नई दिल्ली : दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियों को बाधित करने वाले वैश्विक महामारी कोविड-19 के प्रकोप के बावजूद, भारत ने पिछले वित्त वर्ष के पहले दस महीनों में रिकार्ड 72.12 बिलियन डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त किया. सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों में यह दिखाया गया.
मंत्रालय ने कहा, 'यह वित्त वर्ष के पहले दस महीनों के लिए अब तक का शीर्ष और 2019-20 की समान अवधि की तुलना में 15 फीसदी अधिक है.
कुल एफडीआई अंतर्वाह के 72 बिलियन डॉलर के आंकड़े में पुनर्निवेश भी शामिल है.
इसी तरह, वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 10 महीनों के दौरान शुद्ध एफडीआई इक्विटी प्रवाह भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर था. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 42.34 बिलियन डॉलर से 28% की वृद्धि के साथ 54.18 बिलियन डॉलर हो गया.
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वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि एफडीआई इक्विटी प्रवाह में वृद्धि सरकार द्वारा किए गए उपायों के कारण हुई है जिसमें एफडीआई नीति सुधार, निवेश सुविधा और व्यापार करने में आसानी शामिल हैं.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 30.28 फीसदी के इक्विटी प्रवाह के साथ सिंगापुर शीर्ष निवेशक देश था, जिसके बाद अमेरिका (24.28%) और यूएई (7.31%) रहे.
हालांकि, जनवरी में स्थिति बदल गई, क्योंकि जापान 29 फीसदी के प्रवाह के साथ शीर्ष निवेशक रहा. जिसके बाद सिंगापुर (25.46%), और अमेरिका (25.46%) रहा.
आईटी क्षेत्र में अधिकतम एफडीआई प्राप्त होता है
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र (कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर) पिछले वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता था, क्योंकि इसने कुल एफडीआई प्रवाह का लगभग 46% प्राप्त किया, जिसके बाद निर्माण क्षेत्र (13.37%) और सेवा क्षेत्र (7.80%) रहा.
हालांकि, जनवरी में 22 फीसदी प्रवाह के साथ परामर्श सेवा सबसे अधिक प्राप्तकर्ता के रूप में उभरा, जिसके बाद आईटी सेक्टर (16%), और सेवा क्षेत्र (13.64%) रहे.