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SBI, आईसीआईसीआई, HDFC बैंक प्रणाली के हिसाब से महत्वपूर्ण संस्थान : RBI - HDFC Bank

एसबीआई, आईसीआईसीआई और HDFC बैंक घरेलू स्तर पर प्रणाली के हिसाब से महत्वपूर्ण बैंक (डी-एसआईबी) या संस्थान बने हुए हैं. रिजर्व बैंक ने 2015 और 2016 में एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक को डी-एसआईबी की श्रेणी में शामिल किया था.

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प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Jan 4, 2022, 9:13 PM IST

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक और HDFC बैंक घरेलू स्तर पर प्रणाली के हिसाब से महत्वपूर्ण बैंक (डी-एसआईबी) या संस्थान बने हुए हैं. ये संस्थान इतने महत्वपूर्ण हैं कि इनकी विफलता का देश की अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ेगा.

एसआईबी के अंतर्गत आने वाले बैंकों को महत्वपूर्ण माना जाता है और ये इतने अहम होते हैं कि इनके विफल होने पर देश की अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ सकता है. इस विचार के आधार पर इन बैंकों के लिये संकट के समय सरकार से समर्थन की उम्मीद होती है. इस धारणा के कारण इन बैंकों को वित्तपोषण बाजार में कुछ लाभ प्राप्त होते हैं.

रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, 'भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक घरेलू स्तर पर पूरी प्रणाली के हिसाब से महत्वपूर्ण बैंक बने हुए हैं. यह 2020 की डी-एसआईबी की सूची के समान संरचना के तहत है.' डी-एसआईबी के लिये अतिरिक्त साझा इक्विटी पूंजी (टियर 1) जरूरत को एक अप्रैल, 2016 से चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया और एक अप्रैल, 2019 से पूरी तरह से प्रभावी हो गया. अतिरिक्त सीईटी1 जरूरत पूंजी संरक्षण बफर के अलावा होगी.

पढ़ें- वृद्धि की राह में बाधा बन सकता है ओमीक्रोन, बैंक चुनौतियों से निपटने में सक्षम : RBI

रिजर्व बैंक ने 2015 और 2016 में एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक को डी-एसआईबी की श्रेणी में शामिल किया था. मार्च, 2017 की स्थिति के अनुसार, बैंकों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर एचडीएफसी बैंक को भी डी-एसआईबी की श्रेणी में शामिल किया गया. मौजूदा अद्यतन बैंकों से 31 मार्च, 2021 को प्राप्त आंकड़ों के आधार पर है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक और HDFC बैंक घरेलू स्तर पर प्रणाली के हिसाब से महत्वपूर्ण बैंक (डी-एसआईबी) या संस्थान बने हुए हैं. ये संस्थान इतने महत्वपूर्ण हैं कि इनकी विफलता का देश की अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ेगा.

एसआईबी के अंतर्गत आने वाले बैंकों को महत्वपूर्ण माना जाता है और ये इतने अहम होते हैं कि इनके विफल होने पर देश की अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ सकता है. इस विचार के आधार पर इन बैंकों के लिये संकट के समय सरकार से समर्थन की उम्मीद होती है. इस धारणा के कारण इन बैंकों को वित्तपोषण बाजार में कुछ लाभ प्राप्त होते हैं.

रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, 'भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक घरेलू स्तर पर पूरी प्रणाली के हिसाब से महत्वपूर्ण बैंक बने हुए हैं. यह 2020 की डी-एसआईबी की सूची के समान संरचना के तहत है.' डी-एसआईबी के लिये अतिरिक्त साझा इक्विटी पूंजी (टियर 1) जरूरत को एक अप्रैल, 2016 से चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया और एक अप्रैल, 2019 से पूरी तरह से प्रभावी हो गया. अतिरिक्त सीईटी1 जरूरत पूंजी संरक्षण बफर के अलावा होगी.

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रिजर्व बैंक ने 2015 और 2016 में एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक को डी-एसआईबी की श्रेणी में शामिल किया था. मार्च, 2017 की स्थिति के अनुसार, बैंकों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर एचडीएफसी बैंक को भी डी-एसआईबी की श्रेणी में शामिल किया गया. मौजूदा अद्यतन बैंकों से 31 मार्च, 2021 को प्राप्त आंकड़ों के आधार पर है.

(पीटीआई-भाषा)

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