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इन्फोसिस के सीईओ और सीएफओ पर लगे अनैतिक तरीके से आमदनी बढ़ाने के आरोप

देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस को लेकर व्हिसलब्लोअर ने 20 सितंबर को इस मामले से जुड़ी एक चिट्ठी इन्फोसिस बोर्ड को लिखी है. साथ ही उन्होंने अमेरिकी शेयर बाजार के रिसर्चर यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सिलिशन कमीशन को भी एक चिट्ठी दी गई है.

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Published : Oct 21, 2019, 6:43 PM IST

इन्फोसिस के सीईओ और सीएफओ पर लगे अनैतिक तरीके से आमदनी बढ़ाने के आरोप

नई दिल्ली: इंफोसिस के अनाम कर्मचारियों के एक समूह ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी निलांजन रॉय पर लघु अवधि में आय और लाभ बढ़ाने के लिए अनैतिक व्यवहारों में लिप्त होने की शिकायत की है.

कंपनी के निदेशक मंडल को 20 सितंबर को लिखे पत्र में समूह ने कहा, "हालिया तिमाहियों में मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा किए गए अनैतिक व्यवहार को हम आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं. लघु अवधि में आय और लाभ को बढ़ाने के लिए इसी तरह के कदम चालू तिमाही में भी उठाए गए हैं."

ये भी पढ़ें- संसद का शीत सत्र 18 नवंबर से, महत्वपूर्ण वित्त अध्यादेश बन सकते हैं कानून

व्हिसिलब्लोबर का यह समूह खुद को नैतिक कर्मी कहता है. उनका दावा है कि उनके पास उनके आरोपों को साबित करने के लिए ईमेल और वॉयस रिकॉर्डिंग हैं. व्हिसिलब्लोअर उस व्यक्ति को कहा जाता है जो किसी संस्थान में होने वाली गलतियों को उजागर करता है.

उन्होंने पत्र में उम्मीद जतायी कि निदेशक मंडल इस पर तत्काल जांच कर कार्रवाई करेगा.

इंफोसिस ने एक बयान में कहा, "कंपनी की प्रक्रिया के तहत व्हिसिलब्लोअर की शिकायत को ऑडिट समिति के समक्ष रखा गया है. इस पर कंपनी की व्हिसिलब्लोअर नीति के अनुरूप कार्रवाई होगी."

समूह ने इस बाबत अमेरिका के नियामक सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को भी तीन अक्टूबर को एक पत्र लिखा है.

इंफोसिस को कंपनी के कामकाज में लापरवाही को लेकर पहले भी व्हिसिलब्लोअर की शिकायत मिल चुकी हैं.

इससे पहले इस तरह की एक शिकायत कंपनी के इस्राइल की स्वचालन प्रौद्योगिकी कंपनी पनाया को खरीदने में की गयी गड़बड़ी को लेकर की गयी थी.

नई दिल्ली: इंफोसिस के अनाम कर्मचारियों के एक समूह ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी निलांजन रॉय पर लघु अवधि में आय और लाभ बढ़ाने के लिए अनैतिक व्यवहारों में लिप्त होने की शिकायत की है.

कंपनी के निदेशक मंडल को 20 सितंबर को लिखे पत्र में समूह ने कहा, "हालिया तिमाहियों में मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा किए गए अनैतिक व्यवहार को हम आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं. लघु अवधि में आय और लाभ को बढ़ाने के लिए इसी तरह के कदम चालू तिमाही में भी उठाए गए हैं."

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व्हिसिलब्लोबर का यह समूह खुद को नैतिक कर्मी कहता है. उनका दावा है कि उनके पास उनके आरोपों को साबित करने के लिए ईमेल और वॉयस रिकॉर्डिंग हैं. व्हिसिलब्लोअर उस व्यक्ति को कहा जाता है जो किसी संस्थान में होने वाली गलतियों को उजागर करता है.

उन्होंने पत्र में उम्मीद जतायी कि निदेशक मंडल इस पर तत्काल जांच कर कार्रवाई करेगा.

इंफोसिस ने एक बयान में कहा, "कंपनी की प्रक्रिया के तहत व्हिसिलब्लोअर की शिकायत को ऑडिट समिति के समक्ष रखा गया है. इस पर कंपनी की व्हिसिलब्लोअर नीति के अनुरूप कार्रवाई होगी."

समूह ने इस बाबत अमेरिका के नियामक सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को भी तीन अक्टूबर को एक पत्र लिखा है.

इंफोसिस को कंपनी के कामकाज में लापरवाही को लेकर पहले भी व्हिसिलब्लोअर की शिकायत मिल चुकी हैं.

इससे पहले इस तरह की एक शिकायत कंपनी के इस्राइल की स्वचालन प्रौद्योगिकी कंपनी पनाया को खरीदने में की गयी गड़बड़ी को लेकर की गयी थी.

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इन्फोसिस के सीईओ और सीएफओ पर लगे अनैतिक तरीके से आमदनी बढ़ाने आरोप

मुंबई: देश की बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस के प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगे हैं. कंपनी पर आरोप है कि उसने अपना मुनाफा और आमदनी बढ़ाने के लिए गलत कदम उठाए हैं. इस पूरे मामले को लेकर एक ग्रुप ने इन्फोसिस के बोर्ड को चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी है. 

बता दें कि पिछले हफ्ते कंपनी ने अपने तिमाही नतीजों का ऐलान किया था. मौजूदा वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में आईटी कंपनी इंफोसिस का मुनाफा 5.8 फीसदी बढ़कर 4019 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. वहीं, इस दौरान कंपनी की आमदनी 7 फीसदी बढ़कर 23,255 करोड़ रुपये हो गई है.

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देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस को लेकर व्हिसलब्लोअर ने 20 सितंबर को इस मामले से जुड़ी एक चिट्ठी इन्फोसिस बोर्ड को लिखी है. साथ ही उन्होंने अमेरिकी शेयर बाजार के रिसर्चर यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सिलिशन कमीशन को भी एक चिट्ठी दी गई है.

चिट्ठी में बताया गया है कि इन्फोसिस ने अपने जोखिम और आमदनी को बढ़ाने के लिए अनैतिक कदम उठाए हैं. कंपनी के मौजूदा सीईओ सलिल पारेख और सीएफ ब्लूजन रॉय भी इसमें शामिल हैं. 

व्हीसल ब्लोअर्स के आरोपों को लेकर कंपनी ने जांच शुरू कर दी है. जानकारी हो कि 2 जनवरी 2018 को इन्फोसिस की कमान सलिल पारेख को मिली है. पारेख इन्फोसिस के बाहर से आने वाले इन्फोसिस के दूसरे एमडी और सीईओ हैं. इससे पहले सलिल पारेख कैपजेमिनी इंडिया के डिप्टी सीईओ और एक्जिक्यूटिव चेयरमैन रह चुके हैं. 


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