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सीसीआई ने 27,513 करोड़ रुपये की रिलायंस-फ्यूचर डील को दी मंजूरी

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने फ्यूचर ग्रुप के खुदरा व्यापार का अधिग्रहण करने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को अपनी अनुमति दी.

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Published : Nov 20, 2020, 6:59 PM IST

सीसीआई ने 27,513 करोड़ रुपये की रिलायंस-फ्यूचर डील को मंजूरी दी
सीसीआई ने 27,513 करोड़ रुपये की रिलायंस-फ्यूचर डील को मंजूरी दी

हैदराबाद: अमेजन को झटका देते हुए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने शुक्रवार को मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) द्वारा फ्यूचर ग्रुप के खुदरा व्यापार के अधिग्रहण के लिए अपनी मंजूरी दे दी.

नियामक ने एक ट्वीट कर कहा, "आयोग ने रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड और रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड द्वारा फ्यूचर ग्रुप के खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग व्यवसायों के अधिग्रहण को मंजूरी दी."

पिछले अगस्त में, रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड (आरआरएफएलएल), रिलायंस रिटेल वेंचर्स की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ने किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर ग्रुप के साथ 27,513 करोड़ की आपूर्ति श्रृंखला और लॉजिस्टिक्स के साथ समूह के खुदरा व्यापार का अधिग्रहण करने के लिए समझौता किया.

हालांकि, यह सौदा बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बीच विवाद का कारण बन गया है.

दरअसल रिलायंस के साथ डील साइन करने से कुछ महीने पहले ही अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच दिसंबर 2019 में डील हुई है.

ये भी पढ़ें: अमेजन व फ्यूचर रिटेल की लड़ाई में कैट देगा भारतीय कंपनी का साथ

अमेजन ने उस समय 1,430 करोड़ रुपये में फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) में 49% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया, जिसने इसे फ्यूचर रिटेल लिमिटेड में लगभग 5% अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी दी.

लेकिन, इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि फ्यूचर रिटेल ने आने वाले वर्षों में फर्म में और हिस्सेदारी बेचने के फैसला पर अमेजन को 'मना करने का पहला अधिकार' दे दिया.

अमेजन का यह भी कहना है कि इस सौदे में एक गैर-प्रतिस्पर्धा खंड था जिसने फ्यूचर रिटेल को 'प्रतिबंधित व्यक्तियों' की सूची में किसी को भी अपनी खुदरा संपत्ति बेचने से रोक दिया था, जिसमें आरआईएल समूह की फर्में शामिल थीं.

हैदराबाद: अमेजन को झटका देते हुए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने शुक्रवार को मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) द्वारा फ्यूचर ग्रुप के खुदरा व्यापार के अधिग्रहण के लिए अपनी मंजूरी दे दी.

नियामक ने एक ट्वीट कर कहा, "आयोग ने रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड और रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड द्वारा फ्यूचर ग्रुप के खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग व्यवसायों के अधिग्रहण को मंजूरी दी."

पिछले अगस्त में, रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड (आरआरएफएलएल), रिलायंस रिटेल वेंचर्स की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ने किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर ग्रुप के साथ 27,513 करोड़ की आपूर्ति श्रृंखला और लॉजिस्टिक्स के साथ समूह के खुदरा व्यापार का अधिग्रहण करने के लिए समझौता किया.

हालांकि, यह सौदा बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के बीच विवाद का कारण बन गया है.

दरअसल रिलायंस के साथ डील साइन करने से कुछ महीने पहले ही अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच दिसंबर 2019 में डील हुई है.

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अमेजन ने उस समय 1,430 करोड़ रुपये में फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) में 49% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया, जिसने इसे फ्यूचर रिटेल लिमिटेड में लगभग 5% अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी दी.

लेकिन, इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि फ्यूचर रिटेल ने आने वाले वर्षों में फर्म में और हिस्सेदारी बेचने के फैसला पर अमेजन को 'मना करने का पहला अधिकार' दे दिया.

अमेजन का यह भी कहना है कि इस सौदे में एक गैर-प्रतिस्पर्धा खंड था जिसने फ्यूचर रिटेल को 'प्रतिबंधित व्यक्तियों' की सूची में किसी को भी अपनी खुदरा संपत्ति बेचने से रोक दिया था, जिसमें आरआईएल समूह की फर्में शामिल थीं.

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