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कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिये कंपनियों से धन मिलना लगातार जारी

केन्द्र सरकार और कई राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस बीमारी के उपचार और परीक्षण सुविधायें उपलब्ध कराने में योगदान के लिये अपने अपने स्तर पर अलग आपात कोष बनाये हैं.

कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिये कंपनियों से धन मिलना लगातार जारी
कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिये कंपनियों से धन मिलना लगातार जारी
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Published : Apr 2, 2020, 12:13 AM IST

नई दिल्ली: देश के विभिन्न हिस्सों में सिर उठा रही कोविड- 19 महामारी से निपटने के लिये सरकार को सहयोग देने के लिये बुधवार को भी सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के और कंपनियां अपनी तरफ से वित्तीय योगदान और दूसरी तरह के सहयोग की घोषणाओं का सिलसिल जारी रहा.

केन्द्र सरकार और कई राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस बीमारी के उपचार और परीक्षण सुविधायें उपलब्ध कराने में योगदान के लिये अपने अपने स्तर पर अलग आपात कोष बनाये हैं.

देश के दो अग्रणी वित्तीय संस्थानों भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने प्रधानमंत्री के नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत (पीएम केयर्स) कोष में क्रमश: 100 करोड़ रुपये और 105 करोड़ रुपये का योगदान किया है.

आईआईएफसीएल ने ट्वीट कर बताया कि उसने पीएमकेयर्स कोष में 25 करोड़ रुपये का योगदान किया है. कंपनी ने यह राशि उसके सीएसआर कोष से आगे बढ़कर दी है. कंपनी ने अन्य मदों से अतिरिक्त संसाधन जुटाकर यह राशि दी है.

कोरोना वायरस संकट से लड़ने के लिये जनरल इंश्योंरेस कार्पोरेशन आफ इंडिया ने भी 22.69 करोड़ रुपये का योगदान किया है. पेंशन क्षेत्र के नियामक पेंशन नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने अपने कर्मचारियों के वेतन का एक हिस्सा पीएम केयर्स कोष में देने का वादा किया है.

वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले सिक्युरिटी प्रिंटिंग एण्ड मिंटिंग कार्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड ने भी दो करोड़ रुपये का योगदान किया है. कंपनी एम्स, दिलली के लिये 45 वेंटीलेटर्स खरीदेगी। कोविड- 19 के इलाज में काम आने वाले उपकरणों की खरीद करेगी.

एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने भी राहत कार्यों के लिये पांच करोड़ रुपये का योगदान दिया है. इसमें दो करोड़ रुपये पीएम केयर्स कोष में, दिल्ली और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों के राहत कोष में प्रत्येक को 51 लाख रुपये देने के साथ ही राजस्थान सरकार को परीक्षण सुविधा में मदद दी है.

ये भी पढ़ें: पहले कटौती, अब मार्च के वेतन का एक हिस्सा अप्रैल के वेतन में देगी गोएयर

पॉलिसी बाजार समूह भी राष्ट्रीय स्तर पर कोविड- 19 हेल्पलाइन के मामले में लोगों द्वारा की जा रही पूछताछ के मामले में समर्थन दे रही है. कंपनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के लिये कॉल सेंटर में स्वैच्दा से कर्मचारियों को भी उपलब्ध करा रही है. यह काम गैर-वाणिज्यिक आधार पर किया जा रहा है.

स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक ने भी सरकार की कोविड- 19 की लड़ाई में पांच करोड़ रुपये का योगदान देने का वादा किया है. निजी क्षेत्र के एक अन्य बैंक करुर वैश्य बैंक ने अपनी कंपनी सामाजिक दायित्व के तहत प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में पांच करोड़ रुपये का योगदान किया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: देश के विभिन्न हिस्सों में सिर उठा रही कोविड- 19 महामारी से निपटने के लिये सरकार को सहयोग देने के लिये बुधवार को भी सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के और कंपनियां अपनी तरफ से वित्तीय योगदान और दूसरी तरह के सहयोग की घोषणाओं का सिलसिल जारी रहा.

केन्द्र सरकार और कई राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस बीमारी के उपचार और परीक्षण सुविधायें उपलब्ध कराने में योगदान के लिये अपने अपने स्तर पर अलग आपात कोष बनाये हैं.

देश के दो अग्रणी वित्तीय संस्थानों भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने प्रधानमंत्री के नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत (पीएम केयर्स) कोष में क्रमश: 100 करोड़ रुपये और 105 करोड़ रुपये का योगदान किया है.

आईआईएफसीएल ने ट्वीट कर बताया कि उसने पीएमकेयर्स कोष में 25 करोड़ रुपये का योगदान किया है. कंपनी ने यह राशि उसके सीएसआर कोष से आगे बढ़कर दी है. कंपनी ने अन्य मदों से अतिरिक्त संसाधन जुटाकर यह राशि दी है.

कोरोना वायरस संकट से लड़ने के लिये जनरल इंश्योंरेस कार्पोरेशन आफ इंडिया ने भी 22.69 करोड़ रुपये का योगदान किया है. पेंशन क्षेत्र के नियामक पेंशन नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने अपने कर्मचारियों के वेतन का एक हिस्सा पीएम केयर्स कोष में देने का वादा किया है.

वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले सिक्युरिटी प्रिंटिंग एण्ड मिंटिंग कार्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड ने भी दो करोड़ रुपये का योगदान किया है. कंपनी एम्स, दिलली के लिये 45 वेंटीलेटर्स खरीदेगी। कोविड- 19 के इलाज में काम आने वाले उपकरणों की खरीद करेगी.

एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने भी राहत कार्यों के लिये पांच करोड़ रुपये का योगदान दिया है. इसमें दो करोड़ रुपये पीएम केयर्स कोष में, दिल्ली और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों के राहत कोष में प्रत्येक को 51 लाख रुपये देने के साथ ही राजस्थान सरकार को परीक्षण सुविधा में मदद दी है.

ये भी पढ़ें: पहले कटौती, अब मार्च के वेतन का एक हिस्सा अप्रैल के वेतन में देगी गोएयर

पॉलिसी बाजार समूह भी राष्ट्रीय स्तर पर कोविड- 19 हेल्पलाइन के मामले में लोगों द्वारा की जा रही पूछताछ के मामले में समर्थन दे रही है. कंपनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के लिये कॉल सेंटर में स्वैच्दा से कर्मचारियों को भी उपलब्ध करा रही है. यह काम गैर-वाणिज्यिक आधार पर किया जा रहा है.

स्टैण्डर्ड चार्टर्ड बैंक ने भी सरकार की कोविड- 19 की लड़ाई में पांच करोड़ रुपये का योगदान देने का वादा किया है. निजी क्षेत्र के एक अन्य बैंक करुर वैश्य बैंक ने अपनी कंपनी सामाजिक दायित्व के तहत प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में पांच करोड़ रुपये का योगदान किया है.

(पीटीआई-भाषा)

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