ETV Bharat / business

चंदा कोचर से रकम वसूली के लिए आईसीआईसीआई बैंक पहुंचा अदालत में

बैंक ने 10 जनवरी को धन वसूली का मुकदमा दायर किया और बैंक के खिलाफ चंदा कोचर की याचिका को खारिज किए जाने की अपील की और कहा कि यह मुद्दा वाणिज्यिक दावे के तहत निस्तारित किया जा सकता है.

business news, chanda kochhar, icici bank, कारोबार न्यूज, चंदा कोचर, आईसीआईसीआई बैंक
चंदा कोचर से रकम वसूली के लिए आईसीआईसीआई बैंक पहुंचा अदालत में
author img

By

Published : Jan 13, 2020, 11:14 PM IST

मुंबई: आईसीआईसीआई बैंक ने चंदा कोचर की बैंक की सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्ति को निरस्त कराने और उनसे अनेक प्रकार की धन राशि की वसूली के लिए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

बैंक ने 10 जनवरी को धन वसूली का मुकदमा दायर किया और बैंक के खिलाफ चंदा कोचर की याचिका को खारिज किए जाने की अपील की और कहा कि यह मुद्दा वाणिज्यिक दावे के तहत निस्तारित किया जा सकता है.

बैंक ने अपने हलफनामे में कहा, "आईसीआईसीआई ने एक मुकदमा दायर किया है जिसमें याचिकाकर्ता (कोचर) से अप्रैल 2006 से मार्च 2018 तक दिए गए बोनस को वापस (क्लॉ बैक) दिलाए जाने की मांग की गई है."

कर्मचारी को किए गए भुगतान को पावस लेने का प्रावधान मुनाफा कम होने या फिर कर्मचारी के अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने की स्थित में लागू किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: सेबी ने कंपनियों को चेयरमैन, एमडी पद अलग करने के लिए दो साल की मोहलत दी

यह हलफनामा कोचर की उस याचिका के जवाब में दाखिल किया गया है, जिसमें उन्होंने अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी है. कोचर का कहना है कि उन्होंने बैंक को स्वेच्छा से छोड़ दिया था और उसके बाद उन्हें बर्खास्त किया गया.

मुंबई: आईसीआईसीआई बैंक ने चंदा कोचर की बैंक की सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्ति को निरस्त कराने और उनसे अनेक प्रकार की धन राशि की वसूली के लिए बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

बैंक ने 10 जनवरी को धन वसूली का मुकदमा दायर किया और बैंक के खिलाफ चंदा कोचर की याचिका को खारिज किए जाने की अपील की और कहा कि यह मुद्दा वाणिज्यिक दावे के तहत निस्तारित किया जा सकता है.

बैंक ने अपने हलफनामे में कहा, "आईसीआईसीआई ने एक मुकदमा दायर किया है जिसमें याचिकाकर्ता (कोचर) से अप्रैल 2006 से मार्च 2018 तक दिए गए बोनस को वापस (क्लॉ बैक) दिलाए जाने की मांग की गई है."

कर्मचारी को किए गए भुगतान को पावस लेने का प्रावधान मुनाफा कम होने या फिर कर्मचारी के अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने की स्थित में लागू किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: सेबी ने कंपनियों को चेयरमैन, एमडी पद अलग करने के लिए दो साल की मोहलत दी

यह हलफनामा कोचर की उस याचिका के जवाब में दाखिल किया गया है, जिसमें उन्होंने अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी है. कोचर का कहना है कि उन्होंने बैंक को स्वेच्छा से छोड़ दिया था और उसके बाद उन्हें बर्खास्त किया गया.

Intro:Body:Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.