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रिलायंस के डिजिटल कारोबार के पुनर्गठन से निवेशकों के आकर्षित होने की संभावना: रिपोर्ट

रिलायंस ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह अपने पूरे डिजिटल कारोबार का एकीकरण कर एक नई अनुषंगी कंपनी बनाएगी. इस योजना से डिजिटल मंच निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकता है.

रिलायंस के डिजिटल कारोबार के पुनर्गठन से निवेशकों के आकर्षित होने की संभावना: रिपोर्ट
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Published : Oct 28, 2019, 7:23 PM IST

Updated : Oct 28, 2019, 10:43 PM IST

नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल कारोबार को मिलाकर एक नई अनुषंगी बनाने की योजना से उसका डिजिटल मंच निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकता है.

वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी मार्गन स्टैनली ने सोमवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है. रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने इसमें अपने दूरसंचार और डिजिटल कारोबार के पुनर्गठन और परिसंपत्तियों से पैसा बनाने पर ध्यान दिया है. साथ ही इसमें कर्ज का बोझ को कम करने का लक्ष है.

रिपोर्ट में कहा, "इससे कंपनी समूह का एकीकृत ऋण तो जस का तस बना रहेगा लेकिन निवेशक डिजिटल एप मंच (वाली अनुषंगी कंपनी) की ओर आकर्षित होंगे क्योंकि इसमें कारपोरेट ढांचा स्पष्ट और बेहतर होगा और ब्याज के बोझ की चिंताएं भी कम होंगी."

आईआईएफएल इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने भी अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा था कि कंपनी के इस कदम से जियो के कर्ज को मूल कंपनी की बैलेंस शीट में स्थानांतरित करने और डिजिटल मंच को रणनीतिक निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें- बीपीसीएल का मोजाम्बिक सौदा सरकार की जांच के घेरे में, निवेश की मंजूरी मिलना बाकी: सूत्र

रिलायंस ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह अपने पूरे डिजिटल कारोबार का एकीकरण कर एक नई अनुषंगी कंपनी बनाएगी. इसमें कंपनी की सारी डिजिटल पहलें और एप होंगी. कंपनी इस नई इकाई में 1.08 लाख करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी भी डालेगी.

नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल कारोबार को मिलाकर एक नई अनुषंगी बनाने की योजना से उसका डिजिटल मंच निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकता है.

वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी मार्गन स्टैनली ने सोमवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है. रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने इसमें अपने दूरसंचार और डिजिटल कारोबार के पुनर्गठन और परिसंपत्तियों से पैसा बनाने पर ध्यान दिया है. साथ ही इसमें कर्ज का बोझ को कम करने का लक्ष है.

रिपोर्ट में कहा, "इससे कंपनी समूह का एकीकृत ऋण तो जस का तस बना रहेगा लेकिन निवेशक डिजिटल एप मंच (वाली अनुषंगी कंपनी) की ओर आकर्षित होंगे क्योंकि इसमें कारपोरेट ढांचा स्पष्ट और बेहतर होगा और ब्याज के बोझ की चिंताएं भी कम होंगी."

आईआईएफएल इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने भी अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा था कि कंपनी के इस कदम से जियो के कर्ज को मूल कंपनी की बैलेंस शीट में स्थानांतरित करने और डिजिटल मंच को रणनीतिक निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाने में मदद मिलेगी.

ये भी पढ़ें- बीपीसीएल का मोजाम्बिक सौदा सरकार की जांच के घेरे में, निवेश की मंजूरी मिलना बाकी: सूत्र

रिलायंस ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह अपने पूरे डिजिटल कारोबार का एकीकरण कर एक नई अनुषंगी कंपनी बनाएगी. इसमें कंपनी की सारी डिजिटल पहलें और एप होंगी. कंपनी इस नई इकाई में 1.08 लाख करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी भी डालेगी.

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Last Updated : Oct 28, 2019, 10:43 PM IST
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