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व्हाट्सएप डेटा स्थानीयकरण नियम का अनुपालन दो माह में कर लेगी पूरा: एनपीसीआई

भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में भुगतान सेवाएं देने वाली कंपनियों के लिए आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर ही रखे जाने का नियम बनाया है. गूगल, अमेजन, मास्टर कार्ड, वीजा, पे-पाल समेत अन्य विदेशी भुगतान सेवा कंपनियों को इसका पालन करना है.

व्हाट्सएप डेटा स्थानीयकरण नियम का अनुपालन दो माह में कर लेगी पूरा: एनपीसीआई
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Published : Oct 14, 2019, 1:31 PM IST

Updated : Oct 17, 2019, 12:05 PM IST

मुंबई: फेसबुक के स्वामित्व वाली संदेश सेवा कंपनी व्हाट्सएप अगले दो माह में आंकड़ों के स्थानीयकरण नियम का अनुपालन पूरा कर लेगी इसके बाद वह देश में अपनी बहुप्रतीक्षित भुगतान सेवाएं शुरू कर सकती है.

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के मुख्य कार्यकारी दिलीप अस्बे ने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में यह बात कही.

उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में भुगतान सेवाएं देने वाली कंपनियों के लिए आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर ही रखे जाने का नियम बनाया है. गूगल, अमेजन, मास्टर कार्ड, वीजा, पे-पाल समेत अन्य विदेशी भुगतान सेवा कंपनियों को इसका पालन करना है.

ये भी पढ़ें- दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के पहलुओं का अध्ययन करेगा सीसीआई

इन नियमों के आधार पर इन कंपनियों को लेनदेन के आंकड़े देश में ही सुरक्षित करने हैं और ऐसे आंकड़ों को अपने विदेशी सर्वरों से 24 घंटे के भीतर मिटाना है.

अस्बे ने कहा कि व्हाट्सएप की भुगतान सेवा शुरू होने के बाद भी घरेलू अर्थव्यवस्था में नकदी की अधिकता को कम करने में दो वर्ष तक का समय लग सकता है. अर्थव्यवस्था में नकदी वर्चस्व को कम करने के लिए डिजिटल माध्यम से लेनदेन करने वालों की संख्या कम से कम 30 करोड़ होनी चाहिये.

व्हाट्सएप ने पिछले साल देश में अपनी भुगतान सेवा का परीक्षण शुरू किया था. अन्य सभी हितधारक इसकी आधिकारिक शुरुआत को लेकर नजर रखे हुए हैं. इसकी वजह व्हाट्सएप के साथ 30 करोड़ से अधिक लोगों का जुड़ा होना है. अधिकतर को लगता है कि व्हाट्सएप देश में चीन की ‘वी-चैट’ जैसी कहानी को दोहरा सकता है जिसने वहां डिजिटल भुगतान को बढ़ाने में बहुत मदद की है.

अस्बे ने कहा, "अभी भी कुछ मध्यस्थ कंपनियां हैं जहां इस दिशा (सूचनाओं के स्थानीयकरण) में काम प्रगति पर है. पहली कंपनी गूगल और दूसरी व्हाट्सएप है. हमारा मानना है कि व्हाट्सएप अगले दो महीनों में खुद को नियमों के अनुरूप तैयार कर लेगा."

व्हाट्सएप ने अभी भुगतान सेवा का उपयोग करने वाले ग्राहकों की सेवा को 10 लाख तक सीमित किया हुआ है क्योंकि रिजर्व बैंक की शर्त के मुताबिक ग्राहकों से संबंधित आंकड़ों के स्थानीयकरण नियम के अनुपालन में अभी उसे और समय लगेगा.

अस्बे ने कहा कि रिजर्व बैंक की सूची में शामिल कंपनी द्वारा तीसरे पक्ष के तौर पर व्हाट्सएप के अनुपालन कामकाज का ऑडिट कर रहा है. आडिट कंपनी काम पूरा होने के बाद हम भी इसकी समीक्षा करेंगे और फिर देखेंगे कि किस प्रकार आगे बढ़ा जा सकता है.

अस्बे ने इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया कि व्हट्सएप लीडरशिप टीम की हाल में शहर की यात्रा के दौरान उनकी कोई मुलाकात नहीं हुई. उन्होंने यह भी कहा कि अन्य आवेदक जैसे कि शियोमी, अमेजन पे और ट्रयूकॉलर डेटा स्थानीयकरण नियम की वजह से अभी तक अपनी भुगतान सेवा शुरू नहीं कर पाये हैं.

मुंबई: फेसबुक के स्वामित्व वाली संदेश सेवा कंपनी व्हाट्सएप अगले दो माह में आंकड़ों के स्थानीयकरण नियम का अनुपालन पूरा कर लेगी इसके बाद वह देश में अपनी बहुप्रतीक्षित भुगतान सेवाएं शुरू कर सकती है.

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के मुख्य कार्यकारी दिलीप अस्बे ने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में यह बात कही.

उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में भुगतान सेवाएं देने वाली कंपनियों के लिए आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर ही रखे जाने का नियम बनाया है. गूगल, अमेजन, मास्टर कार्ड, वीजा, पे-पाल समेत अन्य विदेशी भुगतान सेवा कंपनियों को इसका पालन करना है.

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इन नियमों के आधार पर इन कंपनियों को लेनदेन के आंकड़े देश में ही सुरक्षित करने हैं और ऐसे आंकड़ों को अपने विदेशी सर्वरों से 24 घंटे के भीतर मिटाना है.

अस्बे ने कहा कि व्हाट्सएप की भुगतान सेवा शुरू होने के बाद भी घरेलू अर्थव्यवस्था में नकदी की अधिकता को कम करने में दो वर्ष तक का समय लग सकता है. अर्थव्यवस्था में नकदी वर्चस्व को कम करने के लिए डिजिटल माध्यम से लेनदेन करने वालों की संख्या कम से कम 30 करोड़ होनी चाहिये.

व्हाट्सएप ने पिछले साल देश में अपनी भुगतान सेवा का परीक्षण शुरू किया था. अन्य सभी हितधारक इसकी आधिकारिक शुरुआत को लेकर नजर रखे हुए हैं. इसकी वजह व्हाट्सएप के साथ 30 करोड़ से अधिक लोगों का जुड़ा होना है. अधिकतर को लगता है कि व्हाट्सएप देश में चीन की ‘वी-चैट’ जैसी कहानी को दोहरा सकता है जिसने वहां डिजिटल भुगतान को बढ़ाने में बहुत मदद की है.

अस्बे ने कहा, "अभी भी कुछ मध्यस्थ कंपनियां हैं जहां इस दिशा (सूचनाओं के स्थानीयकरण) में काम प्रगति पर है. पहली कंपनी गूगल और दूसरी व्हाट्सएप है. हमारा मानना है कि व्हाट्सएप अगले दो महीनों में खुद को नियमों के अनुरूप तैयार कर लेगा."

व्हाट्सएप ने अभी भुगतान सेवा का उपयोग करने वाले ग्राहकों की सेवा को 10 लाख तक सीमित किया हुआ है क्योंकि रिजर्व बैंक की शर्त के मुताबिक ग्राहकों से संबंधित आंकड़ों के स्थानीयकरण नियम के अनुपालन में अभी उसे और समय लगेगा.

अस्बे ने कहा कि रिजर्व बैंक की सूची में शामिल कंपनी द्वारा तीसरे पक्ष के तौर पर व्हाट्सएप के अनुपालन कामकाज का ऑडिट कर रहा है. आडिट कंपनी काम पूरा होने के बाद हम भी इसकी समीक्षा करेंगे और फिर देखेंगे कि किस प्रकार आगे बढ़ा जा सकता है.

अस्बे ने इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया कि व्हट्सएप लीडरशिप टीम की हाल में शहर की यात्रा के दौरान उनकी कोई मुलाकात नहीं हुई. उन्होंने यह भी कहा कि अन्य आवेदक जैसे कि शियोमी, अमेजन पे और ट्रयूकॉलर डेटा स्थानीयकरण नियम की वजह से अभी तक अपनी भुगतान सेवा शुरू नहीं कर पाये हैं.

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व्हाट्सएप डेटा स्थानीयकरण नियम का अनुपालन दो माह में कर लेगी पूरा: एनपीसीआई

मुंबई: फेसबुक के स्वामित्व वाली संदेश सेवा कंपनी व्हाट्सएप अगले दो माह में आंकड़ों के स्थानीयकरण नियम का अनुपालन पूरा कर लेगी इसके बाद वह देश में अपनी बहुप्रतीक्षित भुगतान सेवाएं शुरू कर सकती है. 

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के मुख्य कार्यकारी दिलीप अस्बे ने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में यह बात कही.

उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में भुगतान सेवाएं देने वाली कंपनियों के लिए आंकड़ों को स्थानीय स्तर पर ही रखे जाने का नियम बनाया है. गूगल, अमेजन, मास्टर कार्ड, वीजा, पे-पाल समेत अन्य विदेशी भुगतान सेवा कंपनियों को इसका पालन करना है. 

इन नियमों के आधार पर इन कंपनियों को लेनदेन के आंकड़े देश में ही सुरक्षित करने हैं और ऐसे आंकड़ों को अपने विदेशी सर्वरों से 24 घंटे के भीतर मिटाना है.

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अस्बे ने कहा कि व्हाट्सएप की भुगतान सेवा शुरू होने के बाद भी घरेलू अर्थव्यवस्था में नकदी की अधिकता को कम करने में दो वर्ष तक का समय लग सकता है. अर्थव्यवस्था में नकदी वर्चस्व को कम करने के लिए डिजिटल माध्यम से लेनदेन करने वालों की संख्या कम से कम 30 करोड़ होनी चाहिये.

व्हाट्सएप ने पिछले साल देश में अपनी भुगतान सेवा का परीक्षण शुरू किया था. अन्य सभी हितधारक इसकी आधिकारिक शुरुआत को लेकर नजर रखे हुए हैं. इसकी वजह व्हाट्सएप के साथ 30 करोड़ से अधिक लोगों का जुड़ा होना है. अधिकतर को लगता है कि व्हाट्सएप देश में चीन की ‘वी-चैट’ जैसी कहानी को दोहरा सकता है जिसने वहां डिजिटल भुगतान को बढ़ाने में बहुत मदद की है.

अस्बे ने कहा, "अभी भी कुछ मध्यस्थ कंपनियां हैं जहां इस दिशा (सूचनाओं के स्थानीयकरण) में काम प्रगति पर है. पहली कंपनी गूगल और दूसरी व्हाट्सएप है. हमारा मानना है कि व्हाट्सएप अगले दो महीनों में खुद को नियमों के अनुरूप तैयार कर लेगा."

व्हाट्सएप ने अभी भुगतान सेवा का उपयोग करने वाले ग्राहकों की सेवा को 10 लाख तक सीमित किया हुआ है क्योंकि रिजर्व बैंक की शर्त के मुताबिक ग्राहकों से संबंधित आंकड़ों के स्थानीयकरण नियम के अनुपालन में अभी उसे और समय लगेगा.

अस्बे ने कहा कि रिजर्व बैंक की सूची में शामिल कंपनी द्वारा तीसरे पक्ष के तौर पर व्हाट्सएप के अनुपालन कामकाज का ऑडिट कर रहा है. आडिट कंपनी काम पूरा होने के बाद हम भी इसकी समीक्षा करेंगे और फिर देखेंगे कि किस प्रकार आगे बढ़ा जा सकता है.

अस्बे ने इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया कि व्हट्सएप लीडरशिप टीम की हाल में शहर की यात्रा के दौरान उनकी कोई मुलाकात नहीं हुई. उन्होंने यह भी कहा कि अन्य आवेदक जैसे कि शियोमी, अमेजन पे और ट्रयूकॉलर डेटा स्थानीयकरण नियम की वजह से अभी तक अपनी भुगतान सेवा शुरू नहीं कर पाये हैं.


Conclusion:
Last Updated : Oct 17, 2019, 12:05 PM IST
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