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उद्योग जगत रेपो दर में कटौती से खुश, कहा-आगे और कमी की गुंजाइश

उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा, "अभी और कटौती की गुंजाइश है. लगातार तीसरी बार रेपो दर में कटौती से बैंक अपने खुदरा और कॉरपोरेट कर्ज को कम करने के लिए प्रोत्साहित होंगे."

उद्योग जगत रेपो दर में कटौती से खुश, कहा-आगे और कमी की गुंजाइश
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Published : Jun 6, 2019, 9:34 PM IST

नई दिल्ली: उद्योग मंडलों ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती के रिजर्व बैंक के कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे मांग बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में मदद मिलेगी.

उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा, "अभी और कटौती की गुंजाइश है. लगातार तीसरी बार रेपो दर में कटौती से बैंक अपने खुदरा और कॉरपोरेट कर्ज को कम करने के लिए प्रोत्साहित होंगे."

सोमानी ने कहा कि इससे कारोबारी भरोसा बढ़ेगा और उपभोक्ताओं का विश्वास भी कायम हो सकेगा.

ये भी पढ़ें- पहले से मौजूद बीमारी के आधार पर बीमा कंपनियां नहीं कर सकती दावे का खंडन

उन्होंने कहा, "आगे चलकर रिजर्व बैंक आगामी महीनों में अपने नरम रुख को कायम रखेगा. नई सरकार को प्रगतिशील बजट पेश करना चाहिए, जिससे उपभोग बढ़ाने में मदद मिल सके और निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जा सके."

एक अन्य उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि रिजर्व बैंक ने अपने रुख को तटस्थ से नरम किया है. इन उपायों से आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा और कारोबारी धारणा सुधरेगी.

एसोचैम के अध्यक्ष बी के गोयनका ने कहा कि रिजर्व बैंक गवर्नर ने रेपो दर कटौती का लाभ तेजी से उपभोक्ताओं तक पहुंचाने को कहा है. यदि बैंक ऐसा करते हैं तो इससे भरोसा कायम होगा. इससे नकदी की स्थिति सुधरेगी और कर्ज की लागत घटेगी.

पीएचडी चैंबर ने भी रेपो दर में कटौती का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मांग बढ़ेगी, निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, निर्यातकों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी और औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा.

नई दिल्ली: उद्योग मंडलों ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती के रिजर्व बैंक के कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे मांग बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में मदद मिलेगी.

उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा, "अभी और कटौती की गुंजाइश है. लगातार तीसरी बार रेपो दर में कटौती से बैंक अपने खुदरा और कॉरपोरेट कर्ज को कम करने के लिए प्रोत्साहित होंगे."

सोमानी ने कहा कि इससे कारोबारी भरोसा बढ़ेगा और उपभोक्ताओं का विश्वास भी कायम हो सकेगा.

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उन्होंने कहा, "आगे चलकर रिजर्व बैंक आगामी महीनों में अपने नरम रुख को कायम रखेगा. नई सरकार को प्रगतिशील बजट पेश करना चाहिए, जिससे उपभोग बढ़ाने में मदद मिल सके और निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जा सके."

एक अन्य उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि रिजर्व बैंक ने अपने रुख को तटस्थ से नरम किया है. इन उपायों से आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा और कारोबारी धारणा सुधरेगी.

एसोचैम के अध्यक्ष बी के गोयनका ने कहा कि रिजर्व बैंक गवर्नर ने रेपो दर कटौती का लाभ तेजी से उपभोक्ताओं तक पहुंचाने को कहा है. यदि बैंक ऐसा करते हैं तो इससे भरोसा कायम होगा. इससे नकदी की स्थिति सुधरेगी और कर्ज की लागत घटेगी.

पीएचडी चैंबर ने भी रेपो दर में कटौती का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मांग बढ़ेगी, निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, निर्यातकों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी और औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा.

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उद्योग जगत रेपो दर में कटौती से खुश, कहा-आगे और कमी की गुंजाइश

नई दिल्ली: उद्योग मंडलों ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती के रिजर्व बैंक के कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे मांग बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में मदद मिलेगी. 

उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने कहा, "अभी और कटौती की गुंजाइश है. लगातार तीसरी बार रेपो दर में कटौती से बैंक अपने खुदरा और कॉरपोरेट कर्ज को कम करने के लिए प्रोत्साहित होंगे."

सोमानी ने कहा कि इससे कारोबारी भरोसा बढ़ेगा और उपभोक्ताओं का विश्वास भी कायम हो सकेगा. 

उन्होंने कहा, "आगे चलकर रिजर्व बैंक आगामी महीनों में अपने नरम रुख को कायम रखेगा. नई सरकार को प्रगतिशील बजट पेश करना चाहिए, जिससे उपभोग बढ़ाने में मदद मिल सके और निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जा सके." 

एक अन्य उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि रिजर्व बैंक ने अपने रुख को तटस्थ से नरम किया है. इन उपायों से आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा और कारोबारी धारणा सुधरेगी. 

एसोचैम के अध्यक्ष बी के गोयनका ने कहा कि रिजर्व बैंक गवर्नर ने रेपो दर कटौती का लाभ तेजी से उपभोक्ताओं तक पहुंचाने को कहा है. यदि बैंक ऐसा करते हैं तो इससे भरोसा कायम होगा. इससे नकदी की स्थिति सुधरेगी और कर्ज की लागत घटेगी. 

पीएचडी चैंबर ने भी रेपो दर में कटौती का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मांग बढ़ेगी, निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, निर्यातकों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी और औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा. 

 


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