भारत बायोटेक और जीएसके ने आने वाले हफ्तों में कई शर्तों को पूरा करने का फैसला किया है. भारत बायोटेक सभी नकद लेनदेन में 100% इक्विटी हिस्सेदारी के साथ अधिग्रहण करेगा.
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अपने पोर्टफोलियो में चिरोन बेहरिंग टीकों को शामिल करने से भारत बायोटेक को रेबीज वैक्सीन निर्माण में वैश्विक स्तर पर उभरने में मदद मिलेगी.
चिरोन बेहरिंग वैक्सीन दुनिया में उच्च गुणवत्ता वाले रेबीज के सबसे बड़े विनिर्माण में से एक है. इसके साथ ही गुजरात के अंकलेश्वर में एक संयंत्र का मालिक है. यह संयंत्र दुनिया का सबसे पुराना रेबीज वैक्सीन विनिर्माण संयंत्र भी है.
मौजूदा अधिग्रहण से भारत बायोटेक को रेबीज वैक्सीन की अतिरिक्त 15 मिलियन खुराक के उत्पादन में मदद मिलेगी. वर्तमान में भारत बायोटेक में रेबीज वैक्सीन की 10 मिलियन खुराक बनाने की क्षमता है.
भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ कृष्णा एम एला ने कहा कि वर्तमान अधिग्रहण से देश को लगभग 80% अनुमानित रेबीज वैक्सीन आपूर्ति की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि इस अधिग्रहण के बाद भारत अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के लिए रेबीज वैक्सीन के उत्पादन और आपूर्ति के लिए एक केंद्र के रूप में उभरेगा क्योंकि इन देशों में रेबीज वैक्सीन उत्पादन की कोई इकाइयां नहीं हैं.