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आईओसी पाइपलाइन परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण करेगी, कई निवेशकों ने दिखाई दिलचस्पी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के अपने बजट में आईओसी, गेल (इंडिया) लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की तेल और गैस पाइपलाइन परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण की घोषणा की थी.

आईओसी पाइपलाइन परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण करेगी, कई निवेशकों ने दिखाई दिलचस्पी
आईओसी पाइपलाइन परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण करेगी, कई निवेशकों ने दिखाई दिलचस्पी
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Published : Feb 2, 2021, 4:39 PM IST

नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के निदेशक (वित्त) संदीप कुमार गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि कंपनी अपने कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की पाइपलाइन के विशाल नेटवर्क में एक या दो को बेच सकती है, लेकिन वह इन पर अपना नियंत्रण नहीं छोड़ेगी.

उन्होंने विश्लेषकों और निवेशकों के साथ एक कॉन्फ्रेंस में कहा, 'इन्विट (अवसंरचना निवेश ट्रस्ट) एक मॉडल हो सकता है, जिस पर हम विचार कर सकते हैं, लेकिन हम 100 फीसदी नहीं बेचेंगे. हम परिचालक बने रहेंगे.'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के अपने बजट में आईओसी, गेल (इंडिया) लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की तेल और गैस पाइपलाइन परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण की घोषणा की थी.

गुप्ता ने कहा कि आईओसी की पाइपलाइन परिसंपत्तियों में बहुत अधिक संभावनाएं हैं और बहुत सारे निवेशक इन परिसंपत्तियों में निवेश करना चाह रहे हैं, हालांकि, उन्होंने निवेशकों का नाम नहीं बताए. आईओसी 14,600 किलोमीटर से अधिक लंबी पाइपलाइनों का एक नेटवर्क संचालित करती है.

ये भी पढ़ें : भारत का निकट अवधि में राजकोषीय घाटा अनुमान से अधिक : फिच

गुप्ता ने कहा कि कंपनी पाइपलाइनों का नियंत्रित नहीं छोड़ सकती क्योंकि वे कंपनी के संचालन के लिए महत्वपूर्ण हैं. पाइपलाइनों में केवल एक अल्पांश हिस्सेदारी बेची जाएगी.

उन्होंने कहा कि इस तरह के मौद्रीकरण से हाइड्रोजन ईंधन के उत्पादन, नवीकरणीय ऊर्जा या पेट्रोकेमिकल संयंत्र जैसी परियोजनाओं के लिए पूंजीगत व्यय को बढ़ाया जा सकता है. सरकार की आईओसी में 51.50 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वह विशेष लाभांश की मांग भी कर सकती है.

उन्होंने कहा, 'हम शुरुआत में एक या दो पाइपलाइनों में हिस्सेदारी बेच सकते हैं.'

गेल भी दाहेज और बेंगलुरु के बीच अपनी दो गैस पाइपलाइनों के लिए इन्विट लाने की योजना बना रही है. गुप्ता ने उम्मीद जताई कि मार्च के बाद कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आएगी.

नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के निदेशक (वित्त) संदीप कुमार गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि कंपनी अपने कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की पाइपलाइन के विशाल नेटवर्क में एक या दो को बेच सकती है, लेकिन वह इन पर अपना नियंत्रण नहीं छोड़ेगी.

उन्होंने विश्लेषकों और निवेशकों के साथ एक कॉन्फ्रेंस में कहा, 'इन्विट (अवसंरचना निवेश ट्रस्ट) एक मॉडल हो सकता है, जिस पर हम विचार कर सकते हैं, लेकिन हम 100 फीसदी नहीं बेचेंगे. हम परिचालक बने रहेंगे.'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के अपने बजट में आईओसी, गेल (इंडिया) लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की तेल और गैस पाइपलाइन परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण की घोषणा की थी.

गुप्ता ने कहा कि आईओसी की पाइपलाइन परिसंपत्तियों में बहुत अधिक संभावनाएं हैं और बहुत सारे निवेशक इन परिसंपत्तियों में निवेश करना चाह रहे हैं, हालांकि, उन्होंने निवेशकों का नाम नहीं बताए. आईओसी 14,600 किलोमीटर से अधिक लंबी पाइपलाइनों का एक नेटवर्क संचालित करती है.

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गुप्ता ने कहा कि कंपनी पाइपलाइनों का नियंत्रित नहीं छोड़ सकती क्योंकि वे कंपनी के संचालन के लिए महत्वपूर्ण हैं. पाइपलाइनों में केवल एक अल्पांश हिस्सेदारी बेची जाएगी.

उन्होंने कहा कि इस तरह के मौद्रीकरण से हाइड्रोजन ईंधन के उत्पादन, नवीकरणीय ऊर्जा या पेट्रोकेमिकल संयंत्र जैसी परियोजनाओं के लिए पूंजीगत व्यय को बढ़ाया जा सकता है. सरकार की आईओसी में 51.50 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वह विशेष लाभांश की मांग भी कर सकती है.

उन्होंने कहा, 'हम शुरुआत में एक या दो पाइपलाइनों में हिस्सेदारी बेच सकते हैं.'

गेल भी दाहेज और बेंगलुरु के बीच अपनी दो गैस पाइपलाइनों के लिए इन्विट लाने की योजना बना रही है. गुप्ता ने उम्मीद जताई कि मार्च के बाद कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आएगी.

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