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इंडियन ऑयल की अगले 5-7 साल में विभिन्न ऊर्जा क्षेत्रों में दो लाख करोड़ रुपये निवेश की योजना

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अगले 5 से 7 साल के दौरान ईंधन और ऊर्जा के विविध क्षेत्रों में दो लाख करोड़ रुपये निवेश की योजना है. .

इंडियन ऑयल की अगले 5-7 साल में विभिन्न ऊर्जा क्षेत्रों में दो लाख करोड़ रुपये निवेश की योजना
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Published : May 18, 2019, 7:33 PM IST

नई दिल्ली: पेट्रोलियम उत्पादों का कारोबार करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अगले 5 से 7 साल के दौरान ईंधन और ऊर्जा के विविध क्षेत्रों में दो लाख करोड़ रुपये निवेश की योजना है.

कंपनी अपनी मौजूदा रिफाइनरियों का विस्तार करने के साथ ही स्वच्छ ईंधन और उत्पादन बढ़ाने में नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है. रिफाइनरी- पेट्रोरसायन एकीकृत परिसरों, जैव- ईंधन, कोल गैसिफिकेशन, हाइड्रोजन ईंधन सेल और बैटरी प्रौद्योगिकी जैसे नये क्षेत्रों में अपनी अनुसंधान एवं विकास विशेषज्ञता के बल पर आगे बढ़ रही है.

ये भी पढ़ें- चुनाव 2019: ये हैं सत्रहवीं लोकसभा के टॉप 10 अमीर उम्मीदवार

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने शुक्रवार को यहां आयोजित वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कंपनी की भविष्य की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2019- 20 में कंपनी रिफाइनरी, पाइपलाइन, पेट्रोरसायन और ऊर्जा के विभिन्न क्षेत्रों में 25,000 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश करेगी.

कंपनी ने 2018- 19 में भी तय लक्ष्य के मुकाबले 116 प्रतिशत निवेश करते हुए 26,548 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया है. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में देश में पेट्रोलियम, तेल और लुब्रिकेंट्स उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए इंडियन ऑयल 2030 तक अपनी मौजूदा रिफाइनिंग क्षमता को दोगुना कर 14 करोड़ टन तक पहुंचाने के एजेंडा पर काम कर रही है.

इसके साथ ही पाइपलाइन नेटवर्क और विपणन ढांचे को भी मजबूत बनाया जायेगा. 'फार्च्यून की वैश्विक-500' सूची में शीर्ष रैकिंग वाली इंडियन ऑयल भविष्य की एक ऐसी कंपनी बनने की दिशा में अग्रसर है जहां नवीन प्रौद्योगिकी और ऊर्जा क्षेत्र में बदलावों के इस दौर में विविध प्रकार की ऊर्जा मांग की जरूरतों को पूरा किया जा सके.

सिंह ने बताया कि 2018- 19 में पेट्रोलियम पदार्थों, गैस, पेट्रोरसायन और अन्य उत्पादों सहित कंपनी ने घरेलू बाजार में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करते हुए 8 करोड़ 46 लाख 50 हजार टन उत्पादों की बिक्री की. कंपनी की नौ रिफाइनरियों में 7.19 करोड़ टन कच्चे तेल का प्रसंस्करण किया गया, जबकि देशभर में फैले पाइपलाइन नेटवर्क में 8.85 करोड़ टन रिकार्ड कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का परिवहन किया गया.

देश में स्वच्छ ईंधन इस्तेमाल को बढ़ावा दिये जाने के साथ ही कंपनी ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक अप्रैल, 2018 से भारत चरण- छह ईंधन की आपूर्ति शुरू कर दी थी. एक अप्रैल, 2019 से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राजस्थान, उत्तर प्रदेश के 12 और जिलों में बीएस- छह मानक के ईंधन की आपूर्ति शुरू कर दी गई. इसमें आगरा शहर को भी शामिल किया गया है.

सिंह ने बताया कि इंडियन ऑयलकी रिफाइनरियां इस समय बीएस- छह मानक के पेट्रोल, डीजल की आपूर्ति के लिये प्रौद्योगिकी उन्नयन कार्य में लगी हुई हैं. अप्रैल, 2020 तक देशभर में बीएस- छह मानक के स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति शुरू की जानी है. उन्होंने की कि बीएस- चार से सीधे बीएस- छह मानक के ईंधन की आपूर्ति को अपनाना अपने आप में अप्रत्याशित है और इंडियन ऑयलइस मुश्किल लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है.

नई दिल्ली: पेट्रोलियम उत्पादों का कारोबार करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अगले 5 से 7 साल के दौरान ईंधन और ऊर्जा के विविध क्षेत्रों में दो लाख करोड़ रुपये निवेश की योजना है.

कंपनी अपनी मौजूदा रिफाइनरियों का विस्तार करने के साथ ही स्वच्छ ईंधन और उत्पादन बढ़ाने में नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है. रिफाइनरी- पेट्रोरसायन एकीकृत परिसरों, जैव- ईंधन, कोल गैसिफिकेशन, हाइड्रोजन ईंधन सेल और बैटरी प्रौद्योगिकी जैसे नये क्षेत्रों में अपनी अनुसंधान एवं विकास विशेषज्ञता के बल पर आगे बढ़ रही है.

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इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने शुक्रवार को यहां आयोजित वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कंपनी की भविष्य की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2019- 20 में कंपनी रिफाइनरी, पाइपलाइन, पेट्रोरसायन और ऊर्जा के विभिन्न क्षेत्रों में 25,000 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश करेगी.

कंपनी ने 2018- 19 में भी तय लक्ष्य के मुकाबले 116 प्रतिशत निवेश करते हुए 26,548 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया है. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में देश में पेट्रोलियम, तेल और लुब्रिकेंट्स उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए इंडियन ऑयल 2030 तक अपनी मौजूदा रिफाइनिंग क्षमता को दोगुना कर 14 करोड़ टन तक पहुंचाने के एजेंडा पर काम कर रही है.

इसके साथ ही पाइपलाइन नेटवर्क और विपणन ढांचे को भी मजबूत बनाया जायेगा. 'फार्च्यून की वैश्विक-500' सूची में शीर्ष रैकिंग वाली इंडियन ऑयल भविष्य की एक ऐसी कंपनी बनने की दिशा में अग्रसर है जहां नवीन प्रौद्योगिकी और ऊर्जा क्षेत्र में बदलावों के इस दौर में विविध प्रकार की ऊर्जा मांग की जरूरतों को पूरा किया जा सके.

सिंह ने बताया कि 2018- 19 में पेट्रोलियम पदार्थों, गैस, पेट्रोरसायन और अन्य उत्पादों सहित कंपनी ने घरेलू बाजार में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करते हुए 8 करोड़ 46 लाख 50 हजार टन उत्पादों की बिक्री की. कंपनी की नौ रिफाइनरियों में 7.19 करोड़ टन कच्चे तेल का प्रसंस्करण किया गया, जबकि देशभर में फैले पाइपलाइन नेटवर्क में 8.85 करोड़ टन रिकार्ड कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का परिवहन किया गया.

देश में स्वच्छ ईंधन इस्तेमाल को बढ़ावा दिये जाने के साथ ही कंपनी ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक अप्रैल, 2018 से भारत चरण- छह ईंधन की आपूर्ति शुरू कर दी थी. एक अप्रैल, 2019 से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राजस्थान, उत्तर प्रदेश के 12 और जिलों में बीएस- छह मानक के ईंधन की आपूर्ति शुरू कर दी गई. इसमें आगरा शहर को भी शामिल किया गया है.

सिंह ने बताया कि इंडियन ऑयलकी रिफाइनरियां इस समय बीएस- छह मानक के पेट्रोल, डीजल की आपूर्ति के लिये प्रौद्योगिकी उन्नयन कार्य में लगी हुई हैं. अप्रैल, 2020 तक देशभर में बीएस- छह मानक के स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति शुरू की जानी है. उन्होंने की कि बीएस- चार से सीधे बीएस- छह मानक के ईंधन की आपूर्ति को अपनाना अपने आप में अप्रत्याशित है और इंडियन ऑयलइस मुश्किल लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है.

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इंडियन ऑयल की अगले 5-7 साल में विभिन्न ऊर्जा क्षेत्रों में दो लाख करोड़ रुपये निवेश की योजना

नई दिल्ली: पेट्रोलियम उत्पादों का कारोबार करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अगले 5 से 7 साल के दौरान ईंधन और ऊर्जा के विविध क्षेत्रों में दो लाख करोड़ रुपये निवेश की योजना है. 

कंपनी अपनी मौजूदा रिफाइनरियों का विस्तार करने के साथ ही स्वच्छ ईंधन और उत्पादन बढ़ाने में नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है. रिफाइनरी- पेट्रोरसायन एकीकृत परिसरों, जैव- ईंधन, कोल गैसिफिकेशन, हाइड्रोजन ईंधन सेल और बैटरी प्रौद्योगिकी जैसे नये क्षेत्रों में अपनी अनुसंधान एवं विकास विशेषज्ञता के बल पर आगे बढ़ रही है. 

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इंडियन ऑयलकॉर पोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने शुक्रवार को यहां आयोजित वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कंपनी की भविष्य की योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2019- 20 में कंपनी रिफाइनरी, पाइपलाइन, पेट्रोरसायन और ऊर्जा के विभिन्न क्षेत्रों में 25,000 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश करेगी. 

कंपनी ने 2018- 19 में भी तय लक्ष्य के मुकाबले 116 प्रतिशत निवेश करते हुए 26,548 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया है. उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में देश में पेट्रोलियम, तेल और लुब्रिकेंट्स उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए इंडियन ऑयल 2030 तक अपनी मौजूदा रिफाइनिंग क्षमता को दोगुना कर 14 करोड़ टन तक पहुंचाने के एजेंडा पर काम कर रही है. 

इसके साथ ही पाइपलाइन नेटवर्क और विपणन ढांचे को भी मजबूत बनाया जायेगा. 'फार्च्यून की वैश्विक-500' सूची में शीर्ष रैकिंग वाली इंडियन ऑयल भविष्य की एक ऐसी कंपनी बनने की दिशा में अग्रसर है जहां नवीन प्रौद्योगिकी और ऊर्जा क्षेत्र में बदलावों के इस दौर में विविध प्रकार की ऊर्जा मांग की जरूरतों को पूरा किया जा सके. 

सिंह ने बताया कि 2018- 19 में पेट्रोलियम पदार्थों, गैस, पेट्रोरसायन और अन्य उत्पादों सहित कंपनी ने घरेलू बाजार में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करते हुए 8 करोड़ 46 लाख 50 हजार टन उत्पादों की बिक्री की. कंपनी की नौ रिफाइनरियों में 7.19 करोड़ टन कच्चे तेल का प्रसंस्करण किया गया, जबकि देशभर में फैले पाइपलाइन नेटवर्क में 8.85 करोड़ टन रिकार्ड कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों का परिवहन किया गया. 

देश में स्वच्छ ईंधन इस्तेमाल को बढ़ावा दिये जाने के साथ ही कंपनी ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक अप्रैल, 2018 से भारत चरण- छह ईंधन की आपूर्ति शुरू कर दी थी. एक अप्रैल, 2019 से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राजस्थान, उत्तर प्रदेश के 12 और जिलों में बीएस- छह मानक के ईंधन की आपूर्ति शुरू कर दी गई. इसमें आगरा शहर को भी शामिल किया गया है. 

सिंह ने बताया कि इंडियन ऑयलकी रिफाइनरियां इस समय बीएस- छह मानक के पेट्रोल, डीजल की आपूर्ति के लिये प्रौद्योगिकी उन्नयन कार्य में लगी हुई हैं. अप्रैल, 2020 तक देशभर में बीएस- छह मानक के स्वच्छ ईंधन की आपूर्ति शुरू की जानी है. उन्होंने की कि बीएस- चार से सीधे बीएस- छह मानक के ईंधन की आपूर्ति को अपनाना अपने आप में अप्रत्याशित है और इंडियन ऑयलइस मुश्किल लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है.


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