नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र (parliament winter session) में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाने से जुड़े सवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Cryptocurrency Bill Finance Minister Reply) ने कहा है कि सरकार विधेयक लाकर क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन (cryptocurrency regulation) पर प्रतिबद्ध है. उन्होंने भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी (BJP MP Sushil Kumar Modi) के सवाल पर यह जवाब दिया. क्रिप्टोकरेंसी से आय और इन पर चुकाए गए आयकर से सरकार मिले राजस्व को लेकर सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि अभी उनके पास पूरी सूचना नहीं है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि संसद के मॉनसून सत्र में भी क्रिप्टोकरेंसी पर विधेयक लाने का प्रयास किया गया था. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर कई अन्य पहलू सरकार के सामने आए, ऐसे में विधेयक में कई बदलाव किए जाने की जरूरत थी.
वित्त मंत्री ने बताया कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी विनियमित नहीं है और सरकार क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन से जुड़े आकंड़े एकत्र नहीं करती है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार, रिजर्व बैंक और 'सेबी' लोगों को क्रिप्टोकरेंसी के बारे में आगाह करते रहे हैं कि यह 'काफी जोखिम भरा' क्षेत्र हो सकता है और इस संबंध में और जागरूकता पैदा करने की जरूरत है.
वित्त मंत्री ने कहा कि शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल (Cryptocurrency Bill parliament winter session) लाया जाएगा. मॉनसून सत्र में विधेयक नहीं आ सका, ऐसे में इस सत्र में भी क्रिप्टोकरेंसी पर बिल पेश किए जाने पर आशंका जताना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद सरकार संसद में बिल पेश करेगी.
क्रिप्टोकरेंसी का प्रचार बैन करने पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि मीडिया में प्रचार की गाइडलाइन तय करने के लिए एएससीआई लगातार काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन और एएससीआई की गाइडलाइन का अध्ययन कर रही है. इसके बाद जो भी फैसला लिया जाएगा, सरकार सूचित करेगी.
इससे पहले क्रिप्टोकरेंसी के प्रचार पर सुशील कुमार मोदी ने सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि टीवी, प्रिंट और सोशल मीडिया पर कई प्रचार ऐसे आए जिनमें निवेशकों को लुभाया जा रहा है. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि क्रिकेट वर्ल्डकप 2020 के दौरान 50 करोड़ रुपये से अधिक राशि क्रिप्टो एक्सचेंज कंपनियों ने खर्च कर दिए. ऐसे में सरकार क्या इन प्रचारों पर रोक लगाएगी ?
क्रिप्टोकरेंसी पर आरबीआई के बयान को लेकर सुशील मोदी ने कहा कि बयान अंग्रेजी के अखबारों में छपे. आम जनता ने इन्हें पढ़ा नहीं. उन्होंने पूछा कि सरकार क्या हिंदी और अंग्रेजी के अखबारों के साथ क्या क्षेत्रीय संस्करणों में सरकार की ओर से कोई एड दिए जाएंगे.
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उन्होंने कहा कि जो एड क्रिप्टोकरेंसी पर गुमराह करते हैं, उनमें कोई वैधानिक चेतावनी भी नहीं होती है. ऐसे में क्या सरकार गुमराह करने वाले प्रचार पर रोक लगाने की योजना बना रही है ? उन्होंने कहा कि आम लोगों को करोड़ों रुपये का नुकसान होने की आशंका है, ऐसे में अभी जबकि क्रिप्टोकरेंसी पर संसद में विधेयक पारित होने को लेकर अनिश्चितता है, क्या सरकार बिल पारित होने तक गुमराह करने वाले प्रचार प्रतिबंधित करने पर विचार करेगी ?
गौरतलब है कि फरवरी, 2021 में ईटीवी भारत ने पूर्व वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से बात की थी. उन्होंने आश्वस्त किया था कि क्रिप्टोकरेंसी पर रिजर्व बैंक के फैसले के बाद केंद्र सरकार भारत सरकार ने एक अंतर-मंत्रालय समिति का गठन किया है. उन्होंने कहा था कि संसद के मॉनसून सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाया जा सकता है.