नई दिल्ली: जेट एयरवेज की परेशानी कारण मार्च में भारत के घरेलू हवाई यात्री यातायात की वृद्धि दर घटकर केवल 3.1 प्रतिशत रह गई है.
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के अनुसार भारत की घरेलू हवाई मात्रा-राजस्व यात्री किलोमीटर (आरपीके) में मापा जाता है, जो मार्च में 3.1 प्रतिशत रही, जबकि फरवरी में यह 8.3 प्रतिशत की वृद्धि दर पर थी. वहीं पांच साल की औसत वृद्धि दर 20 प्रतिशत के करीब रही.
आईएटीए ने एक बयान में कहा, "मंदी काफी हद तक जेट एयरवेज के उड़ान परिचालन में कमी को दर्शाती है, जिसने अप्रैल में उड़ान बंद कर दिया था. साथ ही मुंबई एयरपोर्ट पर भी निर्माण के कारण रुकावट थी."
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जेट एयरवेज की समस्या पिछले साल से शुरू हुई है. इससे घरेलू क्षेत्र में क्षमता का संकट पैदा हो गया.
अप्रैल में जेट एयरवेज को अपनी सभी उड़ान के अस्थायी निलंबन की घोषणा करने पर मजबूर होना पड़ा, क्योंकि यह अपनी न्यूनतम परिचालन खर्च में भी असमर्थ था.
अस्थायी रूप से सभी उड़ान सेवाओं को निलंबित करने से पहले, जेट ने अपने परिचालन के अधिकांश हिस्से को पहले ही लगभग 90 प्रतिशत बेड़े द्वारा कम करने के कारण मोड़ दिया था, क्योंकि ऋणदाताओं के संघ ने एयरलाइन को ऋण देने से इनकार कर दिया था.
आंकड़ों के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, जापान, रूस और अमेरिका जैसे प्रमुख विमानन बाजारों में भारत का घरेलू हवाई यात्री मात्रा चौथा सबसे बड़ा था.
भारत से पहले 3.2 प्रतिशत के साथ ब्राजील, 4.2 प्रतिशत के साथ जापान, और 14.2 प्रतिशत के साथ रूस आते हैं.
देश की घरेलू उपलब्ध यात्री क्षमता - उपलब्ध सीट किलोमीटर (आस्क) में मापी गई - जो मार्च में 4.7 प्रतिशत थी. इसके बाद रूस में 11.1 फीसदी और चीन में 4.4 फीसदी की बढ़त है.