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भारत की पश्चिमी सीमा पर सौर, पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की योजना - भारत की पश्चिमी सीमा पर सौर

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सचिव आनंद कुमार ने बताया कि हम भूमि व्यवहार्यता का अध्ययन कर रहे हैं. हमने गुजरात में 30 गीगावाट क्षमता और राजस्थान में 25 गीगावाट क्षमता की परियोजनाओं की पहचान की है.

भारत की पश्चिमी सीमा पर सौर, पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की योजना
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Published : Oct 21, 2019, 11:34 PM IST

मुंबई: भारत की पश्चिमी सीमा के पास सौर एवं पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की योजना है. एक अधिकारी ने सोमवार को यह बात कही. इसका उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर देश की निर्भरता को कम करना है.

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सचिव आनंद कुमार ने बताया, "हम भूमि व्यवहार्यता का अध्ययन कर रहे हैं. हमने गुजरात में 30 गीगावाट क्षमता और राजस्थान में 25 गीगावाट क्षमता की परियोजनाओं की पहचान की है."

ये भी पढ़ें- आईएमएफ में कोटा बढ़ाने को लेकर पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाना निराशाजनक: सीतारमण

उन्होंने कहा कि अध्ययन के बाद और रक्षा मंत्रालय से मंजूरी के बाद इस परियोजना पर 18 महीने में काम शुरू होगा. कुमार ने कहा, "इन परियोजनाओं से देश का कार्बन उत्सर्जन कम करने और 2015 पेरिस समझौते की प्रतिबद्धता को पूरा करने में मदद मिलेगी."

मुंबई: भारत की पश्चिमी सीमा के पास सौर एवं पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की योजना है. एक अधिकारी ने सोमवार को यह बात कही. इसका उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर देश की निर्भरता को कम करना है.

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सचिव आनंद कुमार ने बताया, "हम भूमि व्यवहार्यता का अध्ययन कर रहे हैं. हमने गुजरात में 30 गीगावाट क्षमता और राजस्थान में 25 गीगावाट क्षमता की परियोजनाओं की पहचान की है."

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उन्होंने कहा कि अध्ययन के बाद और रक्षा मंत्रालय से मंजूरी के बाद इस परियोजना पर 18 महीने में काम शुरू होगा. कुमार ने कहा, "इन परियोजनाओं से देश का कार्बन उत्सर्जन कम करने और 2015 पेरिस समझौते की प्रतिबद्धता को पूरा करने में मदद मिलेगी."

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भारत की पश्चिमी सीमा पर सौर, पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की योजना

मुंबई: भारत की पश्चिमी सीमा के पास सौर एवं पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने की योजना है. एक अधिकारी ने सोमवार को यह बात कही. इसका उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर देश की निर्भरता को कम करना है. 

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सचिव आनंद कुमार ने बताया, "हम भूमि व्यवहार्यता का अध्ययन कर रहे हैं. हमने गुजरात में 30 गीगावाट क्षमता और राजस्थान में 25 गीगावाट क्षमता की परियोजनाओं की पहचान की है." 

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उन्होंने कहा कि अध्ययन के बाद और रक्षा मंत्रालय से मंजूरी के बाद इस परियोजना पर 18 महीने में काम शुरू होगा. कुमार ने कहा, "इन परियोजनाओं से देश का कार्बन उत्सर्जन कम करने और 2015 पेरिस समझौते की प्रतिबद्धता को पूरा करने में मदद मिलेगी."


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