मुंबई : शेयर बाजारों में पिछले चार कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स 534 अंक उछलकर बंद हुआ है. निवेशकों की ऊर्जा, वित्त और आईटी शेयरों की लिवाली से बाजार में जोरदार तेजी आई है.
कारोबारियों के अनुसार बाजार ने वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख और रुपये की विनिमय दर में गिरावट को तरजीह नहीं दी है. निवेशकों की नजर कंपनियों के बेहतर तिमाही परिणाम और आर्थिक गतिविधियों में तेजी पर है तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 533.74 अंक यानी 0.91 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,299.32 अंक पर बंद हुआ है.
इसी प्रकार, एनएसई निफ्टी 159.20 अंक यानी 0.91 प्रतिशत उछलकर 17,691.25 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में 4.08 प्रतिशत की तेजी के साथ सर्वाधिक लाभ में एनटीपीसी रहा. इसके अलावा बजाज फिनसर्व, एसबीआई, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा, डा. रेड्डीज और टाटा स्टील में भी मुख्य रूप से तेजी रही और दूसरी तरफ, सेंसेक्स में शामिल शेयरों में केवल छह बजाज ऑटो, एचयूएल, नेस्ले इंडिया, कोटक बैंक, टाइटन और पावरग्रिड 0.75 प्रतिशत तक नुकसान में रहें.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा पिछले सप्ताह गिरावट के बाद वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल रुख के बावजूद बाजार में फिर से तेजी लौटी. इसका कारण आर्थिक गतिविधियों में तेजी के साथ कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम बेहतर रहने की उम्मीद है. महामारी की दूसरी लहर का प्रभाव उतना व्यापक नहीं रहा और त्योहारों के दौरान बेहतर परिदृश्य की संभावना से भी बाजार में तेजी लौटी है.
उन्होंने कहा, तिमाही परिणाम से पहले आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई थी. इन कंपनियों के तिमाही परिणाम आने शुरू होने से पहले, इनमें हल्की तेजी देखी गई है. परिणाम मजबूत परिदृश्य के अनुकूल रहें तो यह यह एक अवसर हो सकता है.
इसे भी पढ़ें-शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में 350 अंक से ज्यादा की तेजी, निफ्टी 17,600 के पार
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा पर भी बाजार की नजर है जो नीतिगत दर में बदलाव की उम्मीद नहीं कर रहा है. एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, कंपनियों के दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम की घोषणा का समय करीब आने के साथ धातु और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की अगुवाई में बाजार में तेजी लौटी है. छोटी एवं मझोली कंपनियों (स्मॉल और मिडकैप) के शेयरों में सकारात्मक रुख रहा है.
उन्होंने कहा कि कुछ औषधि कंपनियों और विशेष रसायन वाली कंपनियों के शेयरों में अच्छी लिवाली देखी गई. वैश्विक स्तर पर बाजार में मुद्रास्फीति चिंता और चीन की प्रमुख कंपनी एवरग्रांड के कर्ज संकट से दबाव रहा है. एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग, टोक्यो भारी नुकसान में बंद हुए जबकि शंघाई और सोल अवकाश के कारण बंद रहें. यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर कारोबार में स्थिर रुख रहा. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.13 प्रतिशत घटकर 79.38 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 19 पैसे टूटकर 74.31 पर पहुंच गई है.
(पीटीआई-भाषा)