नई दिल्ली: इंफोसिस के अनाम कर्मचारियों के एक समूह ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी निलांजन रॉय पर लघु अवधि में आय और लाभ बढ़ाने के लिए अनैतिक व्यवहारों में लिप्त होने की शिकायत की है.
कंपनी के निदेशक मंडल को 20 सितंबर को लिखे पत्र में समूह ने कहा, "हालिया तिमाहियों में मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा किए गए अनैतिक व्यवहार को हम आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं. लघु अवधि में आय और लाभ को बढ़ाने के लिए इसी तरह के कदम चालू तिमाही में भी उठाए गए हैं."
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व्हिसिलब्लोबर का यह समूह खुद को नैतिक कर्मी कहता है. उनका दावा है कि उनके पास उनके आरोपों को साबित करने के लिए ईमेल और वॉयस रिकॉर्डिंग हैं. व्हिसिलब्लोअर उस व्यक्ति को कहा जाता है जो किसी संस्थान में होने वाली गलतियों को उजागर करता है.
उन्होंने पत्र में उम्मीद जतायी कि निदेशक मंडल इस पर तत्काल जांच कर कार्रवाई करेगा.
इंफोसिस ने एक बयान में कहा, "कंपनी की प्रक्रिया के तहत व्हिसिलब्लोअर की शिकायत को ऑडिट समिति के समक्ष रखा गया है. इस पर कंपनी की व्हिसिलब्लोअर नीति के अनुरूप कार्रवाई होगी."
समूह ने इस बाबत अमेरिका के नियामक सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को भी तीन अक्टूबर को एक पत्र लिखा है.
इंफोसिस को कंपनी के कामकाज में लापरवाही को लेकर पहले भी व्हिसिलब्लोअर की शिकायत मिल चुकी हैं.
इससे पहले इस तरह की एक शिकायत कंपनी के इस्राइल की स्वचालन प्रौद्योगिकी कंपनी पनाया को खरीदने में की गयी गड़बड़ी को लेकर की गयी थी.