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एयर इंडिया के लिये अगले महीन बोलियां मंगा सकती है सरकार - नागर विमानन मंत्रालय

कंपनी के ऊपर करीब 58 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. सूत्रों ने कहा कि कुछ निकाय पहले ही एयर इंडिया को खरीदने में दिलचस्पी दिखा चुके हैं.

एयर इंडिया के लिये अगले महीन बोलियां मंगा सकती है सरकार
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Published : Oct 20, 2019, 6:44 PM IST

नई दिल्ली: सरकार एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिये अगले महीने प्रारंभिक बोलियां मंगाने की योजना बना रही है. कुछ निकाय पहले ही एयर इंडिया में दिलचस्पी दिखा चुके हैं. सूत्रों ने यह जानकारी दी है.

कंपनी के ऊपर करीब 58 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. सूत्रों ने कहा कि कुछ निकाय पहले ही एयर इंडिया को खरीदने में दिलचस्पी दिखा चुके हैं.

उन्होंने कहा कि बोली मंगाने के दस्तावेज को अंतिम रूप दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में या अगले महीने बोलियां मंगायी जा सकती हैं. इसकी निविदा हाल ही में विकसित ई-निविदा प्रणाली से की जाएगी.

नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक से पहले एक समीक्षा बैठक की थी. निदेशक मंडल की बैठक 22 अक्टूबर का होने वाली है. इस एयरलाइन के कर्मचारियों की यूनियनें विनिवेश के प्रस्ताव का विरोध कर रही है. उन्हें नौकरी जाने का डर है.

ये भी पढ़ें: कॉरपोरेट कर में कमी से भारत में निवेश में होगा सुधार: आईएमएफ

एयरलाइन की बैलेंसशीट स्वच्छ करने के लिए करीब 30,000 करोड़ रुपये का कज्र बांड जारी करके किया जाना है. ये बांड एयरलाइन की विशेष उद्येशीय कंपनी एयर इंडिया एसेट होल्डिंग कंपनी (एआईएएचएल) की ओर से जारी किए जा सकते हैं.

एआईएएचएल का गठन इस उद्श्येश्य से किया गया है कि एयरलाइन के क्रियाशल पूंजीगत रिण, तैल-चित्र और कलात्मक वस्तुओं तथा एयर इंडिया की अनुषंगी कंपनियों एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज, एयरलाइन एलाएड सर्विसेज, एयर इंडिया सहित इंजीनियरिंग सर्विसेज और होटल कार्पोरेशन आफ इंडिया के पास पड़ी किसी भी प्रकार की सम्पत्ति को एक जगह किया जा सके. कंपनी अब तक 21,985 करोड़ रुपये बांड से जुटा चुकी है.

नई दिल्ली: सरकार एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिये अगले महीने प्रारंभिक बोलियां मंगाने की योजना बना रही है. कुछ निकाय पहले ही एयर इंडिया में दिलचस्पी दिखा चुके हैं. सूत्रों ने यह जानकारी दी है.

कंपनी के ऊपर करीब 58 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. सूत्रों ने कहा कि कुछ निकाय पहले ही एयर इंडिया को खरीदने में दिलचस्पी दिखा चुके हैं.

उन्होंने कहा कि बोली मंगाने के दस्तावेज को अंतिम रूप दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस महीने के अंत में या अगले महीने बोलियां मंगायी जा सकती हैं. इसकी निविदा हाल ही में विकसित ई-निविदा प्रणाली से की जाएगी.

नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक से पहले एक समीक्षा बैठक की थी. निदेशक मंडल की बैठक 22 अक्टूबर का होने वाली है. इस एयरलाइन के कर्मचारियों की यूनियनें विनिवेश के प्रस्ताव का विरोध कर रही है. उन्हें नौकरी जाने का डर है.

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एयरलाइन की बैलेंसशीट स्वच्छ करने के लिए करीब 30,000 करोड़ रुपये का कज्र बांड जारी करके किया जाना है. ये बांड एयरलाइन की विशेष उद्येशीय कंपनी एयर इंडिया एसेट होल्डिंग कंपनी (एआईएएचएल) की ओर से जारी किए जा सकते हैं.

एआईएएचएल का गठन इस उद्श्येश्य से किया गया है कि एयरलाइन के क्रियाशल पूंजीगत रिण, तैल-चित्र और कलात्मक वस्तुओं तथा एयर इंडिया की अनुषंगी कंपनियों एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज, एयरलाइन एलाएड सर्विसेज, एयर इंडिया सहित इंजीनियरिंग सर्विसेज और होटल कार्पोरेशन आफ इंडिया के पास पड़ी किसी भी प्रकार की सम्पत्ति को एक जगह किया जा सके. कंपनी अब तक 21,985 करोड़ रुपये बांड से जुटा चुकी है.

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