मुंबई: देश में बढ़ती बैंकिंग गतिविधियों को डिजिटलाइज करने के लिए आरबीआई ने एक अहम कदम उठाया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा के दौरान कहा कि आरबीआई देश के सभी जिलों में बैंकिंग सेवाओं को 100 फीसदी डिजिटलाइज्ड करेगा और इसके जल्द ही पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा.
योजना के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्तरीय बैंकर्स समिति अपने-अपने राज्यों में बैंक और संबंधित स्टेकहोल्डर्स से परामर्श के बाद जिले का चुनाव करेंगी. फिर जिले को किसी बैंक को सौंप दिया जाएगा, जो जिले को 100% डिजिटल रूप से सक्षम बनाने का प्रयास करेगी.
![आरबीआई ने देश के सभी जिलों को 100 फीसदी डिजिटल पेमेंट अनुकूल बनाने का रखा लक्ष्य](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4650219_pic1.jpg)
साथ ही बैंक जिले के प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षित, त्वरित, सस्ती और सुविधाजनक तरीके से भुगतान करने या प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा. दास ने बताया कि जिले की पहचान करने और 100% डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के संबंध में दिशानिर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे.
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नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट में हुआ था जबरदस्त इजाफा
बता दें कि मोदी सरकार नोटबंदी के बाद से ही डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने में लगी हुई है. सरकार ने नोटबंदी के बाद भीम एप लॉन्च कर अपनी मंशा साफ कर दी थी.
![आरबीआई ने देश के सभी जिलों को 100 फीसदी डिजिटल पेमेंट अनुकूल बनाने का रखा लक्ष्य](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4650219_pic2.jpg)
वहीं, आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए आठ जनवरी 2019 को नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित का गठन किया था. समिति का मुख्य मकसद डिजिटल भुगतान की मजबूती और सुरक्षा को लेकर सुझाव देना था. नीलेकणि ने यह रिपोर्ट मई 2019 में आरबीआई को सौंप दी थी.
देश में डिजिटल भुगतान करने वालों की संख्या 10 करोड़
नीलेकणि ने अपने रिपोर्ट में बताया था कि भारत में डिजिटल भुगतान करने वालों की कुल संख्या 10 करोड़ के आस-पास है. रिपोर्ट के मुताबिक देश में डिजिटल लेनदेन प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष फिलहाल 22.42 प्रतिशत है.
साल 2023 तक डिजिटल लेनदेन में अमेरिका और चीन को पछाड़ देगा भारत
वहीं, एसोचैम-पीडब्ल्यूसी इंडिया के अध्ययन के अनुसार भारत में डिजिटल भुगतान 2019 के 64.8 अरब डॉलर के मुकाबले 2023 में 135.2 अरब डॉलर पर पहुंचने की संभावना है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत डिजिटल लेनदेन में बढ़ोतरी के मामले में चीन और अमेरिका को पछाड़ देगा. फिलहाल चीन इस मामले में 1.56 लाख करोड़ डॉलर के डिजिटल भुगतान के साथ अव्वल देश बना हुआ है.