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रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने दिया इस्तीफा

जनवरी 2017 में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर नियुक्त हुए आचार्य केंद्रीय बैंक के सरकार द्वारा जनता पर व्यय के समर्थन में बार-बार रेपो दर कम करने और धीमी हो रही वृद्धि दर से निपटने को खपत बढ़ाने वाले कदम उठाने के फैसलों के खिलाफ थे.

रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने दिया इस्तीफा
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Published : Jun 24, 2019, 11:43 AM IST

Updated : Jun 24, 2019, 1:05 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कार्यकाल पूरा होने से छह महीना पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. आचार्य गवर्नर उर्जित पटेल के बाद इस्तीफा देने वाले आरबीआई के दूसरे शीर्ष अधिकारी हैं. उर्जित ने पिछले साल दिसंबर में इस्तीफा दिया था.

सूत्रों ने कहा कि जनवरी 2017 में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर नियुक्त हुए आचार्य केंद्रीय बैंक के सरकार द्वारा जनता पर व्यय के समर्थन में बार-बार रेपो दर कम करने और धीमी हो रही वृद्धि दर से निपटने को खपत बढ़ाने वाले कदम उठाने के फैसलों के खिलाफ थे.

सूत्रों ने कहा कि आचार्य ने ऐसे कदमों को राजकोषीय अनुशासन को जोखिम के तौर पर देखा और वे उन निर्णयों में शामिल नहीं रहना चाहते थे.

ये भी पढ़ें: बजट 2019: अर्थशास्त्री ने कहा- जनता से किए वादों को पूरा करना मोदी सरकार के लिए मुश्किल

आरबीआई ने हालांकि इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और ना ही आचार्य ने इस संबंध में कोई बयान दिया है.

अर्थव्यवस्था बढ़ाने के लिए आरबीआई ने जून में रेपो दर घटाकर 5.25 प्रतिशत कर दी थी.

आचार्य अब न्यूयार्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस फरवरी 2020 के बजाय इसी साल अगस्त में लौट जाएंगे.

आचार्य के बाद आरबीआई में अब तीन डिप्टी गवर्नर- एन.एस. विश्वनाथन, बी.पी. कानूनगो और एम.के. जैन हैं.

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कार्यकाल पूरा होने से छह महीना पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. आचार्य गवर्नर उर्जित पटेल के बाद इस्तीफा देने वाले आरबीआई के दूसरे शीर्ष अधिकारी हैं. उर्जित ने पिछले साल दिसंबर में इस्तीफा दिया था.

सूत्रों ने कहा कि जनवरी 2017 में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर नियुक्त हुए आचार्य केंद्रीय बैंक के सरकार द्वारा जनता पर व्यय के समर्थन में बार-बार रेपो दर कम करने और धीमी हो रही वृद्धि दर से निपटने को खपत बढ़ाने वाले कदम उठाने के फैसलों के खिलाफ थे.

सूत्रों ने कहा कि आचार्य ने ऐसे कदमों को राजकोषीय अनुशासन को जोखिम के तौर पर देखा और वे उन निर्णयों में शामिल नहीं रहना चाहते थे.

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आरबीआई ने हालांकि इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और ना ही आचार्य ने इस संबंध में कोई बयान दिया है.

अर्थव्यवस्था बढ़ाने के लिए आरबीआई ने जून में रेपो दर घटाकर 5.25 प्रतिशत कर दी थी.

आचार्य अब न्यूयार्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस फरवरी 2020 के बजाय इसी साल अगस्त में लौट जाएंगे.

आचार्य के बाद आरबीआई में अब तीन डिप्टी गवर्नर- एन.एस. विश्वनाथन, बी.पी. कानूनगो और एम.के. जैन हैं.

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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपना कार्यकाल पूरा होने से छह महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया है. वह मौद्रिक नीति विभाग के प्रमुख थे। सूत्रों ने इस आशय की जानकारी दी.

पिछले छह महीने में रिजर्व बैंक से इस्तीफा देने वाली आचार्य दूसरे बड़े पदाधिकारी हैं. दिसंबर 2018 में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकार के साथ मतभेदों के कारण कार्यकाल पूरा होने से नौ महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया था.

सितंबर 2016 में पटेल को गवर्नर के तौर पर पदोन्नत किये जाने के बाद 23 जनवरी 2018 को आचार्य रिजर्व बैंक से जुड़े.

आरबीआई में अब तीन डिप्टी गवर्नर एन. एस. विश्वनाथन, बी. पी. कानूनगो और एम. के. जैन बचे हैं. आचार्य की नियुक्ति तीन साल के लिये हुई थी.

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Last Updated : Jun 24, 2019, 1:05 PM IST
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