ETV Bharat / business

महाराष्ट्र को मिला 3 चीनी कंपनियों से 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश - चीनी कंपनियां

भारत-चीन सीमा पर जारी विवाद के बीच, महाराष्ट्र में चीन पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर रहा है. महाराष्ट्र में निवेश करने वाली चीनी कंपनियां ग्रेट वॉल मोटर (जीडब्ल्यूएम), हेंगली इंजीनियरिंग और पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशन के साथ एक संयुक्त उद्यम में फॉटन (चीन) हैं.

महाराष्ट्र को मिला 3 चीनी कंपनियों से 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश
महाराष्ट्र को मिला 3 चीनी कंपनियों से 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश
author img

By

Published : Jun 17, 2020, 4:35 PM IST

Updated : Jun 17, 2020, 4:42 PM IST

मुंबई: भारत-चीन सीमा पर जारी विवाद के बीच, महाराष्ट्र में चीन 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर रहा है.

महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को अपनी "मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0" पहल के तहत तीन चीनी इकाइयों सहित विभिन्न उद्योगों में फैली कंपनियों के साथ 16,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.

वहीं, गल्वान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई तनातनी सोमवार को हिंसक हो गया, जिससे दोनों पक्षों के कई लोगों के हताहत होने की खबर है.

महाराष्ट्र में निवेश करने वाली चीनी कंपनियां:

1. हेंगली इंजीनियरिंग: कंपनी पुणे के तालेगांव में अपने दूसरे चरण के विस्तार के हिस्से के रूप में 250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और 150 लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगी.

2. पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशन के साथ एक संयुक्त उद्यम में फॉटन (चीन) 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा और 1,500 लोगों को रोजगार प्रदान करेगा.

3. ग्रेट वॉल मोटर (जीडब्ल्यूएम): ऑटोमोबाइल प्लांट स्थापित करने के लिए पुणे के पास तालेगांव में 3,770 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. कंपनी ने 3,000 लोगों के लिए अनुमानित रोजगार के साथ चरणबद्ध तरीके से भारत में 1 बिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग 7,600 करोड़ रुपये) का निवेश किया है.

जीडब्ल्यूएम की भारतीय सहायक कंपनी के प्रबंध निदेशक पार्कर शी ने एक बयान में कहा, "यह उन्नत रोबोटिक्स तकनीक के साथ तलेगांव (पुणे के पास) में एक उच्च स्वचालित संयंत्र होगा."

उन्होंने जोड़ा, "कुल मिलाकर हम भारत में चरणबद्ध तरीके से 1 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो विश्व स्तर के बुद्धिमान और प्रीमियम उत्पादों, आर एंड डी सेंटर के निर्माण, आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण और चरणबद्ध तरीके से 3,000 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए निर्देशित है."

ये भी पढ़ें: न्यायालय ने कहा कि कर्ज की स्थगित किस्तों पर ब्याज पर ब्याज वसूलने का कोई तुक नहीं बनता

इस साल जनवरी में, जीडब्ल्यूएम ने जीएम से संयंत्र का अधिग्रहण करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. जीडब्ल्यूएम संयंत्र में अपने ईवी और एयूवी मॉडल का उत्पादन करेगा.

(पीटीआई इनपुट्स के साथ)

मुंबई: भारत-चीन सीमा पर जारी विवाद के बीच, महाराष्ट्र में चीन 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर रहा है.

महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को अपनी "मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0" पहल के तहत तीन चीनी इकाइयों सहित विभिन्न उद्योगों में फैली कंपनियों के साथ 16,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.

वहीं, गल्वान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई तनातनी सोमवार को हिंसक हो गया, जिससे दोनों पक्षों के कई लोगों के हताहत होने की खबर है.

महाराष्ट्र में निवेश करने वाली चीनी कंपनियां:

1. हेंगली इंजीनियरिंग: कंपनी पुणे के तालेगांव में अपने दूसरे चरण के विस्तार के हिस्से के रूप में 250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और 150 लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगी.

2. पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशन के साथ एक संयुक्त उद्यम में फॉटन (चीन) 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा और 1,500 लोगों को रोजगार प्रदान करेगा.

3. ग्रेट वॉल मोटर (जीडब्ल्यूएम): ऑटोमोबाइल प्लांट स्थापित करने के लिए पुणे के पास तालेगांव में 3,770 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. कंपनी ने 3,000 लोगों के लिए अनुमानित रोजगार के साथ चरणबद्ध तरीके से भारत में 1 बिलियन अमरीकी डॉलर (लगभग 7,600 करोड़ रुपये) का निवेश किया है.

जीडब्ल्यूएम की भारतीय सहायक कंपनी के प्रबंध निदेशक पार्कर शी ने एक बयान में कहा, "यह उन्नत रोबोटिक्स तकनीक के साथ तलेगांव (पुणे के पास) में एक उच्च स्वचालित संयंत्र होगा."

उन्होंने जोड़ा, "कुल मिलाकर हम भारत में चरणबद्ध तरीके से 1 बिलियन अमरीकी डॉलर के निवेश के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो विश्व स्तर के बुद्धिमान और प्रीमियम उत्पादों, आर एंड डी सेंटर के निर्माण, आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण और चरणबद्ध तरीके से 3,000 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए निर्देशित है."

ये भी पढ़ें: न्यायालय ने कहा कि कर्ज की स्थगित किस्तों पर ब्याज पर ब्याज वसूलने का कोई तुक नहीं बनता

इस साल जनवरी में, जीडब्ल्यूएम ने जीएम से संयंत्र का अधिग्रहण करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. जीडब्ल्यूएम संयंत्र में अपने ईवी और एयूवी मॉडल का उत्पादन करेगा.

(पीटीआई इनपुट्स के साथ)

Last Updated : Jun 17, 2020, 4:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.