नई दिल्ली: लग्जरी कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) ने कहा है कि भारत में अगर कर ढांचा 'उचित' और व्यापार की दृष्टि से व्यसवहारिक हो तो वह यहां अधिक मॉडलों को असेंबल कर सकती है.
जेएलआर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रोहित सूरी ने कहा कि वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया जाए तो उद्योग को मंदी की स्थिति से बाहर निकाला जा सकता है और रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जा सकता है.
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उन्होंने कहा, "हम स्थानीय तौर पर पहले से छह मॉडलों को असेंबल कर रहे हैं और कारोबार के दृष्टिकोण से व्यावहारिक होने पर हम और ऐसा करना चाहेंगे. लेकिन सवाल संख्या का है."
सूरी ने कहा कि अगर संख्या अधिक होती है तो वह कारोबार के दृष्टिकोण से अधिक व्यावहारिक होता है.
उन्होंने कहा कि जेएलआर इंडिया अधिक कारें लाना चाहती है और भारत में उनका निर्माण करना चाहती है लेकिन अधिक कर सबसे बड़ी बाधा है.
सूरी ने एक सवाल के जवाब में कहा, "हमें लगता है कि अधिक कर आज के समय में बाजार के बढ़ने में बाधक है, इसलिए यह हमें स्थानीय तौर पर निर्मित और उत्पादों को लाने से रोकता है."
वर्तमान में भारत में लग्जरी कारों पर 28 प्रतिशत की सबसे उच्च दर से जीएसटी लागू है. साथ ही सेडान कारों पर 20 प्रतिशत एवं एसयूवी पर 22 प्रतिशत अतिरिक्त उपकर लगता है. इस तरह कुल कर क्रमश: 48 और 50 प्रतिशत बैठता है.
लग्जरी कारों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% करने पर बढ़ेगा रोजगार: जेएलआर इंडिया - Luxury Car
जेएलआर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रोहित सूरी ने कहा कि वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया जाए तो उद्योग को मंदी की स्थिति से बाहर निकाला जा सकता है और रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जा सकता है.
नई दिल्ली: लग्जरी कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) ने कहा है कि भारत में अगर कर ढांचा 'उचित' और व्यापार की दृष्टि से व्यसवहारिक हो तो वह यहां अधिक मॉडलों को असेंबल कर सकती है.
जेएलआर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रोहित सूरी ने कहा कि वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया जाए तो उद्योग को मंदी की स्थिति से बाहर निकाला जा सकता है और रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जा सकता है.
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उन्होंने कहा, "हम स्थानीय तौर पर पहले से छह मॉडलों को असेंबल कर रहे हैं और कारोबार के दृष्टिकोण से व्यावहारिक होने पर हम और ऐसा करना चाहेंगे. लेकिन सवाल संख्या का है."
सूरी ने कहा कि अगर संख्या अधिक होती है तो वह कारोबार के दृष्टिकोण से अधिक व्यावहारिक होता है.
उन्होंने कहा कि जेएलआर इंडिया अधिक कारें लाना चाहती है और भारत में उनका निर्माण करना चाहती है लेकिन अधिक कर सबसे बड़ी बाधा है.
सूरी ने एक सवाल के जवाब में कहा, "हमें लगता है कि अधिक कर आज के समय में बाजार के बढ़ने में बाधक है, इसलिए यह हमें स्थानीय तौर पर निर्मित और उत्पादों को लाने से रोकता है."
वर्तमान में भारत में लग्जरी कारों पर 28 प्रतिशत की सबसे उच्च दर से जीएसटी लागू है. साथ ही सेडान कारों पर 20 प्रतिशत एवं एसयूवी पर 22 प्रतिशत अतिरिक्त उपकर लगता है. इस तरह कुल कर क्रमश: 48 और 50 प्रतिशत बैठता है.
वाहनों पर जीएसटी कम करने से बढ़ेगा रोजगार: जेएलआर इंडिया
नई दिल्ली: लग्जरी कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) ने कहा है कि भारत में अगर कर ढांचा 'उचित' और व्यापार की दृष्टि से व्यसवहारिक हो तो वह यहां अधिक मॉडलों को असेंबल कर सकती है.
जेएलआर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रोहित सूरी ने कहा कि वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया जाए तो उद्योग को मंदी की स्थिति से बाहर निकाला जा सकता है और रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जा सकता है.
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उन्होंने कहा, "हम स्थानीय तौर पर पहले से छह मॉडलों को असेंबल कर रहे हैं और कारोबार के दृष्टिकोण से व्यावहारिक होने पर हम और ऐसा करना चाहेंगे. लेकिन सवाल संख्या का है."
सूरी ने कहा कि अगर संख्या अधिक होती है तो वह कारोबार के दृष्टिकोण से अधिक व्यावहारिक होता है.
उन्होंने कहा कि जेएलआर इंडिया अधिक कारें लाना चाहती है और भारत में उनका निर्माण करना चाहती है लेकिन अधिक कर सबसे बड़ी बाधा है.
सूरी ने एक सवाल के जवाब में कहा, "हमें लगता है कि अधिक कर आज के समय में बाजार के बढ़ने में बाधक है, इसलिए यह हमें स्थानीय तौर पर निर्मित और उत्पादों को लाने से रोकता है."
वर्तमान में भारत में लग्जरी कारों पर 28 प्रतिशत की सबसे उच्च दर से जीएसटी लागू है. साथ ही सेडान कारों पर 20 प्रतिशत एवं एसयूवी पर 22 प्रतिशत अतिरिक्त उपकर लगता है. इस तरह कुल कर क्रमश: 48 और 50 प्रतिशत बैठता है.
Conclusion: