लंदन : नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई कर रही ब्रिटेन की एक अदालत ने सोमवार को मुंबई की आर्थर रोड जेल के एक नए वीडियो की समीक्षा की.
भारत सरकार द्वारा लगाए गए धनशोधन और धोखाधड़ी के आरोपों में अगर भगोड़े हीरा कारोबारी का प्रत्यर्पण होता है तो उसे उसी जेल में रखा जाएगा. पंजाब नेशनल बैंक के साथ करीब दो अरब अमेरिकी डॉलर घोटाला मामले में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रही क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने अदालत को वीडियो दिखाया और जेल में कोरोना वायरस परीक्षण तथा अन्य सुरक्षा उपायों के संबंध में कुछ जानकारी दी.
यह वीडियो 2018 में किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण मामले में तैयार किए गए वीडियो जैसा ही था. माल्या को भी बैरक 12 में ही रखा जाना है. भारत सरकार के वीडियो के अनुसार उस बैरक में बहुचर्चित अपराधियों को रखा जाता है. माल्या अभी जमानत पर हैं. प्रत्यर्पण के खिलाफ माल्या की अंतिम अपील मई में खारिज हो गयी थी.
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ब्रिटिश गृह मंत्रालय ने संकेत दिया था कि कानूनी मामले में कुछ मुद्दे लंबित हैं. बैरिस्टर हेलेन मैल्कम ने सोमवार को लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत को बताया कि वीडियो से साबित होता है कि जेल की स्थितियों में मानवाधिकार संबंधी यूरोपीय संधि के तहत ब्रिटेन के दायित्वों के उल्लंघन का कोई खतरा नहीं है. उन्होंने न्यायमूर्ति सैमुअल गूजी से कहा कि बैरक 12 का अपडेट वीडियो उचित लगा.
सोमवार को पांच दिवसीय सुनवाई का पहला दिन था और यह शुक्रवार तक चलेगी.इस मामले में फैसला इस वर्ष के अंत तक आने की संभावना है . अंतिम सुनवाई एक दिसंबर को होनी तय है.