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कोरोना महामारी के बीच 77 प्रतिशत कंपनियों का राजस्व गिरा: रिपोर्ट - रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में शामिल लगभग 30 प्रतिशत कंपनियों को कठोर उपाय अपनाने की जरूरत होगी, जैसे उच्चस्तर का युक्तिकरण, बिक्री या विलय.

कोरोना महामारी के बीच 77 प्रतिशत कंपनियों का राजस्व गिरा: रिपोर्ट
कोरोना महामारी के बीच 77 प्रतिशत कंपनियों का राजस्व गिरा: रिपोर्ट
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Published : Jul 13, 2020, 12:13 PM IST

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के मौजूदा संकट के परिणामस्वरूप लगभग 77 प्रतिशत व्यापारिक संगठनों के राजस्व में गिरावट आई है. यह जानकारी हाल के एक वैश्विक सर्वेक्षण में सामने आई है.

720 ट्रांस्फार्म ऑफ दुबई, प्रोफेसी एफजेएलएलसी-मिडल ईस्ट और भारत स्थित इनसाइट्स3डी द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक सर्वे के अनुसार, भारत और मध्यपूर्व में स्थित लगभग सात प्रतिशत कंपनियों ने राजस्व में उपरमुखी वृद्धि दर्ज की है, जबकि 16 प्रतिशत कंपनियां अप्रभावित हैं.

ये भी पढ़ें- चीन से घटा कारोबार, अमेरिका बना भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार

इस सर्वे के लिए लगभग 282 कार्यकारियों से बातचीत की गई, जिसमें सभी उद्योग सेगमेंट से सीईओ और एमडी शामिल हैं.

जिन कंपनियों पर नकारात्मक असर पड़ा है और उनने राजस्व में गिरावट दर्ज की है, उनमें से 30 प्रतिशत कंपनियों ने राजस्व में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की, जबकि 30 प्रतिशत कंपनियों ने 30-50 प्रतिशत गिरावट दर्ज की.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में शामिल लगभग 30 प्रतिशत कंपनियों को कठोर उपाय अपनाने की जरूरत होगी, जैसे उच्चस्तर का युक्तिकरण, बिक्री या विलय.

रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए प्रोफेसी एफजेडएलएलसी के राजा मारुर ने कहा, "हमारी यह मान्यता कि एक नई सामान्य स्थिति की परिकल्पना की जा रही है, को इस सर्वे ने सही साबित किया है. इसके अलावा संगठनों पर पड़े असर उनकी आपूर्ति श्रंखला के वश्विक एकीकरण के पैमाने और स्तर के लिहाज से अलग-अलग हैं."

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के मौजूदा संकट के परिणामस्वरूप लगभग 77 प्रतिशत व्यापारिक संगठनों के राजस्व में गिरावट आई है. यह जानकारी हाल के एक वैश्विक सर्वेक्षण में सामने आई है.

720 ट्रांस्फार्म ऑफ दुबई, प्रोफेसी एफजेएलएलसी-मिडल ईस्ट और भारत स्थित इनसाइट्स3डी द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक सर्वे के अनुसार, भारत और मध्यपूर्व में स्थित लगभग सात प्रतिशत कंपनियों ने राजस्व में उपरमुखी वृद्धि दर्ज की है, जबकि 16 प्रतिशत कंपनियां अप्रभावित हैं.

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इस सर्वे के लिए लगभग 282 कार्यकारियों से बातचीत की गई, जिसमें सभी उद्योग सेगमेंट से सीईओ और एमडी शामिल हैं.

जिन कंपनियों पर नकारात्मक असर पड़ा है और उनने राजस्व में गिरावट दर्ज की है, उनमें से 30 प्रतिशत कंपनियों ने राजस्व में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की, जबकि 30 प्रतिशत कंपनियों ने 30-50 प्रतिशत गिरावट दर्ज की.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में शामिल लगभग 30 प्रतिशत कंपनियों को कठोर उपाय अपनाने की जरूरत होगी, जैसे उच्चस्तर का युक्तिकरण, बिक्री या विलय.

रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए प्रोफेसी एफजेडएलएलसी के राजा मारुर ने कहा, "हमारी यह मान्यता कि एक नई सामान्य स्थिति की परिकल्पना की जा रही है, को इस सर्वे ने सही साबित किया है. इसके अलावा संगठनों पर पड़े असर उनकी आपूर्ति श्रंखला के वश्विक एकीकरण के पैमाने और स्तर के लिहाज से अलग-अलग हैं."

(आईएएनएस)

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