नई दिल्ली: दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने आठ दिसंबर को किसान संगठनों द्वारा 'भारत बंद' के आह्वान पर अपना समर्थन दिया है.
इन यूनियनों ने 26 नवंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था, जिसका मकसद हाल ही में पारित श्रम संहिता के अलावा कई अन्य मुद्दों के साथ हाल में पारित किये गये कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना है.
संयुक्त मंच दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का है - जिसमें इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेन्टर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेन्टर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (एसईडब्ल्यूए), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) शामिल हैं.
एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि केंद्रीय व्यापार संघों और स्वतंत्र क्षेत्रीय महासंघों/संघों के संयुक्त मंच ने "काले कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग कर रहे किसानों के चल रहे एकजुट संघर्ष को तहे दिल से अपना समर्थन" जताया है.
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संयुक्त मंच ने इस बात पर संतोष जताया कि 27 नवंबर, 2020 से, पूरे देश में सभी राज्यों में किसानों के जारी संघर्षों के साथ, मजदूरों और कर्मचारियों और उनकी यूनियनों ने एकजुटता दिखाते हुए कई विरोध प्रदर्शनों को आयोजित करने में पूरी तरह से सक्रिय रहे हैं.
उन्होंने यह विरोध प्रदर्शन कई राज्य सरकारों की पुलिस द्वारा गिरफ्तारियों और डराने धमकाने के बावजूद किया. इस संयुक्त मंच ने किसान संगठनों के साझा मंच द्वारा देशव्यापी संघर्ष को तेज करने के दृढ़ संकल्प का स्वागत किया है तथा आठ दिसंबर, 2020 को 'भारत बंद' के उनके आह्वान को सभी समर्थन प्रदान किया गया है.
(पीटीआई-भाषा)