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भारत- चीन व्यापार रिश्तों में और सुधार की गुंजाइश: चीनी राजदूत - भारत चीन व्यापार रिश्ते

लुओ ने यहां भारत-चीन संबंध पर आयोजित एक संगोष्ठी के मौके पर कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उच्च स्तर पर दोनों देशों की जनता के बीच आदान- प्रदान की प्रणाली स्थापित की है.

भारत- चीन व्यापार रिश्तों में और सुधार की गुंजाइश: चीनी राजदूत
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Published : May 21, 2019, 9:57 PM IST

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच पिछले 14 साल के दौरान व्यापारिक रिश्तों में काफी प्रगति हुई है लेकिन अभी भी इसमें और सुधार की गुंजाइश है. चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने मंगलवार को यह बात कही.

लुओ ने यहां भारत-चीन संबंध पर आयोजित एक संगोष्ठी के मौके पर कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उच्च स्तर पर दोनों देशों की जनता के बीच आदान- प्रदान की प्रणाली स्थापित की है.

ये भी पढ़ें: सिंगापुर, कनाडा की डब्ल्यूटीओ में भारत के खिलाफ दायर एक मामले में शामिल होने की इच्छा

लुओ ने कहा कि पिछले 14 साल के दौरान चीन और भारत ने व्यापारिक संबंधों के क्षेत्र में काफी प्रगति की है लेकिन अभी भी इसमें सुधार की गुंजाइश बनी हुई है. चीन के निर्वतमान हो रहे इस राजदूत ने कहा, हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा रेखा निर्धारण नहीं हुआ है फिर भी सीमा पर कई व्यापार बिंदु हैं.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच एक दूसरे के साथ वृहद संपर्क साधने में भी सफलता हासिल की है. मानसरोवर यात्रा के मामले में इसे देखा जा सकता है. भारतीय नागरिक तिब्बत में मानसरोवर की यात्रा कर सकते हैं.

यह यात्रा नाथुला दर्रे के जरिये और क्विंग ला (लिपुलेख) के जरिये की जा सकती है. लुओ राजदूत का कार्यकाल समाप्त कर बीजिंग लौट रहे हैं जहां उन्हें पदोन्नत कर उप-मंत्री बनाया गया है.

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच पिछले 14 साल के दौरान व्यापारिक रिश्तों में काफी प्रगति हुई है लेकिन अभी भी इसमें और सुधार की गुंजाइश है. चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने मंगलवार को यह बात कही.

लुओ ने यहां भारत-चीन संबंध पर आयोजित एक संगोष्ठी के मौके पर कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उच्च स्तर पर दोनों देशों की जनता के बीच आदान- प्रदान की प्रणाली स्थापित की है.

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लुओ ने कहा कि पिछले 14 साल के दौरान चीन और भारत ने व्यापारिक संबंधों के क्षेत्र में काफी प्रगति की है लेकिन अभी भी इसमें सुधार की गुंजाइश बनी हुई है. चीन के निर्वतमान हो रहे इस राजदूत ने कहा, हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा रेखा निर्धारण नहीं हुआ है फिर भी सीमा पर कई व्यापार बिंदु हैं.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच एक दूसरे के साथ वृहद संपर्क साधने में भी सफलता हासिल की है. मानसरोवर यात्रा के मामले में इसे देखा जा सकता है. भारतीय नागरिक तिब्बत में मानसरोवर की यात्रा कर सकते हैं.

यह यात्रा नाथुला दर्रे के जरिये और क्विंग ला (लिपुलेख) के जरिये की जा सकती है. लुओ राजदूत का कार्यकाल समाप्त कर बीजिंग लौट रहे हैं जहां उन्हें पदोन्नत कर उप-मंत्री बनाया गया है.

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नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच पिछले 14 साल के दौरान व्यापारिक रिश्तों में काफी प्रगति हुई है लेकिन अभी भी इसमें और सुधार की गुंजाइश है. चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने मंगलवार को यह बात कही.

लुओ ने यहां भारत-चीन संबंध पर आयोजित एक संगोष्ठी के मौके पर कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उच्च स्तर पर दोनों देशों की जनता के बीच आदान- प्रदान की प्रणाली स्थापित की है.

लुओ ने कहा कि पिछले 14 साल के दौरान चीन और भारत ने व्यापारिक संबंधों के क्षेत्र में काफी प्रगति की है लेकिन अभी भी इसमें सुधार की गुंजाइश बनी हुई है. चीन के निर्वतमान हो रहे इस राजदूत ने कहा, हालांकि, दोनों देशों के बीच सीमा रेखा निर्धारण नहीं हुआ है फिर भी सीमा पर कई व्यापार बिंदु हैं.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच एक दूसरे के साथ वृहद संपर्क साधने में भी सफलता हासिल की है. मानसरोवर यात्रा के मामले में इसे देखा जा सकता है. भारतीय नागरिक तिब्बत में मानसरोवर की यात्रा कर सकते हैं.

यह यात्रा नाथुला दर्रे के जरिये और क्विंग ला (लिपुलेख) के जरिये की जा सकती है. लुओ राजदूत का कार्यकाल समाप्त कर बीजिंग लौट रहे हैं जहां उन्हें पदोन्नत कर उप-मंत्री बनाया गया है.

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