नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने आईटी कंपनी इंफोसिस द्वारा तैयार किए गए जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) में 17 असंतुष्टि के क्षेत्रों के बारे में कंपनी को बताया है, जिसमें जम्मू-कश्मीर के करदाताओं को भुगतान में होने वाली दिक्कतें, आधार सत्यापन और सर्वर का पैमाना बढ़ाने में अड़चन संबंधी समस्याएं शामिल हैं.
मंत्रालय ने जीएसटीआर-3बी नहीं भरने वालों को ई-वे बिल निकालने की सुविधा बंद करने का सॉफ्टवेयर मुहैया कराने में देरी की बात भी उठाई है. इसके अलावा भी कंपनी के साथ कई अन सुलझे या देर से सुलझाए गए मुद्दों को उठाया गया है. इंफोसिस ने जीएसटीएन के तकनीकी प्रबंधन के लिए 2015 में ठेका हासिल किया था.
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मंत्रालय ने उसे कई तकनीकी परेशानियों के बारे में बताया है और उनमें से कुछ का समाधान करीब दो साल से नहीं हो सका है. इस बारे में वित्त मंत्रालय ने इंफोसिस से तत्काल समाधान करने के लिए कहा है.
इस संबंध में प्रतिक्रिया के लिए इंफोसिस को भेजे गए ईमेल का कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया है. सरकार ने इन्फोसिस के अध्यक्ष नंदन नीलेकणी को 14 मार्च को जीएसटी परिषद के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है ताकि अनसुलझी समस्याओं को ठीक करने पर बात की जा सके.
(पीटीआई-भाषा)