नई दिल्ली : निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफ़सी बैंक के अध्यक्ष दीपक पारेख ने आवास ऋण के नियमों में बदलाव की जरूरत बताते हुए कहा कि समय से पहले कर्ज चुकाने पर कोई दंड/शुल्क न होने से आवास वित्तीय कंपनियों के लिए ग्राहकों को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है.
उन्होंने कहा कि परिवर्तनशील ब्याज दर वाले आवास ऋण के पूर्व भुगतान पर किसी शुल्क की व्यवस्था नहीं है. जिससे ऋण लेने वालों को अन्य ऋणदाता कम दर और बढ़ी हुई ऋण राशि के माध्यम से लुभा रहे हैं.
पारेख ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट 2020-21 में शेयरधारकों को अपने संदेश में कहा कि आवास ऋण के लिए ग्राहको जोड़ने में काफी मेहनत और लागत भी लगती है. ग्राहकों को बनाए रखना आवास ऋण कंपनियां के लिए चुनौती भरा काम है.
उन्होंने कहा, 'ऋणदाता कंपनियां अपने मौजूदा ग्राहकों को अन्य ऋणदाताओं के पास नहीं जाने देना चाहतीं, जो अक्सर ऋण राशि बढ़ाने के लिए कम ब्याज दरों के माध्यम से उन्हें लुभाते हैं.'
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एचडीएफ़सी बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि ऋणों के अधिशेष का हस्तांतरण होने से मात्र एक ही सम्पत्ति एक कंपनी के पास से दूसरी कंपनी के पास चली जाती है. इससे न तो कर्ज कारोबार का विस्तार होता है और न ही घर खरीदार बढ़ते हैं.
(पीटीआई-भाषा)