नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल से ही देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सभी तरह के सामानों की आवाजाही की अनुमति दे रखी है. इस आदेश के बाद बावजूद अभी भी नेशलन हाई-वे पर ट्रकों की आवाजाही सिर्फ 20 फीसदी ही हो पा रही है. एक जानकारी के मुताबिक, सिर्फ आवश्यक सामानों की आवाजाही ही पूर्ण रूप से हो रही है, इसके अलावा अन्य सामानों की आवाजाही नहीं के बराबर है.
इस बाबत ऑल इंडिया मोटर ट्रान्सपोर्ट कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी नवीन कुमार गुप्ता ने आइएएनएस से कहा, "इसकी वजह साफ है. ड्राइवर लंबे समय से राष्ट्रीय राजमार्गों पर फंसे हुए थे, अब वे अपने घर को जाना चाहते हैं. लिहाजा गाड़ियों को गोदामों में खड़ी कर अपने-अपने घर जाने को आतुर हैं."
उन्होंने कहा, "कई गाड़ियां गोदामों में खड़ी हैं, वहां मजदूरों की कमी की वजह से अनलोड नहीं किया गया है. गृह मंत्रालय द्वारा आदेश देने के बावजूद स्थानीय प्रशासन का ट्रक चालकों पर दबाव बना रहता है."
नवीन गुप्ता ने बताया, "देश के कई भागों में सरकार के गाइडलाइंस का पालन करने के बहाने ट्रक परिचालन में बाधा उत्पन्न की जा रही है. वैसे तो 29 मार्च के गृह मंत्रालय के आदेश के बाद से आवश्यक समानों की आवाजाही जारी है, लेकिन 20 अप्रैल के आदेश में सभी तरह सामानों की आवाजाही की इजाजत दी गई थी. इसके बावजूद 76 लाख ऑन रोड ट्रकों में सिर्फ 20 फीसदी का ही परिचालन हो पा रहा है."
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय के आदेश के बाद भी राज्यों में ट्रकों के परिचालन में बाधा आ रही है. उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जगहों से ट्रकों को लोकल प्रशासन द्वारा रोके जाने की खबर आई है. मोटर ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोग कहते हैं कि सरकार अपने विवेक से काम कर रही है, आर्डर निकाल रही है. लेकिन जमीन पर उसका ठीक से पालन नही हो पा रहा है.
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राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रक परिचालन में लगे ड्राइवरो को खाने पीने में दिक्कत आ रही है. एनएच पर अधिकतर ढाबे अभी भी बंद पड़े हैं. इधर रोड ट्रांसपोर्ट से जुड़े एक बड़े अधिकारी ने कहा, "खाने पीने के लिए 165 से ज्यादा टोल प्लाजा और पेट्रोल पंप पर व्यवस्था की गई है. अभी शुरुआती दिनों में दिक्कतें तो जरूर हैं, लेकिन धीरे धीरे सारी समस्याओं को दूर कर लिया जाएगा."
उनका कहना था कि अधिकतर इंडस्ट्री बंद हैं, इसलिए ट्रक की आवाजाही कम है.
(आईएएनएस)