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11वीं बड़ी डील: सऊदी की पीआईएफ जियो प्लेटफॉर्म्स में 11367 करोड़ रुपये का निवेश करेगी

इस निवेश के साथ जियो प्लेटफार्म्स में फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्ता इक्विटी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, केकेआर, मुबाडला, एडीआईए, टीपीजी और एल काटेर्टन ने अप्रैल 2020 से अब तक 1,15,693.95 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं.

11वीं बड़ी डील: जियो प्लेटफार्म में 11,367 करोड़ रुपये का निवेश करेगा सऊदी अरब का पीआईएफ
11वीं बड़ी डील: जियो प्लेटफार्म में 11,367 करोड़ रुपये का निवेश करेगा सऊदी अरब का पीआईएफ
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Published : Jun 18, 2020, 4:44 PM IST

Updated : Jun 18, 2020, 8:54 PM IST

नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अपनी डिजिटल इकाई जियो प्लेटफार्म्स में 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी 11,367 करोड़ रुपये में सऊदी अरब के संपत्ति कोष 'पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड' (पीआईएफ) को बेची है.

कुल मिलाकर कंपनी अप्रैल से लेकर अब तक अपनी डिजिटल इकाई में हिस्सेदारी बेचकर करीब 1.16 लाख करोड़ रुपये जुटा चुकी है.

इसकी शुरूआत 22 अप्रैल से फेसबुक के निवेश के साथ हुई. रिलायंस अब तक जियो प्लेटफार्म्स में कुल मिलाकर 25 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेच चुकी है.

कंपनी ने एक बयान में कहा कि सऊदी सरकारी संपत्ति कोष का निवेश 4.91 लाख करोड़ रुपये के इक्विटी मूल्य और 5.16 लाख करोड़ रुपये के उपक्रम मूल्य के आधार पर हुआ है.

इस निवेश के साथ जियो प्लेटफार्म्स में फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्ता इक्विटी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, केकेआर, मुबाडला, एडीआईए, टीपीजी और एल काटेर्टन ने अप्रैल 2020 से अब तक 1,15,693.95 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं.

बयान के अनुसार, "पीआईएफ के अतिरिक्त निवेश के साथ जियो प्लेटफार्म्स ने दुनिया के महत्वपूर्ण वित्तीय निवेशकों के साथ भागीदारी की है जो भारत के लिये 'डिजिटल सोसाइटी' दृष्टिकोण स्थापित करने में योगदान देंगे."

जियो प्लेटफार्म्स में ग्राहकों के हिसाब से देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो शामिल है. जियो 2016 में मुफ्त वॉयस कॉल और सस्ते डेटा के साथ बाजार में आयी. अभी 38.8 करोड़ ग्राहकों के साथ जियो ने कई प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को एकीकरण के लिये मजबूर किया.

पिछले दो महीने से दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी ने करीब 14 अरब डॉलर की संपत्ति बेचने की घोषणा की. इसमें 53,124 करोड़ रुपये के राइट इश्यू की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इससे रिलायंस को इस साल के अंत तक 1.61 लाख करोड़ रुपये के शुद्ध कर्ज को लौटाने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें: किस जिले में प्रवासी कामगार लौटे, सरकार को जानकारी है: वित्त मंत्री

पीआईएफ का यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, "हमने कई दशकों तक सऊदी अरब के साथ अपने बेहतर और सार्थक संबंधों का आनंद उठाया है. पीआईएफ के जियो प्लेटफार्म में निवेश से स्पष्ट है कि तेल अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर यह संबंध अब भारत के 'न्यू ऑयल' यानी डेटा-अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं."

पीआईएफ के गवर्नर महामहिम यासिर अल-रुम्यायन ने कहा, "हमें एक अनूठे व्यवसाय में निवेश करने की खुशी है, जो भारत में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के परिवर्तन में सबसे आगे है. हमारा मानना है कि भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था की क्षमता बहुत अधिक है और जियो प्लेटफार्म हमें उस विकास तक पहुँचने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगा."

यह सौदा भारतीय नियामकों तथा अन्य जरूरी मंजूरी पर निर्भर है.

इस सौदे से पहले रिलायंस ने जियो प्लेटफार्म्स में 22.38 प्रतिशत हिस्सेदारी फेसबुक, सिल्वर लेक जैसी इकाइयों को बेचकर 1,04,326.95 करोड़ रुपये जुटाये हैं.

(पीटीआई इनपुट्स के साथ)

नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने अपनी डिजिटल इकाई जियो प्लेटफार्म्स में 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी 11,367 करोड़ रुपये में सऊदी अरब के संपत्ति कोष 'पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड' (पीआईएफ) को बेची है.

कुल मिलाकर कंपनी अप्रैल से लेकर अब तक अपनी डिजिटल इकाई में हिस्सेदारी बेचकर करीब 1.16 लाख करोड़ रुपये जुटा चुकी है.

इसकी शुरूआत 22 अप्रैल से फेसबुक के निवेश के साथ हुई. रिलायंस अब तक जियो प्लेटफार्म्स में कुल मिलाकर 25 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेच चुकी है.

कंपनी ने एक बयान में कहा कि सऊदी सरकारी संपत्ति कोष का निवेश 4.91 लाख करोड़ रुपये के इक्विटी मूल्य और 5.16 लाख करोड़ रुपये के उपक्रम मूल्य के आधार पर हुआ है.

इस निवेश के साथ जियो प्लेटफार्म्स में फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्ता इक्विटी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, केकेआर, मुबाडला, एडीआईए, टीपीजी और एल काटेर्टन ने अप्रैल 2020 से अब तक 1,15,693.95 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं.

बयान के अनुसार, "पीआईएफ के अतिरिक्त निवेश के साथ जियो प्लेटफार्म्स ने दुनिया के महत्वपूर्ण वित्तीय निवेशकों के साथ भागीदारी की है जो भारत के लिये 'डिजिटल सोसाइटी' दृष्टिकोण स्थापित करने में योगदान देंगे."

जियो प्लेटफार्म्स में ग्राहकों के हिसाब से देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो शामिल है. जियो 2016 में मुफ्त वॉयस कॉल और सस्ते डेटा के साथ बाजार में आयी. अभी 38.8 करोड़ ग्राहकों के साथ जियो ने कई प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को एकीकरण के लिये मजबूर किया.

पिछले दो महीने से दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी ने करीब 14 अरब डॉलर की संपत्ति बेचने की घोषणा की. इसमें 53,124 करोड़ रुपये के राइट इश्यू की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इससे रिलायंस को इस साल के अंत तक 1.61 लाख करोड़ रुपये के शुद्ध कर्ज को लौटाने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें: किस जिले में प्रवासी कामगार लौटे, सरकार को जानकारी है: वित्त मंत्री

पीआईएफ का यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, "हमने कई दशकों तक सऊदी अरब के साथ अपने बेहतर और सार्थक संबंधों का आनंद उठाया है. पीआईएफ के जियो प्लेटफार्म में निवेश से स्पष्ट है कि तेल अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर यह संबंध अब भारत के 'न्यू ऑयल' यानी डेटा-अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं."

पीआईएफ के गवर्नर महामहिम यासिर अल-रुम्यायन ने कहा, "हमें एक अनूठे व्यवसाय में निवेश करने की खुशी है, जो भारत में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के परिवर्तन में सबसे आगे है. हमारा मानना है कि भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था की क्षमता बहुत अधिक है और जियो प्लेटफार्म हमें उस विकास तक पहुँचने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगा."

यह सौदा भारतीय नियामकों तथा अन्य जरूरी मंजूरी पर निर्भर है.

इस सौदे से पहले रिलायंस ने जियो प्लेटफार्म्स में 22.38 प्रतिशत हिस्सेदारी फेसबुक, सिल्वर लेक जैसी इकाइयों को बेचकर 1,04,326.95 करोड़ रुपये जुटाये हैं.

(पीटीआई इनपुट्स के साथ)

Last Updated : Jun 18, 2020, 8:54 PM IST
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