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कोका कोला और थम्स अप पर बैन लगाने के लिए लगाई याचिका, खुद पर लग गया पांच लाख का जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने कोका कोला और थम्स अप पर प्रतिबंध लगाने की याचिका दाखिल करने वाले शख्स पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने कहा है कि इस विषय पर बिना किसी तकनीकी जानकारी के याचिका दायर की गई है.

कोका कोला और थम्स अप पर बैन लगाने के लिए लगाई याचिका, खुद पर लग गया पांच लाख का जुर्माना
कोका कोला और थम्स अप पर बैन लगाने के लिए लगाई याचिका, खुद पर लग गया पांच लाख का जुर्माना
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Published : Jun 12, 2020, 2:22 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भारत में शीतल पेय कोका कोला और थम्स अप की बिक्री पर पाबंदी लगाने के लिये दायर याचिका बृहस्पतिवार को खारिज करने के साथ ही याचिकाकर्ता पर पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुये याचिकाकर्ता उमेद सिंह पी चावड़ा की याचिका खारिज की. पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस तरह की याचिका दायर करना कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग है.

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खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले चावड़ा ने याचिका में दावा किया था कि ये शीतल पेय स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हैं.

हालांकि, पीठ ने याचिका खारिज करते हुये कहा कि यह इस विषय के बारे में बगैर किसी तकनीकी जानकारी के ही दायर की गयी है और इसमें किये गये दावे के समर्थन में कुछ भी नहीं है.

पीठ ने याचिकाकर्ता पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुये आदेश दिया कि यह राशि एक महीने के भीतर शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा करायी जाये, जिसे सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन को दिया जायेगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भारत में शीतल पेय कोका कोला और थम्स अप की बिक्री पर पाबंदी लगाने के लिये दायर याचिका बृहस्पतिवार को खारिज करने के साथ ही याचिकाकर्ता पर पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुये याचिकाकर्ता उमेद सिंह पी चावड़ा की याचिका खारिज की. पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस तरह की याचिका दायर करना कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग है.

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खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले चावड़ा ने याचिका में दावा किया था कि ये शीतल पेय स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हैं.

हालांकि, पीठ ने याचिका खारिज करते हुये कहा कि यह इस विषय के बारे में बगैर किसी तकनीकी जानकारी के ही दायर की गयी है और इसमें किये गये दावे के समर्थन में कुछ भी नहीं है.

पीठ ने याचिकाकर्ता पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुये आदेश दिया कि यह राशि एक महीने के भीतर शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा करायी जाये, जिसे सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन को दिया जायेगा.

(पीटीआई-भाषा)

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