नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के बीच जर्मनी की फुटवियर कंपनी कासा ऐवर्ज जिम्ब ने अपना पूरा विनिर्माण परिचालन चीन से भारत लाने की घोषणा की है. कंपनी वहां सालाना 30 लाख जोड़ी जूतों का उत्पादन करती है.
इसके लिए उसने घरेलू जूता निर्यातक कंपनी आईआट्रिक इंडस्ट्रीज के साथ समझौता किया है. कंपनी शुरुआत में 110 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. वॉन वैलेक्स ब्रांड नाम से जूते बनाने वाली कासा ऐवर्ज जिम्ब यह कारखाना उत्तर प्रदेश में आगरा में स्थापित होगा.
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आईआट्रिक इंडस्ट्रीज के निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष जैन ने एक ईमेल के माध्यम से पीटीआई-भाषा से कहा, "कई दौर की बातचीत के बाद कासा ऐवर्ज ने अपना पूरा विनिर्माण परिचालन चीन से भारत लाने का निर्णय किया है."
कासा ऐवर्ज की चीन में दो विनिर्माण इकाइयां हैं. इन दोनों इकाइयों में सालाना 30 लाख जोड़ी से अधिक जूते तैयार होते हैं.
आईआट्रिक इंडास्ट्रीज के पास पहले से कासा ऐवर्ज के वोन वेलेक्स जर्मनी के 5 जोन ब्रांड के महिला और पुरुषों के सालाना पांच लाख जोड़ी जूते बनाने की क्षमता है. इसके अलावा कंपनी के पास पांच लाख जोड़ी जूते बनाने की क्षमता वाला एक अलग संयंत्र भी है.
उन्होंने कहा कि एक नया विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया जाएगा. इसकी सालाना उत्पादन क्षमता 30 लाख जोड़ी जूतों से अधिक होगी. उत्तर प्रदेश सरकार से सभी अनिवार्य सहयोग मिलने के बाद कंपनी दो साल में इस विनिर्माण क्षमता को प्राप्त कर लेगी.
कासा ऐवर्ज का जूता दुनिया के 80 देशों में पेटेंट है. यह जूता पैर, घुटने और कमर के दर्द में राहत पहुंचाता है. जोड़ों और मांसपेशियों की सुरक्षा करता है ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो. कंपनी मधुमेह के मरीजों के लिए भी विशेष फुटवियर भी बनाती है. भारत में यह गत वर्ष पेश किया गया जो अभी देशभर में 500 से अधिक शोरूम और ऑनलाइन उपलब्ध है.
कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री चौधरी उदयभान सिंह के हवाले से कहा कि उनके लिए खुशी की बात है कि जर्मनी की कंपनी भारत के आगरा शहर में आ रही है. सरकार हर स्तर पर सहयोग करेगी.
कंपनी का दावा है कि इससे 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.
(पीटीआई-भाषा)