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आधार डेटा के निजी कंपनियों के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

याचिका में आरोप लगाया गया है कि आधार कानून में 2019 संशोधन शीर्ष अदालत के पहले के आदेशों का उल्लंघन हैं. इससे पहले 5 जजों की बेंच ने आधार कानून की वैधता बरकरार रखते हुए कुछ आपत्तियां जताई थीं.

आधार डेटा के निजी कंपनियों के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
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Published : Nov 22, 2019, 3:08 PM IST

Updated : Nov 22, 2019, 6:45 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से शुक्रवार को उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें कानून में निजी कंपनियों को ग्राहकों के स्वैच्छिक प्रमाणीकरण के लिए आधार डेटा इस्तेमाल करने की अनुमति देने वाले कानून में संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है. सीजेआई एस. ए. बोबडे और जस्टिस बी. आर. गवई की पीठ ने एस. जी. वोम्बटकेरे की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र को यह आदेश दिया.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि आधार कानून में 2019 संशोधन शीर्ष अदालत के पहले के आदेशों का उल्लंघन हैं. इससे पहले 5 जजों की बेंच ने आधार कानून की वैधता बरकरार रखते हुए कुछ आपत्तियां जताई थीं और कहा था कि निजी कंपनियों को ग्राहकों की अनुमति से भी उनकी जानकारी के प्रमाणीकरण के लिए डेटा इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

ये भी पढ़ें- तीस नवंबर को आएगी पंद्रहवें वित्त आयोग की रिपोर्ट

बाद में, केंद्र ने कानून में संशोधन करते हुए बैंक खाता खोलने और मोबाइल फोन कनेक्शन हासिल करने के लिए उपभोक्ताओं को पहचान पत्र के रूप में आधार का स्वेच्छा से प्रयोग करने की अनुमति देते हुए कानून में संशोधन किया था. कोर्ट ने ताजा जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया और सुनवाई के लिए अलग लंबित मामले के साथ इसे जोड़ दिया.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से शुक्रवार को उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें कानून में निजी कंपनियों को ग्राहकों के स्वैच्छिक प्रमाणीकरण के लिए आधार डेटा इस्तेमाल करने की अनुमति देने वाले कानून में संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है. सीजेआई एस. ए. बोबडे और जस्टिस बी. आर. गवई की पीठ ने एस. जी. वोम्बटकेरे की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र को यह आदेश दिया.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि आधार कानून में 2019 संशोधन शीर्ष अदालत के पहले के आदेशों का उल्लंघन हैं. इससे पहले 5 जजों की बेंच ने आधार कानून की वैधता बरकरार रखते हुए कुछ आपत्तियां जताई थीं और कहा था कि निजी कंपनियों को ग्राहकों की अनुमति से भी उनकी जानकारी के प्रमाणीकरण के लिए डेटा इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

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बाद में, केंद्र ने कानून में संशोधन करते हुए बैंक खाता खोलने और मोबाइल फोन कनेक्शन हासिल करने के लिए उपभोक्ताओं को पहचान पत्र के रूप में आधार का स्वेच्छा से प्रयोग करने की अनुमति देते हुए कानून में संशोधन किया था. कोर्ट ने ताजा जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया और सुनवाई के लिए अलग लंबित मामले के साथ इसे जोड़ दिया.

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आधार डेटा के निजी कंपनियों के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से शुक्रवार को उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें कानून में निजी कंपनियों को ग्राहकों के स्वैच्छिक प्रमाणीकरण के लिए आधार डेटा इस्तेमाल करने की अनुमति देने वाले कानून में संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है. सीजेआई एस. ए. बोबडे और जस्टिस बी. आर. गवई की पीठ ने एस. जी. वोम्बटकेरे की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र को यह आदेश दिया.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि आधार कानून में 2019 संशोधन शीर्ष अदालत के पहले के आदेशों का उल्लंघन हैं. इससे पहले 5 जजों की बेंच ने आधार कानून की वैधता बरकरार रखते हुए कुछ आपत्तियां जताई थीं और कहा था कि निजी कंपनियों को ग्राहकों की अनुमति से भी उनकी जानकारी के प्रमाणीकरण के लिए डेटा इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

बाद में, केंद्र ने कानून में संशोधन करते हुए बैंक खाता खोलने और मोबाइल फोन कनेक्शन हासिल करने के लिए उपभोक्ताओं को पहचान पत्र के रूप में आधार का स्वेच्छा से प्रयोग करने की अनुमति देते हुए कानून में संशोधन किया था. कोर्ट ने ताजा जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया और सुनवाई के लिए अलग लंबित मामले के साथ इसे जोड़ दिया.


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Last Updated : Nov 22, 2019, 6:45 PM IST

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