नई दिल्ली: कंपनी के उच्चतम तिमाही समेकित राजस्व की सूचना के बाद भारती एयरटेल के शेयर बुधवार को 4 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुए.
कंपनी के शेयर का मूल्य बीएसई में दिन के दौरान 12.65 प्रतिशत बढ़कर 487.80 रुपये पर पहुंच गया, जो बाद में 4.26 प्रतिशत बढ़कर 451.45 रुपये पर बंद हुआ.
वहीं एनएसई पर यह 3.38 प्रतिशत उछलकर 448 रुपये पर बंद हुआ. दिन के दौरान यह 12.61 प्रतिशत उछलकर 488 रुपये पर पहुंच गया था.
बीएसई पर कंपनी का बाजार मूल्यांकन 10,066.14 करोड़ रुपये बढ़कर 2,46,291.14 करोड़ रुपये हो गया.
कारोबार की मात्रा के लिहाज से, बीएसई में दिन के दौरान 39.07 लाख शेयर और एनएसई पर 12.35 करोड़ यूनिट का कारोबार हुआ.
देश की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल की एकीकृत आय चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई. इसकी प्रमुख वजह इंटरनेट उपभोग और वसूली में वृद्धि होना रही. इससे कंपनी को अपना घाटा कम करने में भी मदद मिली है.
तिमाही के दौरान उसकी एकीकृत परिचालन आय सालाना आधार पर 22 प्रतिशत बढ़कर 25,785 करोड़ रुपये रही. यह किसी भी तिमाही में अर्जित कंपनी की सबसे अधिक एकीकृत आय है.
वित्त वर्ष 2020-21 की जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी का घाटा कम होकर 763 करोड़ रुपये रह गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी का घाटा 23,045 करोड़ रुपये रहा था. हालांकि, पिछले साल कंपनी के ज्यादा घाटे की प्रमुख वजह उच्चतम न्यायालय के आदेश पर समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से जुड़ा बकाया भुगतान के लिए 28,450 करोड़ रुपये का प्रावधान करना था.
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बयान के मुताबिक कंपनी के घरेलू कारोबार ने आय, मार्जिन और ग्राहकों की संख्या सभी पहलुओं पर मजबूत वृद्धि दर्ज की है. सितंबर तिमाही में भारत से कंपनी की आय 22 प्रतिशत बढ़कर 18,747 करोड़ रुपये रही. इसकी प्रमुख वजह 4जी ग्राहकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होना है.
वहीं, कंपनी की मोबाइल सेवा से आय 26 प्रतिशत बढ़ी. दूरसंचार कंपनियों के लिए 'प्रति उपयोक्ता औसत आय' (एआरपीयू) गणना करने का सबसे मुख्य कारक है. समीक्षावधि में कंपनी का एआरपीयू 162 रुपये रहा जो पिछले साल समान तिमाही में 128 रुपये रहा था.
जबकि इससे पिछली अप्रैल-जून तिमाही में यह 157 रुपये था. कंपनी ने कहा कि उसके 4जी ग्राहकों की संख्या भी समीक्षावधि में सालाना आधार पर 48.1 प्रतिशत बढ़कर 15.27 करोड़ हो गयी.
वहीं कंपनी की प्रति उपयोक्ता औसत इंटरनेट खपत 16 जीबी प्रति माह रही जो उद्योग में सबसे बेहतर स्थिति रही है. जबकि प्रति व्यक्ति औसत वॉयस कॉल उपयोग 1,005 मिनट प्रति माह रहा.
(पीटीआई इनपुट्स के साथ)