नई दिल्ली : नियमों का यह सरलीकरण लाइसेंस छूट बैंड में उपकरण टाइप की मंजूरी की आवश्यकता को समाप्त करके किया गया है. आधिकारिक वक्तव्य में यह जानकारी देते हुये कहा गया है कि यह कदम इस क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिये उठाया गया है, ताकि घरेलू बाजार के लिये आधुनिक तकनीक के उत्पादों का विनिर्माण किया जा सके और निर्यात बढ़ाया जा सके.
इसके साथ ही इस क्षेत्र में शोध एवं विकास गतिविधियों और नवोन्मेष को भी प्रोत्साहित किया जायेगा. विभाग का कहना है कि इन नियमों को आसान बनाने से घरेलू उपयोग और निर्यात के लिए उच्च तकनीक उत्पादों के 'मेक इन इंडिया' के तहत विनिर्माण को बढ़ाने में मदद मिलेगी, साथ ही यह घरेलू शोध एवं नवोन्मेष को बढ़ाएगा.
इससे रेडियो इंटरफेस वाले उपकरणों का आयात आसान होगा. यह क्षेत्र में कारोबार सुगमता को बढ़ाएगा. ईटीए में स्वत: प्रमाणन को शुरू करने से मोबाइल हैंडसेट, लैपटॉप, नोटबुक, स्मार्ट एसेसरीज, कैमरा, स्कैनर और प्रिंटर इत्यादि श्रेणी के उत्पादों में वाणिज्यिक या अंतिम उत्पादों का आयात किया जा सकेगा.
(भाषा)
पढ़ें : निफ्टी 50 में हिंदुस्तान पेट्रोलियम की जगह लेगी ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज