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ग्रोफर्स का इस वित्त वर्ष में 5,000 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य, तीन साल में आईपीओ लाएगी

बीते वित्त वर्ष 2018-19 में ग्रोफर्स का कारोबार 2,500 करोड़ रुपये रहा. अभी इसकी मासिक बिक्री 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ते हुए 225 करोड़ रुपये है.

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Published : May 5, 2019, 5:40 PM IST

कॉन्सेप्ट इमेज।

कोलकाता : ऑनलाइन सुपरमार्केट क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ग्रोफर्स एकीकरण के जरिये मुनाफे की स्थिति में पहुंचने का प्रयास कर रही है. कंपनी ने चालू वित्त वर्ष (2019-20) में 5,000 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है. कंपनी का इरादा अगले तीन साल में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये पूंजी बाजार में उतरने का भी है.

ग्रोफर्स के सह संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अलबिंदर ढींढसा ने पीटीआई भाषा से कहा, "बीते वित्त वर्ष 2018-19 में हमारा कारोबार 2,500 करोड़ रुपये रहा. अभी हमारी मासिक बिक्री 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ते हुए 225 करोड़ रुपये है. चालू वित्त वर्ष में हम 5,000 करोड़ रुपये की बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं."

ऑनलाइन कंपनी का मूल्यांकन 60 करोड़ डॉलर का है. कंपनी तीन साल पहले हाइपर स्थानीय आपूर्ति मॉडल से निकली थी. ढींढसा ने कहा कि इस फैसले से न केवल कंपनी टिकी रह सकी बल्कि वह साल दर साल आगे बढ़ती रही. इसी रणनीति की वजह से कंपनी को उत्तर और पूर्वी भारत के प्रमुख शहरों में लाभ की स्थिति में आने की मदद मिली.

ग्रोफर्स ने हाल में छह करोड़ डॉलर जुटाए हैं. इसके बावजूद कंपनी 12 उन शहरों पर ही ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां वह पहले से मौजूद है. कंपनी अभी आक्रामक भौगोलिक विस्तार पर ध्यान नहीं दे रही है.

ढींढसा ने कहा, "हम दिल्ली में लाभ की स्थिति में पहुंचने के करीब हैं. गुड़गांव और नोएडा क्षेत्रों में कंपनी लाभ की स्थिति में है. कोलकाता में भी कंपनी लाभ की स्थिति में पहुंचने के करीब है."
ये भी पढ़ें : ओएनजीसी को असम की 240 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए हरित मंजूरी

कोलकाता : ऑनलाइन सुपरमार्केट क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ग्रोफर्स एकीकरण के जरिये मुनाफे की स्थिति में पहुंचने का प्रयास कर रही है. कंपनी ने चालू वित्त वर्ष (2019-20) में 5,000 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है. कंपनी का इरादा अगले तीन साल में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये पूंजी बाजार में उतरने का भी है.

ग्रोफर्स के सह संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अलबिंदर ढींढसा ने पीटीआई भाषा से कहा, "बीते वित्त वर्ष 2018-19 में हमारा कारोबार 2,500 करोड़ रुपये रहा. अभी हमारी मासिक बिक्री 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ते हुए 225 करोड़ रुपये है. चालू वित्त वर्ष में हम 5,000 करोड़ रुपये की बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं."

ऑनलाइन कंपनी का मूल्यांकन 60 करोड़ डॉलर का है. कंपनी तीन साल पहले हाइपर स्थानीय आपूर्ति मॉडल से निकली थी. ढींढसा ने कहा कि इस फैसले से न केवल कंपनी टिकी रह सकी बल्कि वह साल दर साल आगे बढ़ती रही. इसी रणनीति की वजह से कंपनी को उत्तर और पूर्वी भारत के प्रमुख शहरों में लाभ की स्थिति में आने की मदद मिली.

ग्रोफर्स ने हाल में छह करोड़ डॉलर जुटाए हैं. इसके बावजूद कंपनी 12 उन शहरों पर ही ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां वह पहले से मौजूद है. कंपनी अभी आक्रामक भौगोलिक विस्तार पर ध्यान नहीं दे रही है.

ढींढसा ने कहा, "हम दिल्ली में लाभ की स्थिति में पहुंचने के करीब हैं. गुड़गांव और नोएडा क्षेत्रों में कंपनी लाभ की स्थिति में है. कोलकाता में भी कंपनी लाभ की स्थिति में पहुंचने के करीब है."
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कोलकाता : ऑनलाइन सुपरमार्केट क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ग्रोफर्स एकीकरण के जरिये मुनाफे की स्थिति में पहुंचने का प्रयास कर रही है. कंपनी ने चालू वित्त वर्ष (2019-20) में 5,000 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है. कंपनी का इरादा अगले तीन साल में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये पूंजी बाजार में उतरने का भी है.

ग्रोफर्स के सह संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अलबिंदर ढींढसा ने पीटीआई भाषा से कहा, "बीते वित्त वर्ष 2018-19 में हमारा कारोबार 2,500 करोड़ रुपये रहा. अभी हमारी मासिक बिक्री 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ते हुए 225 करोड़ रुपये है. चालू वित्त वर्ष में हम 5,000 करोड़ रुपये की बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं."

ऑनलाइन कंपनी का मूल्यांकन 60 करोड़ डॉलर का है. कंपनी तीन साल पहले हाइपर स्थानीय आपूर्ति मॉडल से निकली थी. ढींढसा ने कहा कि इस फैसले से न केवल कंपनी टिकी रह सकी बल्कि वह साल दर साल आगे बढ़ती रही. इसी रणनीति की वजह से कंपनी को उत्तर और पूर्वी भारत के प्रमुख शहरों में लाभ की स्थिति में आने की मदद मिली.

ग्रोफर्स ने हाल में छह करोड़ डॉलर जुटाए हैं. इसके बावजूद कंपनी 12 उन शहरों पर ही ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां वह पहले से मौजूद है. कंपनी अभी आक्रामक भौगोलिक विस्तार पर ध्यान नहीं दे रही है.

ढींढसा ने कहा, "हम दिल्ली में लाभ की स्थिति में पहुंचने के करीब हैं. गुड़गांव और नोएडा क्षेत्रों में कंपनी लाभ की स्थिति में है. कोलकाता में भी कंपनी लाभ की स्थिति में पहुंचने के करीब है."

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