सबसे महत्वपूर्ण और रणनीतिक क्षेत्रों में प्रमुख नीतिगत निर्णय सरकार के संकल्प को प्रदर्शित करते हैं.

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा रोजगार के अवसर लाएगा यह पैकेज

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डी.के. अग्रवाल ने कहा कि संरचनात्मक सुधार देश में औद्योगिक और सामाजिक विकास को एक बड़ा धक्का देंगे और टेक्नोक्रेट, कुशल, अर्ध- के लिए नए रोजगार के अवसरों के साथ एक आत्मनिर्भर न्यू इंडिया का नेतृत्व करेंगे.

बिजली वितरण का निजीकरण बेहतरीन कदम: पीडब्ल्यूसी इंडिया

पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर के सांबितोष महापात्रा ने कहा कि बिजली वितरण का निजीकरण किया जाना एक रोमांचक कदम है. ये छोटी और प्रबंधनीय इकाइयाँ हैं. यह भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों, विभिन्न पीपीपी के लिए निजी क्षेत्र की भूख पैदा करने में मदद करेगी. मॉडल का परीक्षण किया जाएगा और संभावित दक्षता में सुधार और ग्राहक सगाई मॉडल का त्वरित प्रदर्शन.

रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने और आयुध कारखानों के निजीकरण के प्रयास निंदनीय: कांग्रेस

कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की घोषणा किए जाने के बाद शनिवार को कहा कि रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा का बढ़ाया जाना और आयुध कारखानों के निजीकरण का प्रयास निंदनीय है क्योंकि ये विषय देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़े हैं.

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह भी कहा कि सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताना चाहिए कि अब तक की घोषणाओं से देश के आम लोगों की जेब में कितना पैसा गया?

महामारी के बहाने सार्वनिक संपत्तियों का निजीकरण कर रही है सरकार: वाम दल

देश के प्रमुख वामपंथी दलों ने आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त को लेकर शनिवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सरकार कोविड-19 की महामारी का इस्तेमाल देश की सार्वजनिक संपत्तियों के निजीकरण के लिए कर रही है.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, "लॉकडाउन और महामारी का इस्तेमाल पूंजीपतियों के एजेंडे को थोपने और मोटा मुनाफा कमाने के लिए करना अमानवीय है. राष्ट्रीय संपत्तियों को लूटने से आत्म निर्भरता खत्म हो जाती है."

सरकार का आर्थिक पैकेज मौद्रिक, राजकोषीय और सुधारवादी कदमों का मिश्रण: भाजपा

केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज की कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों द्वारा की गई आलोचना को खारिज करते हुए भाजपा ने शनिवार को कहा कि यह पैकेज मौद्रिक, राजकोषीय और सुधारवादी कदमों का मिश्रण है. इस पैकेज में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये विनिर्माण, लघु उद्यम, आधारभूत ढांचा एवं कृषि क्षेत्र पर जोर देने एवं कमजोर वर्गो को सशक्त बनाने की रूपरेखा पेश की गई है.

ये भी पढ़ें- पीपीपी मॉडल के तहत छह अन्य हवाईअड्डों की नीलामी करेगी सरकार

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज को लेकर उद्योग जगत ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब अर्थव्यवस्था को गति मिलने के साथ मेक इन इंडिया को भी बल मिलेगा.

उद्योग मंडलों का कहना है कि आर्थिक पैकेज से अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने में मदद मिलेगी और आर्थिक वृद्धि को भी नई गति मिलेगी. आइये जानते हैं इस एलान पर किसने क्या कहा.

आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त से कारोबार के अवसर बढ़ेंगे: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार द्वारा शनिवार को घोषित आर्थिक उपायों से कारोबार के अवसर बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने में मदद मिलेगी.

मोदी ने ट्वीट किया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को जो घोषणाएं की हैं उनमें कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों मसलन कोयला, खनिज, रक्षा, विमानन, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा को शामिल किया गया है.

प्रधानमंत्री ने कहा, "इन उपायों और सुधारों से कारोबार के नए अवसर पैदा होंगे. इनसे आर्थिक रूपांतरण में मदद मिलेगी."

रोजगार बढ़ाने में मददगार है यह पैकेज: सीआईआई

भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि घोषणाएं स्थानीय विनिर्माण, आयात को कम करने और रोजगार बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री के आत्मानिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आकार देती हैं.

उन्होंने कहा, "हमारा मानना ​​है कि आज घोषित की गई नीतियां भारत की वैश्विक व्यस्तता को अधिक फंड प्रवाह और घरेलू उद्योग की उच्च प्रतिस्पर्धा के साथ प्रोत्साहित करेंगी."

सरकार के संकल्प को प्रदर्शित करता है पैकेज: एसोचैम

एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, "वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अनावरण किए गए रक्षा उत्पादन, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और वाणिज्यिक कोयला खनन जैसे सबसे महत्वपूर्ण और रणनीतिक क्षेत्रों में प्रमुख नीतिगत निर्णय सरकार के संकल्प को प्रदर्शित करते हैं.

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा रोजगार के अवसर लाएगा यह पैकेज

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डी.के. अग्रवाल ने कहा कि संरचनात्मक सुधार देश में औद्योगिक और सामाजिक विकास को एक बड़ा धक्का देंगे और टेक्नोक्रेट, कुशल, अर्ध- के लिए नए रोजगार के अवसरों के साथ एक आत्मनिर्भर न्यू इंडिया का नेतृत्व करेंगे.

बिजली वितरण का निजीकरण बेहतरीन कदम: पीडब्ल्यूसी इंडिया

पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर के सांबितोष महापात्रा ने कहा कि बिजली वितरण का निजीकरण किया जाना एक रोमांचक कदम है. ये छोटी और प्रबंधनीय इकाइयाँ हैं. यह भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों, विभिन्न पीपीपी के लिए निजी क्षेत्र की भूख पैदा करने में मदद करेगी. मॉडल का परीक्षण किया जाएगा और संभावित दक्षता में सुधार और ग्राहक सगाई मॉडल का त्वरित प्रदर्शन.

रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने और आयुध कारखानों के निजीकरण के प्रयास निंदनीय: कांग्रेस

कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की घोषणा किए जाने के बाद शनिवार को कहा कि रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा का बढ़ाया जाना और आयुध कारखानों के निजीकरण का प्रयास निंदनीय है क्योंकि ये विषय देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़े हैं.

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह भी कहा कि सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताना चाहिए कि अब तक की घोषणाओं से देश के आम लोगों की जेब में कितना पैसा गया?

महामारी के बहाने सार्वनिक संपत्तियों का निजीकरण कर रही है सरकार: वाम दल

देश के प्रमुख वामपंथी दलों ने आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त को लेकर शनिवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि सरकार कोविड-19 की महामारी का इस्तेमाल देश की सार्वजनिक संपत्तियों के निजीकरण के लिए कर रही है.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, "लॉकडाउन और महामारी का इस्तेमाल पूंजीपतियों के एजेंडे को थोपने और मोटा मुनाफा कमाने के लिए करना अमानवीय है. राष्ट्रीय संपत्तियों को लूटने से आत्म निर्भरता खत्म हो जाती है."

सरकार का आर्थिक पैकेज मौद्रिक, राजकोषीय और सुधारवादी कदमों का मिश्रण: भाजपा

केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज की कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों द्वारा की गई आलोचना को खारिज करते हुए भाजपा ने शनिवार को कहा कि यह पैकेज मौद्रिक, राजकोषीय और सुधारवादी कदमों का मिश्रण है. इस पैकेज में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये विनिर्माण, लघु उद्यम, आधारभूत ढांचा एवं कृषि क्षेत्र पर जोर देने एवं कमजोर वर्गो को सशक्त बनाने की रूपरेखा पेश की गई है.

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