ETV Bharat / business

धोखा देने वाले उपकरण के कथित इस्तेमाल पर स्कोडा फॉक्सवैगन को नहीं मिली उच्चतम न्यायालय से राहत - सुप्रीम कोर्ट

सुनवाई के दौरान ऑटोमोबाइल विनिर्माता ने दलील दी कि इस बारे में दिसंबर 2015 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में शिकायत की गई थी, और मार्च 2019 में उस पर जुर्माना लगाया गया, जिसे शीर्ष न्यायालय ने रोक दिया था.

धोखा देने वाले उपकरण के कथित इस्तेमाल पर स्कोडा फॉक्सवैगन को नहीं मिली उच्चतम न्यायालय से राहत
धोखा देने वाले उपकरण के कथित इस्तेमाल पर स्कोडा फॉक्सवैगन को नहीं मिली उच्चतम न्यायालय से राहत
author img

By

Published : Nov 26, 2020, 3:19 PM IST

Updated : Nov 26, 2020, 3:44 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को जर्मन कार विनिर्माता स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एक उपभोक्ता द्वारा उसकी डीजल कार में कथित रूप से 'धोखा देने वाले उपकरण' के इस्तेमाल पर उत्तर प्रदेश में दर्ज एफआईआर को चुनौती दी गई थी.

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने यह फैसला सुनाया और ऑटोमोबाइल निर्माता की याचिका को खारिज कर दिया. इससे पहले चार नवंबर को शीर्ष न्यायालय ने यह कहते हुए याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था कि मामले की जांच क्यों नहीं होनी चाहिए.

सुनवाई के दौरान ऑटोमोबाइल विनिर्माता ने दलील दी कि इस बारे में दिसंबर 2015 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में शिकायत की गई थी, और मार्च 2019 में उस पर जुर्माना लगाया गया, जिसे शीर्ष न्यायालय ने रोक दिया था.

ये भी पढ़ें: आर्थिक भरपाई उम्मीद से अधिक जोरदार, मांग में स्थिरता पर नजर बनाए रखने की जरूरत: आरबीआई

इस संबंध में उत्तर प्रदेश में भी एक याचिका दर्ज की गई, जिसे रद्द कराने के लिए कंपनी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.

उच्च न्यायालय ने एफआईआर को रद्द करने से इनकार करते हुए स्कोडा की याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद कंपनी ने उच्चतम न्यायालय में अपील की, जहां उसे कोई राहत नहीं मिल सकी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को जर्मन कार विनिर्माता स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एक उपभोक्ता द्वारा उसकी डीजल कार में कथित रूप से 'धोखा देने वाले उपकरण' के इस्तेमाल पर उत्तर प्रदेश में दर्ज एफआईआर को चुनौती दी गई थी.

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने यह फैसला सुनाया और ऑटोमोबाइल निर्माता की याचिका को खारिज कर दिया. इससे पहले चार नवंबर को शीर्ष न्यायालय ने यह कहते हुए याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था कि मामले की जांच क्यों नहीं होनी चाहिए.

सुनवाई के दौरान ऑटोमोबाइल विनिर्माता ने दलील दी कि इस बारे में दिसंबर 2015 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में शिकायत की गई थी, और मार्च 2019 में उस पर जुर्माना लगाया गया, जिसे शीर्ष न्यायालय ने रोक दिया था.

ये भी पढ़ें: आर्थिक भरपाई उम्मीद से अधिक जोरदार, मांग में स्थिरता पर नजर बनाए रखने की जरूरत: आरबीआई

इस संबंध में उत्तर प्रदेश में भी एक याचिका दर्ज की गई, जिसे रद्द कराने के लिए कंपनी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.

उच्च न्यायालय ने एफआईआर को रद्द करने से इनकार करते हुए स्कोडा की याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद कंपनी ने उच्चतम न्यायालय में अपील की, जहां उसे कोई राहत नहीं मिल सकी.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Nov 26, 2020, 3:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.