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नौकरी में पुरूषों के मुकाबले महिला अब भी पीछे: संयुक्त राष्ट्र

रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष पदों पर महिलाओं की उपस्थिति अभी भी कम है. पिछले 30 साल से स्थित बहुत कम बदली है.

नौकरी में पुरूषों के मुकाबले महिला अब भी पीछे
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Published : Mar 8, 2019, 10:46 PM IST

न्यूयार्क: नौकरियों के मामले में महिलायें अपने पुरूष समकक्षों से अब भी काफी पीछे हैं. दुनियाभर में शीर्ष पदों पर महिलाओं की उपस्थिति अब भी कम है और उन्हें मातृत्व की वजह से नुकसान भी उठाना पड़ता है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है.

इसमें कहा गया है कि भारत में प्रबंधक स्तर पर वैसी महिलाओं की संख्या केवल 10 प्रतिशत के करीब है जिनके छह साल से कम उम्र के बच्चे हैं. वहीं पुरूषों के मामले में यह संख्या करीब 90 प्रतिशत है.

ये भी पढ़ें-'देश में पुरुषों के मुकाबले 19 प्रतिशत कम वेतन पाती हैं महिलाएं'

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर 'सभी के लिये कार्य के बेहतर भविष्य हेतु स्त्री-पुरूष समानता के लिये लंबी छलांग' शाीर्षक से जारी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 1990 के दशक से महिलाओं के लिये रोजगार के अवसर में नाममात्र सुधार हुआ है.

रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष पदों पर महिलाओं की उपस्थिति अभी भी कम है. पिछले 30 साल से स्थित बहुत कम बदली है. इसमें कहा गया है, "महिलाओं के पास अपने पुरूष समकक्षों के मुकाबले बेहतर शैक्षणिक डिग्री होने के बावजूद यह स्थिति है. महिलाओं के लिये रोजगार के कम अवसर और कम वेतन के लिये शिक्षा मुख्य कारण नहीं है. बल्कि महिलाओं को अपनी पढ़ाई-लिखाई का वैसा लाभ नहीं मिलता जितना कि पुरूषों को मिलता है."

रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं को मातृत्व का भी नुकसान उठाना पड़ता है. वैश्विक स्तर पर वैसी प्रबंधक महिलायें 25 प्रतिशत है जिनके छह साल से कम उम्र के बच्चे हैं. वहीं बिना छोटे बच्चे के प्रबंधक स्तर पर उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 31 प्रतिशत हुई है. वहीं भारत में प्रबंधक स्तर पर वैसी महिलाओं की संख्या केवल 10.2 प्रतिशत है जिनके बच्चे छह साल से कम हैं जबकि ऐसे पुरूषों की संख्या 90 प्रतिशत तक है.

(भाषा)

न्यूयार्क: नौकरियों के मामले में महिलायें अपने पुरूष समकक्षों से अब भी काफी पीछे हैं. दुनियाभर में शीर्ष पदों पर महिलाओं की उपस्थिति अब भी कम है और उन्हें मातृत्व की वजह से नुकसान भी उठाना पड़ता है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है.

इसमें कहा गया है कि भारत में प्रबंधक स्तर पर वैसी महिलाओं की संख्या केवल 10 प्रतिशत के करीब है जिनके छह साल से कम उम्र के बच्चे हैं. वहीं पुरूषों के मामले में यह संख्या करीब 90 प्रतिशत है.

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रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष पदों पर महिलाओं की उपस्थिति अभी भी कम है. पिछले 30 साल से स्थित बहुत कम बदली है. इसमें कहा गया है, "महिलाओं के पास अपने पुरूष समकक्षों के मुकाबले बेहतर शैक्षणिक डिग्री होने के बावजूद यह स्थिति है. महिलाओं के लिये रोजगार के कम अवसर और कम वेतन के लिये शिक्षा मुख्य कारण नहीं है. बल्कि महिलाओं को अपनी पढ़ाई-लिखाई का वैसा लाभ नहीं मिलता जितना कि पुरूषों को मिलता है."

रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं को मातृत्व का भी नुकसान उठाना पड़ता है. वैश्विक स्तर पर वैसी प्रबंधक महिलायें 25 प्रतिशत है जिनके छह साल से कम उम्र के बच्चे हैं. वहीं बिना छोटे बच्चे के प्रबंधक स्तर पर उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 31 प्रतिशत हुई है. वहीं भारत में प्रबंधक स्तर पर वैसी महिलाओं की संख्या केवल 10.2 प्रतिशत है जिनके बच्चे छह साल से कम हैं जबकि ऐसे पुरूषों की संख्या 90 प्रतिशत तक है.

(भाषा)

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नौकरी में पुरूषों के मुकाबले महिला अब भी पीछे: संयुक्त राष्ट्र 

न्यूयार्क: नौकरियों के मामले में महिलायें अपने पुरूष समकक्षों से अब भी काफी पीछे हैं. दुनियाभर में शीर्ष पदों पर महिलाओं की उपस्थिति अब भी कम है और उन्हें मातृत्व की वजह से नुकसान भी उठाना पड़ता है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. 

इसमें कहा गया है कि भारत में प्रबंधक स्तर पर वैसी महिलाओं की संख्या केवल 10 प्रतिशत के करीब है जिनके छह साल से कम उम्र के बच्चे हैं. वहीं पुरूषों के मामले में यह संख्या करीब 90 प्रतिशत है. 

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रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष पदों पर महिलाओं की उपस्थिति अभी भी कम है. पिछले 30 साल से स्थित बहुत कम बदली है. इसमें कहा गया है, "महिलाओं के पास अपने पुरूष समकक्षों के मुकाबले बेहतर शैक्षणिक डिग्री होने के बावजूद यह स्थिति है. महिलाओं के लिये रोजगार के कम अवसर और कम वेतन के लिये शिक्षा मुख्य कारण नहीं है. बल्कि महिलाओं को अपनी पढ़ाई-लिखाई का वैसा लाभ नहीं मिलता जितना कि पुरूषों को मिलता है." 

रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं को मातृत्व का भी नुकसान उठाना पड़ता है. वैश्विक स्तर पर वैसी प्रबंधक महिलायें 25 प्रतिशत है जिनके छह साल से कम उम्र के बच्चे हैं. वहीं बिना छोटे बच्चे के प्रबंधक स्तर पर उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 31 प्रतिशत हुई है. वहीं भारत में प्रबंधक स्तर पर वैसी महिलाओं की संख्या केवल 10.2 प्रतिशत है जिनके बच्चे छह साल से कम हैं जबकि ऐसे पुरूषों की संख्या 90 प्रतिशत तक है.

(भाषा)


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