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आरबीआई की आय में वृद्धि के कारण सरकार को सरप्लस ट्रांसफर हुआ: कोटक - RBI,

भारतीय रिजर्व बैंक की आय में हुई तेज वृद्धि के कारण उसने सरकार को अधिशेष की रिकार्ड राशि 1.76 लाख करोड़ रुपये का हस्तांतरण किया.

आरबीआई की आय में वृद्धि के कारण सरकार को सरप्लस ट्रांसफर हुआ: कोटक
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Published : Aug 30, 2019, 7:59 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 9:41 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की आय में हुई तेज वृद्धि के कारण उसने सरकार को अधिशेष की रिकार्ड राशि 1.76 लाख करोड़ रुपये का हस्तांतरण किया. कोटक सिक्योरिटीज ने शुक्रवार को यह बात कही.

कोटक की रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई की आय में बढ़ोतरी ओपन मार्केट ऑपरेशंस (ओएमओज) से हुई उच्च ब्याज आय से, विदेशी मुद्रा (एफएक्स) आमद की रिकॉर्डिग में अकाउंटिंग शुल्क से, और अतिरिक्त जोखिम प्रावधान को कम करने से हुई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि तरलता पहले ही अधिशेष स्तर पर है, लिहाजा 1.5 लाख करोड़ रुपये के निकल जाने से आरबीआई को तरलता को संभालना पड़ सकता है, और इसे अनुमानित ओएमओ खरीददारी से नीचे लाना पड़ सकता है, जो कि बांड के लिए नकारात्मक है.

ये भी पढ़ें - वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकारी सुधारों की घोषणा की

कोटक के मुताबिक, उच्च आय और इसका कोई प्रावधान नहीं करने के कारण अधिशेष उच्चस्तर पर पहुंच गया.

रिपोर्ट में कहा गया है, 2019 में आरबीआई की आय दोगुने से भी ज्यादा रही (1 जुलाई, 2018 से 30 जून, 2019 के बीच), जिसमें घरेलू आय में 30 फीसदी की वृद्धि हुई. इसमें रुपये की प्रतिभूतियों के बड़े पोर्टफोलियो (ओएमओज) तथा लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (एलएएफ)/मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) परिचालनों से 632 अरब की आय दर्ज की गई.

वहीं, विदेशी आय में 173.6 फीसदी की वृद्धि हुई, जिसमें फॉरेक्स लाभ/हानि के अकाउंटिंग बदलाव (होल्डिंग्स की भारित औसत लागत) से हुई 214 अरब रुपये की आमद शामिल है. साथ ही जालान समिति की सिफारिशों पर आपातकालीन निधि (सीएफ) से 526 अरब रुपये के अतिरिक्त जोखिम प्रावधान को हटा दिया गया.

कोटक ने कहा, "अगर अगले साल भी बैलेंस शीट इसी रफ्तार से मजबूत होती रही, तो सीआरबी को 5.5 फीसदी पर बरकरार रखने के लिए (जालान समिति की सिफारिशों के तहत) करीब 250 अरब रुपये के प्रावधान करने की जरूरत होगी, जिससे अधिशेष कम होगा."

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की आय में हुई तेज वृद्धि के कारण उसने सरकार को अधिशेष की रिकार्ड राशि 1.76 लाख करोड़ रुपये का हस्तांतरण किया. कोटक सिक्योरिटीज ने शुक्रवार को यह बात कही.

कोटक की रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई की आय में बढ़ोतरी ओपन मार्केट ऑपरेशंस (ओएमओज) से हुई उच्च ब्याज आय से, विदेशी मुद्रा (एफएक्स) आमद की रिकॉर्डिग में अकाउंटिंग शुल्क से, और अतिरिक्त जोखिम प्रावधान को कम करने से हुई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि तरलता पहले ही अधिशेष स्तर पर है, लिहाजा 1.5 लाख करोड़ रुपये के निकल जाने से आरबीआई को तरलता को संभालना पड़ सकता है, और इसे अनुमानित ओएमओ खरीददारी से नीचे लाना पड़ सकता है, जो कि बांड के लिए नकारात्मक है.

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कोटक के मुताबिक, उच्च आय और इसका कोई प्रावधान नहीं करने के कारण अधिशेष उच्चस्तर पर पहुंच गया.

रिपोर्ट में कहा गया है, 2019 में आरबीआई की आय दोगुने से भी ज्यादा रही (1 जुलाई, 2018 से 30 जून, 2019 के बीच), जिसमें घरेलू आय में 30 फीसदी की वृद्धि हुई. इसमें रुपये की प्रतिभूतियों के बड़े पोर्टफोलियो (ओएमओज) तथा लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (एलएएफ)/मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) परिचालनों से 632 अरब की आय दर्ज की गई.

वहीं, विदेशी आय में 173.6 फीसदी की वृद्धि हुई, जिसमें फॉरेक्स लाभ/हानि के अकाउंटिंग बदलाव (होल्डिंग्स की भारित औसत लागत) से हुई 214 अरब रुपये की आमद शामिल है. साथ ही जालान समिति की सिफारिशों पर आपातकालीन निधि (सीएफ) से 526 अरब रुपये के अतिरिक्त जोखिम प्रावधान को हटा दिया गया.

कोटक ने कहा, "अगर अगले साल भी बैलेंस शीट इसी रफ्तार से मजबूत होती रही, तो सीआरबी को 5.5 फीसदी पर बरकरार रखने के लिए (जालान समिति की सिफारिशों के तहत) करीब 250 अरब रुपये के प्रावधान करने की जरूरत होगी, जिससे अधिशेष कम होगा."

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Last Updated : Sep 28, 2019, 9:41 PM IST
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