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कोरोना वायरस: 2020 में चार-पांच करोड़ किलो कम रह सकता है संगठित क्षेत्र का चाय उत्पादन - कोरोना वायरस

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक रिपोर्ट में कहा कि उत्पादकता के स्तर में भारी कमी आने की संभावना है, क्योंकि केवल 50 प्रतिशत मजदूरों को ही चाय बागानों में काम करने की अनुमति है.

कोरोना वायरस: 2020 में चार-पांच करोड़ किलो कम रह सकता है संगठित क्षेत्र का चाय उत्पादन
कोरोना वायरस: 2020 में चार-पांच करोड़ किलो कम रह सकता है संगठित क्षेत्र का चाय उत्पादन
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Published : Apr 13, 2020, 10:48 PM IST

मुंबई: संगठित चाय बागान क्षेत्र का पहले दौर की पत्तियों का उत्पादन कैलेंडर वर्ष 2020 के दौरान 4.5-पांच करोड़ किलो तक कम रह सकता है. एक रिपोर्ट में शयह जानकारी दी गई है.

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक रिपोर्ट में कहा कि उत्पादकता के स्तर में भारी कमी आने की संभावना है, क्योंकि केवल 50 प्रतिशत मजदूरों को ही चाय बागानों में काम करने की अनुमति है.

कोविड-19 महामारी के प्रसार की रोकथाम के लिए, सरकार ने चाय उद्योग को लॉकडाउन से मुक्त कर दिया है लेकिन यह शर्त लगाई है कि काम के समय में केवल 50 प्रतिशत मजदूरों को ही रखा जायेगा.

ये भी पढ़ें: कोरोना: रीयल एस्टेट कंपनियों को क्षेत्र में वेतन में कटौती, रोजगार जाने की आशंका

इक्रा के उपाध्यक्ष और सेक्टर प्रमुख, कॉर्पोरेट सेक्टर रेटिंग, कौशिक दास ने कहा, "हमारे अनुमान के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2020 में मुख्यत: उत्तरी भारत स्थित संगठित कारोबारियों के पहली तुड़ाई किस्म के साथ वार्षिक उत्पादन के 6-7 प्रतिशत, और दक्षिण भारत से 5-6 प्रतिशत तुड़ाई का काम प्रभावित होने की संभावना है."

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: संगठित चाय बागान क्षेत्र का पहले दौर की पत्तियों का उत्पादन कैलेंडर वर्ष 2020 के दौरान 4.5-पांच करोड़ किलो तक कम रह सकता है. एक रिपोर्ट में शयह जानकारी दी गई है.

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक रिपोर्ट में कहा कि उत्पादकता के स्तर में भारी कमी आने की संभावना है, क्योंकि केवल 50 प्रतिशत मजदूरों को ही चाय बागानों में काम करने की अनुमति है.

कोविड-19 महामारी के प्रसार की रोकथाम के लिए, सरकार ने चाय उद्योग को लॉकडाउन से मुक्त कर दिया है लेकिन यह शर्त लगाई है कि काम के समय में केवल 50 प्रतिशत मजदूरों को ही रखा जायेगा.

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इक्रा के उपाध्यक्ष और सेक्टर प्रमुख, कॉर्पोरेट सेक्टर रेटिंग, कौशिक दास ने कहा, "हमारे अनुमान के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2020 में मुख्यत: उत्तरी भारत स्थित संगठित कारोबारियों के पहली तुड़ाई किस्म के साथ वार्षिक उत्पादन के 6-7 प्रतिशत, और दक्षिण भारत से 5-6 प्रतिशत तुड़ाई का काम प्रभावित होने की संभावना है."

(पीटीआई-भाषा)

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