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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कम हो जाएगी आपकी टेक होम सैलेरी, जानें कैसे - कर

पीएफ योजना की सदस्यता उन व्यक्तियों के लिए अनिवार्य है जिनका मूल वेतन 15,000 रुपये तक है. इससे अधिक कमाने वालों के पास इससे बाहर रहने का एक विकल्प है.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Mar 6, 2019, 6:36 PM IST

मुंबई: सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में कहा गया है कि कंपनियां भविष्य निधि योगदान की गणना के लिए मूल वेतन से 'विशेष भत्ते' को अलग नहीं कर सकती हैं. यह फैसला उन कंपनियों के मानव संसाधन विभाग के लिए था जो 'सामान्य वेतन भत्ते' को भविष्य निधि कटौती से बचाने के लिए 'विशेष भत्ते' के रूप में रख देते हैं.

वर्तमान में एक कर्मचारी को पीएफ कॉर्पस के लिए अपने मूल वेतन का 12% योगदान करना पड़ता है. एक समान राशि कंपनियों द्वारा कर्मचारी की सेवानिवृत्ति निधि के लिए दी जाती है. याद रखें कि पीएफ योजना की सदस्यता उन व्यक्तियों के लिए अनिवार्य है जिनका मूल वेतन 15,000 रुपये तक है. इससे अधिक कमाने वालों के पास इससे बाहर रहने का एक विकल्प है.

ये भी पढ़ें-ग्रेच्युटी की कर मुक्त सीमा दोगुनी से सार्वजनिक उपक्रमों, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को लाभ: जेटली

देश के शीर्ष सबसे अधिक न्यायालय के निर्देश का व्यक्ति के व्यक्तिगत वित्त पर असर पड़ेगा. इसके अलावा नियोक्ता या कंपनियां एक आर्थिक झटका भी लग सकता है. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद कंपनियों को अतिरिक्त धन खर्च करना पड़ सकता है.

'सेवानिवृत्ति बचत बढ़ेगी लेकिन मासिक आय हो जाएगी कम'

रूंगटा सिक्योरिटीज के सीएफपी होंगवर्धन रूंगटा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए वरदान भी है और अभिशाप भी. रूंगटा ने कहा, कि इस फैसले से व्यक्ति कि सेवानिवृत्ति बचत बढ़ेगी लेकिन उसी समय हर महीने वेतनभोगी व्यक्ति पीएफ योगदान में वृद्धि के कारण मासिक आय कम हो जाएगी. जिसके चलते इन व्यक्तियों के मासिक निवेश और बचत में भी कमी आएगी.

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ऐसे कम होगी टेक होम सैलरी

उदाहरण के लिए माना कि आपकी सैलरी 15000 रुपए महीना है और 12 प्रतिशत के हिसाब से आपका हर महीने का पीएफ अंशदान 1800 रुपए होगा. इतनी ही रकम कंपनी द्वारा भी दी जाएगी. कर्मचारी के पीएफ अंशदान को कम करने के लिए कई कंपनियां सैलरी में कई भत्ते अलग कर देती है. अगर आपकी तनख्वाह 15000 को आधी कर दी जाए और आधे को भत्तों में बदल दिया जाए तो आपका पीएफ भी आधा हो जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब कर्मचारी का पीएफ उसके भत्तों से भी काटा जाएगा मतलब अगर कंपनी आपको 15000 सैलरी के अलावा 15 हजार के भत्ते देती है तो भी पीएफ 1800 रुपए ही कटेगा. इसका मतलब अब कंपनी और आपकी तरफ से अंशदान मिलकर 3600 रुपए पीएफ खाते में जाएगा. इसका आपकी टेक होम सैलरी पर असर पड़ेगा क्योंकि अब तक कंपनी जो भत्ते देती थी उस पर पीएफ नहीं कटता था.

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मुंबई: सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में कहा गया है कि कंपनियां भविष्य निधि योगदान की गणना के लिए मूल वेतन से 'विशेष भत्ते' को अलग नहीं कर सकती हैं. यह फैसला उन कंपनियों के मानव संसाधन विभाग के लिए था जो 'सामान्य वेतन भत्ते' को भविष्य निधि कटौती से बचाने के लिए 'विशेष भत्ते' के रूप में रख देते हैं.

वर्तमान में एक कर्मचारी को पीएफ कॉर्पस के लिए अपने मूल वेतन का 12% योगदान करना पड़ता है. एक समान राशि कंपनियों द्वारा कर्मचारी की सेवानिवृत्ति निधि के लिए दी जाती है. याद रखें कि पीएफ योजना की सदस्यता उन व्यक्तियों के लिए अनिवार्य है जिनका मूल वेतन 15,000 रुपये तक है. इससे अधिक कमाने वालों के पास इससे बाहर रहने का एक विकल्प है.

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देश के शीर्ष सबसे अधिक न्यायालय के निर्देश का व्यक्ति के व्यक्तिगत वित्त पर असर पड़ेगा. इसके अलावा नियोक्ता या कंपनियां एक आर्थिक झटका भी लग सकता है. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद कंपनियों को अतिरिक्त धन खर्च करना पड़ सकता है.

'सेवानिवृत्ति बचत बढ़ेगी लेकिन मासिक आय हो जाएगी कम'

रूंगटा सिक्योरिटीज के सीएफपी होंगवर्धन रूंगटा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए वरदान भी है और अभिशाप भी. रूंगटा ने कहा, कि इस फैसले से व्यक्ति कि सेवानिवृत्ति बचत बढ़ेगी लेकिन उसी समय हर महीने वेतनभोगी व्यक्ति पीएफ योगदान में वृद्धि के कारण मासिक आय कम हो जाएगी. जिसके चलते इन व्यक्तियों के मासिक निवेश और बचत में भी कमी आएगी.

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ऐसे कम होगी टेक होम सैलरी

उदाहरण के लिए माना कि आपकी सैलरी 15000 रुपए महीना है और 12 प्रतिशत के हिसाब से आपका हर महीने का पीएफ अंशदान 1800 रुपए होगा. इतनी ही रकम कंपनी द्वारा भी दी जाएगी. कर्मचारी के पीएफ अंशदान को कम करने के लिए कई कंपनियां सैलरी में कई भत्ते अलग कर देती है. अगर आपकी तनख्वाह 15000 को आधी कर दी जाए और आधे को भत्तों में बदल दिया जाए तो आपका पीएफ भी आधा हो जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब कर्मचारी का पीएफ उसके भत्तों से भी काटा जाएगा मतलब अगर कंपनी आपको 15000 सैलरी के अलावा 15 हजार के भत्ते देती है तो भी पीएफ 1800 रुपए ही कटेगा. इसका मतलब अब कंपनी और आपकी तरफ से अंशदान मिलकर 3600 रुपए पीएफ खाते में जाएगा. इसका आपकी टेक होम सैलरी पर असर पड़ेगा क्योंकि अब तक कंपनी जो भत्ते देती थी उस पर पीएफ नहीं कटता था.

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कम हो जाएगी आपकी टेक होम सैलेरी 

मुंबई: सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में कहा गया है कि कंपनियां भविष्य निधि योगदान की गणना के लिए मूल वेतन से 'विशेष भत्ते' को अलग नहीं कर सकती हैं. यह फैसला उन कंपनियों के मानव संसाधन विभाग के लिए था जो 'सामान्य वेतन भत्ते' को भविष्य निधि कटौती से बचाने के लिए 'विशेष भत्ते' के रूप में रख देते हैं.

वर्तमान में एक कर्मचारी को पीएफ कॉर्पस के लिए अपने मूल वेतन का 12% योगदान करना पड़ता है. एक समान राशि कंपनियों द्वारा कर्मचारी की सेवानिवृत्ति निधि के लिए दी जाती है. याद रखें कि पीएफ योजना की सदस्यता उन व्यक्तियों के लिए अनिवार्य है जिनका मूल वेतन 15,000 रुपये तक है. इससे अधिक कमाने वालों के पास इससे बाहर रहने का एक विकल्प है. 

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'सेवानिवृत्ति बचत बढ़ेगी लेकिन मासिक आय हो जाएगी कम'

रूंगटा सिक्योरिटीज के सीएफपी होंगवर्धन रूंगटा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए वरदान भी है और अभिशाप भी. रूंगटा ने कहा, कि इस फैसले से व्यक्ति कि सेवानिवृत्ति बचत बढ़ेगी लेकिन उसी समय हर महीने वेतनभोगी व्यक्ति पीएफ योगदान में वृद्धि के कारण मासिक आय कम हो जाएगी. जिसके चलते इन व्यक्तियों के मासिक निवेश और बचत में भी कमी आएगी. 



ऐसे कम होगी टेक होम सैलरी

उदाहरण के लिए माना कि आपकी सैलरी 15000 रुपए महीना है और 12 प्रतिशत के हिसाब से आपका हर महीने का पीएफ अंशदान 1800 रुपए होगा. इतनी ही रकम कंपनी द्वारा भी दी जाएगी. कर्मचारी के पीएफ अंशदान को कम करने के लिए कई कंपनियां सैलरी में कई भत्ते अलग कर देती है. अगर आपकी तनख्वाह 15000 को आधी कर दी जाए और आधे को भत्तों में बदल दिया जाए तो आपका पीएफ भी आधा हो जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब कर्मचारी का पीएफ उसके भत्तों से भी काटा जाएगा मतलब अगर कंपनी आपको 15000 सैलरी के अलावा 15 हजार के भत्ते देती है तो भी पीएफ 1800 रुपए ही कटेगा. इसका मतलब अब कंपनी और आपकी तरफ से अंशदान मिलकर 3600 रुपए पीएफ खाते में जाएगा. इसका आपकी टेक होम सैलरी पर असर पड़ेगा क्योंकि अब तक कंपनी जो भत्ते देती थी उस पर पीएफ नहीं कटता था.

 


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