ETV Bharat / business

कार्वी मामला: सैट ने ग्राहक प्रतिभूतियों के हस्तांतरण पर लगाई रोक

author img

By

Published : Dec 3, 2019, 8:36 PM IST

सेबी के 22 नवंबर के आदेश के खिलाफ बजाज फाइनेंस ने अपील की है. बजाज फाइनेंस ने केएसबीएल के खाते में रखी निवेशकों की प्रतिभूतियों के हस्तांतरण पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की अपील की है.

business news, sat, karvy case, SAT halts further transfer of securities from Karvy, कारोबार न्यूज, सैट, कार्वी मामला
कार्वी मामला: सैट ने ग्राहक प्रतिभूतियों के हस्तांतरण पर लगाई रोक

नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने मंगलवार को कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड द्वारा कर्जदाताओं के पास गिरवी रखी प्रतिभूतियों को उनके निवेशकों को हस्तांतरित करने पर रोक लगा दी. गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) बजाज फाइनेंस की अपील पर सैट ने यह निर्देश दिया है.

सेबी के 22 नवंबर के आदेश के खिलाफ बजाज फाइनेंस ने अपील की है. बजाज फाइनेंस ने केएसबीएल के खाते में रखी निवेशकों की प्रतिभूतियों के हस्तांतरण पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की अपील की है.

बजाज फाइनेंस की दलील है कि शेयरों का हस्तांतरण कर दिये जाने की वजह से गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनी गिरवी रखे शेयरों को भुना नहीं पायेगी. बजाज फाइनेंस ने गिरवी रखे शेयरों के एवज में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग को 345 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है.

सैट की ओर से यह निर्णय ऐसे समय आया है जब पूंजी बाजार नियामक ने एक दिन पहले ही एनएसडीएल को निवेशकों की प्रतिभूतियों को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया है. ये शेयर कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) ने रखे थे. सेबी के इस आदेश के बाद करीब 83,000 निवेशकों को उनके शेयर वापस मिल गये.

ये भी पढ़ें: पीएसयू बैंकों ने अक्टूबर-नवंबर में रिकार्ड 4.91 लाख करोड़ रुपये के लोन दिए

निवेशकों के इन शेयरों को केएसबीएल ने अवैध ढंग से अपने खाते में स्थानांतरित कर दिया और बाद में बिना निवेशकों की अनुमति के उन्हें गिरवी भी रख दिया. एनएसडीएल के हस्तांतरण से करीब 90 प्रतिशत निवेशकों को उनके शेयर मिल गये.

कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने निवेशकों के शेयरों को गिरवी रखकर 600 करोड़ रुपये का कर्ज प्राप्त किया है. इसके लिये उसने 2,300 करोड़ रुपये से अधिक की प्रतिभूतियों को गिरवी रखा. इसमें बजाज फाइनेंस से भी कर्ज लिया गया.

पूंजी बाजार नियामक ने 22 नवंबर को जारी आदेश में केएसबीएल को नये ग्राहकों का पंजीकरण करने पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही ग्राहकों द्वारा उसे दी गई पावर आफ अटार्नी का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी थी. कार्वी को ग्राहकों के शेयरों का दुरुपयोग करते पाया गया है.

नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने मंगलवार को कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड द्वारा कर्जदाताओं के पास गिरवी रखी प्रतिभूतियों को उनके निवेशकों को हस्तांतरित करने पर रोक लगा दी. गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) बजाज फाइनेंस की अपील पर सैट ने यह निर्देश दिया है.

सेबी के 22 नवंबर के आदेश के खिलाफ बजाज फाइनेंस ने अपील की है. बजाज फाइनेंस ने केएसबीएल के खाते में रखी निवेशकों की प्रतिभूतियों के हस्तांतरण पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की अपील की है.

बजाज फाइनेंस की दलील है कि शेयरों का हस्तांतरण कर दिये जाने की वजह से गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनी गिरवी रखे शेयरों को भुना नहीं पायेगी. बजाज फाइनेंस ने गिरवी रखे शेयरों के एवज में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग को 345 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है.

सैट की ओर से यह निर्णय ऐसे समय आया है जब पूंजी बाजार नियामक ने एक दिन पहले ही एनएसडीएल को निवेशकों की प्रतिभूतियों को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया है. ये शेयर कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) ने रखे थे. सेबी के इस आदेश के बाद करीब 83,000 निवेशकों को उनके शेयर वापस मिल गये.

ये भी पढ़ें: पीएसयू बैंकों ने अक्टूबर-नवंबर में रिकार्ड 4.91 लाख करोड़ रुपये के लोन दिए

निवेशकों के इन शेयरों को केएसबीएल ने अवैध ढंग से अपने खाते में स्थानांतरित कर दिया और बाद में बिना निवेशकों की अनुमति के उन्हें गिरवी भी रख दिया. एनएसडीएल के हस्तांतरण से करीब 90 प्रतिशत निवेशकों को उनके शेयर मिल गये.

कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने निवेशकों के शेयरों को गिरवी रखकर 600 करोड़ रुपये का कर्ज प्राप्त किया है. इसके लिये उसने 2,300 करोड़ रुपये से अधिक की प्रतिभूतियों को गिरवी रखा. इसमें बजाज फाइनेंस से भी कर्ज लिया गया.

पूंजी बाजार नियामक ने 22 नवंबर को जारी आदेश में केएसबीएल को नये ग्राहकों का पंजीकरण करने पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही ग्राहकों द्वारा उसे दी गई पावर आफ अटार्नी का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी थी. कार्वी को ग्राहकों के शेयरों का दुरुपयोग करते पाया गया है.

Intro:Body:

नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने मंगलवार को कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड द्वारा कर्जदाताओं के पास गिरवी रखी प्रतिभूतियों को उनके निवेशकों को हस्तांतरित करने पर रोक लगा दी. गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) बजाज फाइनेंस की अपील पर सैट ने यह निर्देश दिया है.

सेबी के 22 नवंबर के आदेश के खिलाफ बजाज फाइनेंस ने अपील की है. बजाज फाइनेंस ने केएसबीएल के खाते में रखी निवेशकों की प्रतिभूतियों के हस्तांतरण पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने की अपील की है.

बजाज फाइनेंस की दलील है कि शेयरों का हस्तांतरण कर दिये जाने की वजह से गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनी गिरवी रखे शेयरों को भुना नहीं पायेगी. बजाज फाइनेंस ने गिरवी रखे शेयरों के एवज में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग को 345 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है.

सैट की ओर से यह निर्णय ऐसे समय आया है जब पूंजी बाजार नियामक ने एक दिन पहले ही एनएसडीएल को निवेशकों की प्रतिभूतियों को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया है. ये शेयर कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड (केएसबीएल) ने रखे थे. सेबी के इस आदेश के बाद करीब 83,000 निवेशकों को उनके शेयर वापस मिल गये.

निवेशकों के इन शेयरों को केएसबीएल ने अवैध ढंग से अपने खाते में स्थानांतरित कर दिया और बाद में बिना निवेशकों की अनुमति के उन्हें गिरवी भी रख दिया. एनएसडीएल के हस्तांतरण से करीब 90 प्रतिशत निवेशकों को उनके शेयर मिल गये.

कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग ने निवेशकों के शेयरों को गिरवी रखकर 600 करोड़ रुपये का कर्ज प्राप्त किया है. इसके लिये उसने 2,300 करोड़ रुपये से अधिक की प्रतिभूतियों को गिरवी रखा. इसमें बजाज फाइनेंस से भी कर्ज लिया गया.

पूंजी बाजार नियामक ने 22 नवंबर को जारी आदेश में केएसबीएल को नये ग्राहकों का पंजीकरण करने पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही ग्राहकों द्वारा उसे दी गई पावर आफ अटार्नी का इस्तेमाल करने पर भी रोक लगा दी थी. कार्वी को ग्राहकों के शेयरों का दुरुपयोग करते पाया गया है.

ये भी पढ़ें:


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.