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सरकार और सेबी ने इंडिगो में कंपनी संचालन में कमियों की जांच तेज की

इंडिगो कंपनी संचालन में खामी, निष्पक्ष व्यवसाय के नियमों और भेदिया कारोबार रोधी नियमों के उल्लंघन के आरोपों का सामना कर रही है. इस बीच कंपनी प्रवर्तकों से जुड़ी इकाइयों और निदेशक मंडल के सदस्यों से जुड़ी हरेक इकाई की भूमिका की जांच की जा रही है.

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Published : Jul 14, 2019, 7:43 PM IST

सरकार और सेबी ने इंडिगो में कंपनी संचालन में कमियों की जांच तेज की

नई दिल्ली: इंडिगो में प्रवर्तकों के बीच विवाद बढ़ने के साथ ही बाजार नियामक सेबी और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी संचालन मामले में बरती गई खामियों और अन्य उल्लंघन के आरोपों की जांच तेज कर दी है. अधिकारियों ने यह बात कही.

प्रवर्तक राकेश गंगवाल ने इंडिगो में कंपनी संचालन में खामी का आरोप लगाते हुए इस मामले में सेबी से हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने कहा था कि कंपनी में जिस तरह से संचालन कार्यों का प्रबंधन हो रहा है उससे एक पान की दुकान भी अपने मामलों को बेहतर ढंग से व्यवस्थित करती है.

अधिकारियों ने कहा कि इंटरग्लोब एविएशन नियामकीय जांच के दायरे में है और सेबी नियमों के उल्लंघन के संकेत मिले हैं.

ये भी पढ़ें- दृष्टिबाधित लोगों को बड़ी राहत, आरबीआई नोटों को पहचानने के लिए लाएगा एप

इंडिगो कंपनी संचालन में खामी, निष्पक्ष व्यवसाय के नियमों और भेदिया कारोबार रोधी नियमों के उल्लंघन के आरोपों का सामना कर रही है. इस बीच कंपनी प्रवर्तकों से जुड़ी इकाइयों और निदेशक मंडल के सदस्यों से जुड़ी हरेक इकाई की भूमिका की जांच की जा रही है.

गंगवाल ने सह-संस्थापक राहुल भाटिया की इंटरग्लोबल एंटरप्राइजेज समूह के संबंधित पक्ष के साथ लेनदेन को लेकर सवाल उठाए हैं. हालांकि, भाटिया पक्ष ने इन आरोपों खारिज किया है.

एक अधिकारी ने कहा कि कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय गंगवाल की शिकायत पर कंपनी से टिप्पणियां मांगेगा और संबंधित पक्ष लेनदेन की जांच-परख करेगा.

मंत्रालय इस बात की जांच करेगा कि ज्ञापन , लेख , समझौते और समाधान कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप हैं या नहीं.

यदि कंपनी अधिनियम का उल्लंघन किया गया होगा तो कंपनी को कड़ी नियामकीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इसमें मौजूदा समझौतों को समाप्त करके नई व्यवस्था देना भी शामिल है.

अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय कंपनी कानून की धारा 6 में निहित शक्तियों का उपयोग कर सकता है.

अधिनियम की धारा -6 के तहत नियमों का उल्लंघन होने पर निदेशक मंडल के सदस्यों या आम बैठक में पारित किसी भी ज्ञापन, लेख, समझौते या समाधान को खारिज किया जा सकता है.

गंगवाल के पत्र पर मंत्रालय और बाजार नियामक सेबी ने 19 जुलाई तक कंपनी से जवाब मांगा है.

सेबी ने इंटरग्लोब एविएशन के शेयरों में भेदिया कारोबार रोधी नियमों के उल्लंघन की अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है.

अधिकारियों ने कहा कि बाजार नियामक कंपनी के अधिकारियों और निदेशक मंडल के सदस्यों को तलब कर सकती है.

नई दिल्ली: इंडिगो में प्रवर्तकों के बीच विवाद बढ़ने के साथ ही बाजार नियामक सेबी और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी संचालन मामले में बरती गई खामियों और अन्य उल्लंघन के आरोपों की जांच तेज कर दी है. अधिकारियों ने यह बात कही.

प्रवर्तक राकेश गंगवाल ने इंडिगो में कंपनी संचालन में खामी का आरोप लगाते हुए इस मामले में सेबी से हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने कहा था कि कंपनी में जिस तरह से संचालन कार्यों का प्रबंधन हो रहा है उससे एक पान की दुकान भी अपने मामलों को बेहतर ढंग से व्यवस्थित करती है.

अधिकारियों ने कहा कि इंटरग्लोब एविएशन नियामकीय जांच के दायरे में है और सेबी नियमों के उल्लंघन के संकेत मिले हैं.

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इंडिगो कंपनी संचालन में खामी, निष्पक्ष व्यवसाय के नियमों और भेदिया कारोबार रोधी नियमों के उल्लंघन के आरोपों का सामना कर रही है. इस बीच कंपनी प्रवर्तकों से जुड़ी इकाइयों और निदेशक मंडल के सदस्यों से जुड़ी हरेक इकाई की भूमिका की जांच की जा रही है.

गंगवाल ने सह-संस्थापक राहुल भाटिया की इंटरग्लोबल एंटरप्राइजेज समूह के संबंधित पक्ष के साथ लेनदेन को लेकर सवाल उठाए हैं. हालांकि, भाटिया पक्ष ने इन आरोपों खारिज किया है.

एक अधिकारी ने कहा कि कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय गंगवाल की शिकायत पर कंपनी से टिप्पणियां मांगेगा और संबंधित पक्ष लेनदेन की जांच-परख करेगा.

मंत्रालय इस बात की जांच करेगा कि ज्ञापन , लेख , समझौते और समाधान कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप हैं या नहीं.

यदि कंपनी अधिनियम का उल्लंघन किया गया होगा तो कंपनी को कड़ी नियामकीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इसमें मौजूदा समझौतों को समाप्त करके नई व्यवस्था देना भी शामिल है.

अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय कंपनी कानून की धारा 6 में निहित शक्तियों का उपयोग कर सकता है.

अधिनियम की धारा -6 के तहत नियमों का उल्लंघन होने पर निदेशक मंडल के सदस्यों या आम बैठक में पारित किसी भी ज्ञापन, लेख, समझौते या समाधान को खारिज किया जा सकता है.

गंगवाल के पत्र पर मंत्रालय और बाजार नियामक सेबी ने 19 जुलाई तक कंपनी से जवाब मांगा है.

सेबी ने इंटरग्लोब एविएशन के शेयरों में भेदिया कारोबार रोधी नियमों के उल्लंघन की अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है.

अधिकारियों ने कहा कि बाजार नियामक कंपनी के अधिकारियों और निदेशक मंडल के सदस्यों को तलब कर सकती है.

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सरकार और सेबी ने इंडिगो में कंपनी संचालन में कमियों की जांच तेज की

नई दिल्ली: इंडिगो में प्रवर्तकों के बीच विवाद बढ़ने के साथ ही बाजार नियामक सेबी और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी संचालन मामले में बरती गई खामियों और अन्य उल्लंघन के आरोपों की जांच तेज कर दी है. अधिकारियों ने यह बात कही. 

प्रवर्तक राकेश गंगवाल ने इंडिगो में कंपनी संचालन में खामी का आरोप लगाते हुए इस मामले में सेबी से हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने कहा था कि कंपनी में जिस तरह से संचालन कार्यों का प्रबंधन हो रहा है उससे एक पान की दुकान भी अपने मामलों को बेहतर ढंग से व्यवस्थित करती है. 

अधिकारियों ने कहा कि इंटरग्लोब एविएशन नियामकीय जांच के दायरे में है और सेबी नियमों के उल्लंघन के संकेत मिले हैं.  

इंडिगो कंपनी संचालन में खामी, निष्पक्ष व्यवसाय के नियमों और भेदिया कारोबार रोधी नियमों के उल्लंघन के आरोपों का सामना कर रही है. इस बीच कंपनी प्रवर्तकों से जुड़ी इकाइयों और निदेशक मंडल के सदस्यों से जुड़ी हरेक इकाई की भूमिका की जांच की जा रही है. 

गंगवाल ने सह-संस्थापक राहुल भाटिया की इंटरग्लोबल एंटरप्राइजेज समूह के संबंधित पक्ष के साथ लेनदेन को लेकर सवाल उठाए हैं. हालांकि, भाटिया पक्ष ने इन आरोपों खारिज किया है. 

एक अधिकारी ने कहा कि कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय गंगवाल की शिकायत पर कंपनी से टिप्पणियां मांगेगा और संबंधित पक्ष लेनदेन की जांच-परख करेगा. 

मंत्रालय इस बात की जांच करेगा कि ज्ञापन , लेख , समझौते और समाधान कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप हैं या नहीं. 

यदि कंपनी अधिनियम का उल्लंघन किया गया होगा तो कंपनी को कड़ी नियामकीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इसमें मौजूदा समझौतों को समाप्त करके नई व्यवस्था देना भी शामिल है. 

अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय कंपनी कानून की धारा 6 में निहित शक्तियों का उपयोग कर सकता है. 

अधिनियम की धारा -6 के तहत नियमों का उल्लंघन होने पर निदेशक मंडल के सदस्यों या आम बैठक में पारित किसी भी ज्ञापन, लेख, समझौते या समाधान को खारिज किया जा सकता है. 

गंगवाल के पत्र पर मंत्रालय और बाजार नियामक सेबी ने 19 जुलाई तक कंपनी से जवाब मांगा है. 

सेबी ने इंटरग्लोब एविएशन के शेयरों में भेदिया कारोबार रोधी नियमों के उल्लंघन की अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. 

अधिकारियों ने कहा कि बाजार नियामक कंपनी के अधिकारियों और निदेशक मंडल के सदस्यों को तलब कर सकती है. 

 


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