ETV Bharat / business

भारत सरकार ने केयर्न कानूनी विवाद पर भ्रामक और गलत रिपोर्टिंग की निंदा की - केयर्न कानूनी विवाद पर भ्रामक और गलत रिपोर्टिंग की निंदा

हाल ही में मीडिया में कुछ ऐसी खबरें सामने आई थीं, जिसमें यह दावा किया गया था कि केयर्न संग विवाद में सरकारी बैंकों के विदेशी मुद्रा खातों के जब्त होने की आशंका को देखते हुए सरकार ने इन खातों से धन निकालने के आदेश दिए हैं. पढ़ें वरिष्ठ पत्रकार कृष्णानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट...

केयर्न मामला
केयर्न मामला
author img

By

Published : May 23, 2021, 6:01 PM IST

नई दिल्ली : ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी के कानूनी मामले में सरकारी बैंकों के विदेशी मुद्रा खातों से जुड़ी कुछ खबरों को सरकार ने पूरी तरह गलत ठहराया है. वित्त मंत्रालय ने जारी किए अपने बयान में कहा, यह खबरें सच्चाई से परे हैं और कोई पक्ष इस मामले में योजनाबद्ध तरीके से भ्रम पैदा करने में लगा है. मंत्रालय ने आगे कहा, केयर्न के साथ कानूनी विवाद में सरकार अपनी पूरी ताकत के साथ बचाव कर रही है.

मीडिया ने क्या फैलाई थी खबरें

हाल ही में मीडिया में कुछ ऐसी खबरें परोसी गई थीं, जिसमें यह दावा किया गया था कि केयर्न के साथ कानूनी विवाद में सरकारी बैंकों के विदेशी मुद्रा खातों के जब्त होने की आशंका को देखते हुए सरकार ने इन खातों से धन निकालने के आदेश दिए हैं.

सरकार ने मीडिया में आई इन खबरों को पूरी तरह से झूठा करार दिया है. सरकार ने अपने बयान में कहा कि, मीडिया में आई ये रिपोर्ट तथ्यहीन और झूठी हैं. भारत सरकार ने यह भी कहा, कुछ पक्ष गलत खबरों के जरिए भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं, क्योंकि इन मामलों में ऐसे पक्ष सिर्फ एकतरफा तस्वीर पेश करने की कोशिश करते हैं.

ये भी पढ़ें : एल एंड टी ने कार्यबल को जोड़े रखने के लिए प्रयास तेज किए : कंपनी सीईओ

सरकार ने रखा अपना पक्ष

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिलीज के मुताबिक, इस विवाद में भारत सरकार खुद का बचाव भी कर रही है. उसने बीती 22 मार्च को हेग कोर्ट ऑफ अपील के मध्यस्थता अदालत के फैसले को रद्द कराने के लिए आवेदन किया है और सरकार ने केयर्न के कुछ सीनियर अधिकारियों से भी इस विवाद के निपटान के लिए संपर्क किया है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी के साथ भारत सरकार के विवाद में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने केयर्न के पक्ष में फैसला सुनाया था. अदालत ने अपने फैसले में कानून संसोधन के जरिए भारत सरकार द्वारा केयर्न कंपनी पर लगाए गए कर को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने भारत सरकार को आदेश दिया था कि वह केयर्न कंपनी को 1.2 अरब डॉलर की राशि अदा करे.

ये भी पढे़ं : दक्षिण कोरिया में बनेगा कोरोना टीका, सैमसंग बायोलॉजिक्स और मॉडर्ना ने की डील

वहीं, भारत सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि किसी भी सरकार द्वारा लगाया गया कर उसके सार्वभौमिक अधिकार क्षेत्र का विषय है, जिसे किसी निजी मध्यस्थता अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती और ना ही उसका हनन किया जा सकता है.

सरकार ने कहा, 'इस मामले में अभी तक हुई चर्चा सिर्फ रचनात्मक है. सरकार, देश के कानूनी ढांचे के भीतर इस विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करेगी.

नई दिल्ली : ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी के कानूनी मामले में सरकारी बैंकों के विदेशी मुद्रा खातों से जुड़ी कुछ खबरों को सरकार ने पूरी तरह गलत ठहराया है. वित्त मंत्रालय ने जारी किए अपने बयान में कहा, यह खबरें सच्चाई से परे हैं और कोई पक्ष इस मामले में योजनाबद्ध तरीके से भ्रम पैदा करने में लगा है. मंत्रालय ने आगे कहा, केयर्न के साथ कानूनी विवाद में सरकार अपनी पूरी ताकत के साथ बचाव कर रही है.

मीडिया ने क्या फैलाई थी खबरें

हाल ही में मीडिया में कुछ ऐसी खबरें परोसी गई थीं, जिसमें यह दावा किया गया था कि केयर्न के साथ कानूनी विवाद में सरकारी बैंकों के विदेशी मुद्रा खातों के जब्त होने की आशंका को देखते हुए सरकार ने इन खातों से धन निकालने के आदेश दिए हैं.

सरकार ने मीडिया में आई इन खबरों को पूरी तरह से झूठा करार दिया है. सरकार ने अपने बयान में कहा कि, मीडिया में आई ये रिपोर्ट तथ्यहीन और झूठी हैं. भारत सरकार ने यह भी कहा, कुछ पक्ष गलत खबरों के जरिए भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं, क्योंकि इन मामलों में ऐसे पक्ष सिर्फ एकतरफा तस्वीर पेश करने की कोशिश करते हैं.

ये भी पढ़ें : एल एंड टी ने कार्यबल को जोड़े रखने के लिए प्रयास तेज किए : कंपनी सीईओ

सरकार ने रखा अपना पक्ष

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिलीज के मुताबिक, इस विवाद में भारत सरकार खुद का बचाव भी कर रही है. उसने बीती 22 मार्च को हेग कोर्ट ऑफ अपील के मध्यस्थता अदालत के फैसले को रद्द कराने के लिए आवेदन किया है और सरकार ने केयर्न के कुछ सीनियर अधिकारियों से भी इस विवाद के निपटान के लिए संपर्क किया है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी के साथ भारत सरकार के विवाद में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने केयर्न के पक्ष में फैसला सुनाया था. अदालत ने अपने फैसले में कानून संसोधन के जरिए भारत सरकार द्वारा केयर्न कंपनी पर लगाए गए कर को निरस्त कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने भारत सरकार को आदेश दिया था कि वह केयर्न कंपनी को 1.2 अरब डॉलर की राशि अदा करे.

ये भी पढे़ं : दक्षिण कोरिया में बनेगा कोरोना टीका, सैमसंग बायोलॉजिक्स और मॉडर्ना ने की डील

वहीं, भारत सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि किसी भी सरकार द्वारा लगाया गया कर उसके सार्वभौमिक अधिकार क्षेत्र का विषय है, जिसे किसी निजी मध्यस्थता अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती और ना ही उसका हनन किया जा सकता है.

सरकार ने कहा, 'इस मामले में अभी तक हुई चर्चा सिर्फ रचनात्मक है. सरकार, देश के कानूनी ढांचे के भीतर इस विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.