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भारत-अमेरिका व्यावसायिक सम्मेलन को संबोधित करेंगे सीतारमण, जयशंकर और पोम्पियो - जयशंकर और पाम्पियो

अमेरिका- भारत व्यवसाय परिषद (यूएसआईबीसी) द्वारा आयोजित किया जाने वाला यह सम्मेलन 21 और 22 जुलाई को दो दिन चलेगा. यूएसआईबीसी की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने पीटीआई- भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, "इस साल के सम्मेलन का विषय बेहतर भविष्य का निर्माण पर केन्द्रित होगी. हम अमेरिका- भारत गलियारा को लेकर मजबूती के साथ प्रतिबद्ध हैं, इससे बेहतर भविष्य का निर्माण होगा."

भारत-अमेरिका व्यावसायिक सम्मेलन को संबोधित करेंगे सीतारमण, जयशंकर और पोम्पियो
भारत-अमेरिका व्यावसायिक सम्मेलन को संबोधित करेंगे सीतारमण, जयशंकर और पोम्पियो
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Published : Jul 13, 2020, 3:03 PM IST

वाशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले सप्ताह दोनों देशों के बड़े-बड़े उद्योगपतियों और आर्थिक विशेषज्ञों की उपस्थिति वाले बड़े शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे. यह वर्चुअल सम्मेलन दुनियाभर में कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव और चीन की आक्रामक कार्रवाई के बीच हो रहा है जिसमें दोनों देशों और दुनिया के लिये बेहतर भविष्य पर चर्चा होगी.

अमेरिका- भारत व्यवसाय परिषद (यूएसआईबीसी) द्वारा आयोजित किया जाने वाला यह सम्मेलन 21 और 22 जुलाई को दो दिन चलेगा. यूएसआईबीसी की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने पीटीआई- भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, "इस साल के सम्मेलन का विषय बेहतर भविष्य का निर्माण पर केन्द्रित होगी. हम अमेरिका- भारत गलियारा को लेकर मजबूती के साथ प्रतिबद्ध हैं, इससे बेहतर भविष्य का निर्माण होगा."

ये भी पढ़ें- बिना गारंटी वाले कर्ज के लिये बैंकों के पास बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं एमएसएमई: सर्वेक्षण

बिस्वाल ने कहा कि भारत और अमेरिका और उनके उद्योग साथ मिलकर काम कर रहे हैं. दोनों के मिलकर काम करने से न केवल ये दोनों देशों और उनके लोगों के लिये बेहतर भविष्य बनायेंगे बल्कि ये पूरी दुनिया के लिये भी बेहतर भविष्य बनाने में सहायक होंगे. इस साल होने इंडिया आइडिया सम्मेलन में हम इसी मुद्दे पर गौर कर रहे हैं.

वर्चुअल सम्मेलन की शुरुआत 21 जुलाई को उद्घाटन के मौके पर भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेसमैन डा. अमि बेरा और वाणिज्य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री मंत्री पीयूष गोयल के बीच वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और कोविड 19 से मुकाबला पर मुख्य परिचर्चा होगी.

उसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कार्यक्रम में यूएसआईबीसी सदस्यों को संबोधित करते हुये भारत की आर्थिक स्थिति में आ रहे सुधार और कोविड-19 महामारी के बाद भविष्य के आर्थिक वृद्धि मार्ग के बारे में अपनी दृष्टि से अवगत करायेंगी.

उनके बाद आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार को लेकर परिचर्चा में शामिल होंगे. शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन 22 जुलाई को यूएस चैंबर आफ कामर्स के सीईओ थामस जे डोनोह्यू के स्वागत भाषण के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर कार्यक्रम में शामिल होंगे और सिनेटर मार्क वारनर के साथ परिचर्चा में भाग लेंगे. यह चर्चा कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक प्रतिक्रिया का किस प्रकार अमेरिका और भारत नेतृत्व कर सकते हैं.

चर्चा का संचालन पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्टीफन हेडले करेंगे. इसके तुरंत बाद अमेरिका के विदेश मंत्री पोम्पियो सम्मेलन में मूख्यवक्ता के तौर पर भाषण देंगे और उसके बाद महामारी के बाद की दुनिया में भारत- अमेरिका के रिश्तों के भविष्य को लेकर चर्चा होगी. इस चर्चा में अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधु और भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर भाग लेंगे.

पोम्पियो पहले ही चीन पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं और उन्होंने कहा है कि बीजिंग की आक्रामक कार्रवाई के खिलाफ भारतीयों ने बेहतर प्रतिक्रिया दी है. भारत और चीन के बीच हाल में तनाव काफी बढ़ गया था. दोनों देशों की सेनायें पूर्वी लद्दाख में 5 मई के बाद से आमने सामने थी.

दोनों के बीच उस समय तनाव काफी बढ़ गया जब गलवन घाटी में दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान मारे गये. बहरहाल, दोनों पक्ष तनाव को कम करने और स्थिति को शांत करने को लेकर बातचीत में लगे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले सप्ताह दोनों देशों के बड़े-बड़े उद्योगपतियों और आर्थिक विशेषज्ञों की उपस्थिति वाले बड़े शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे. यह वर्चुअल सम्मेलन दुनियाभर में कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव और चीन की आक्रामक कार्रवाई के बीच हो रहा है जिसमें दोनों देशों और दुनिया के लिये बेहतर भविष्य पर चर्चा होगी.

अमेरिका- भारत व्यवसाय परिषद (यूएसआईबीसी) द्वारा आयोजित किया जाने वाला यह सम्मेलन 21 और 22 जुलाई को दो दिन चलेगा. यूएसआईबीसी की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने पीटीआई- भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, "इस साल के सम्मेलन का विषय बेहतर भविष्य का निर्माण पर केन्द्रित होगी. हम अमेरिका- भारत गलियारा को लेकर मजबूती के साथ प्रतिबद्ध हैं, इससे बेहतर भविष्य का निर्माण होगा."

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बिस्वाल ने कहा कि भारत और अमेरिका और उनके उद्योग साथ मिलकर काम कर रहे हैं. दोनों के मिलकर काम करने से न केवल ये दोनों देशों और उनके लोगों के लिये बेहतर भविष्य बनायेंगे बल्कि ये पूरी दुनिया के लिये भी बेहतर भविष्य बनाने में सहायक होंगे. इस साल होने इंडिया आइडिया सम्मेलन में हम इसी मुद्दे पर गौर कर रहे हैं.

वर्चुअल सम्मेलन की शुरुआत 21 जुलाई को उद्घाटन के मौके पर भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेसमैन डा. अमि बेरा और वाणिज्य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री मंत्री पीयूष गोयल के बीच वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और कोविड 19 से मुकाबला पर मुख्य परिचर्चा होगी.

उसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कार्यक्रम में यूएसआईबीसी सदस्यों को संबोधित करते हुये भारत की आर्थिक स्थिति में आ रहे सुधार और कोविड-19 महामारी के बाद भविष्य के आर्थिक वृद्धि मार्ग के बारे में अपनी दृष्टि से अवगत करायेंगी.

उनके बाद आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार को लेकर परिचर्चा में शामिल होंगे. शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन 22 जुलाई को यूएस चैंबर आफ कामर्स के सीईओ थामस जे डोनोह्यू के स्वागत भाषण के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर कार्यक्रम में शामिल होंगे और सिनेटर मार्क वारनर के साथ परिचर्चा में भाग लेंगे. यह चर्चा कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक प्रतिक्रिया का किस प्रकार अमेरिका और भारत नेतृत्व कर सकते हैं.

चर्चा का संचालन पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्टीफन हेडले करेंगे. इसके तुरंत बाद अमेरिका के विदेश मंत्री पोम्पियो सम्मेलन में मूख्यवक्ता के तौर पर भाषण देंगे और उसके बाद महामारी के बाद की दुनिया में भारत- अमेरिका के रिश्तों के भविष्य को लेकर चर्चा होगी. इस चर्चा में अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधु और भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर भाग लेंगे.

पोम्पियो पहले ही चीन पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं और उन्होंने कहा है कि बीजिंग की आक्रामक कार्रवाई के खिलाफ भारतीयों ने बेहतर प्रतिक्रिया दी है. भारत और चीन के बीच हाल में तनाव काफी बढ़ गया था. दोनों देशों की सेनायें पूर्वी लद्दाख में 5 मई के बाद से आमने सामने थी.

दोनों के बीच उस समय तनाव काफी बढ़ गया जब गलवन घाटी में दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान मारे गये. बहरहाल, दोनों पक्ष तनाव को कम करने और स्थिति को शांत करने को लेकर बातचीत में लगे हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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